आध्यात्म
होलिका दहन के लिए मिलेगा बहुत कम समय, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
नई दिल्ली। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन का पर्व मनाया जाता है। होलिका दहन के अगले दिन रंगों वाली होली होती है। इस साल होलिका दहन के लिए काफी कम समय तक ही शुभ मुहूर्त रहेगा।
हिंदू शास्त्रों के अनुसार, होलिका दहन प्रदोष काल (सूर्यास्त के ठीक बाद की अवधि) के दौरान किया जाना सबसे अच्छा माना जाता है। इस तिथि के पूर्वार्द्ध में भद्रा (अशुभ समय) प्रबल रहता है। इसलिए भद्रा के दौरान किसी भी शुभ कार्य से बचना चाहिए।
होलिका दहन 2023 शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल होलिका दहन 7 मार्च 2023 को किया जाएगा। 8 मार्च को रंगों वाली होली खेली जाएगी।
होलिका दहन का मुहूर्त- शाम 6 बजकर 24 मिनट से 8 बजकर 51 मिनट तक
अवधि- 2 घंटे 27 मिनट
भद्रा मुख समय- 7 मार्च को दोपहर 2 बजकर 58 मिनट से शाम 5 बजकर 6 मिनट तक
भद्रा पूंछ- 7 मार्च को शाम 4 बजकर 53 मिनट से 6 बजकर 10 मिनट तक
फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि आरंभ- 06 मार्च 2023 को शाम 04 बजकर 17 मिनट से शुरू
होलिका दहन पूजा विधि
शास्त्रों के अनुसार, होलिका दहन से पहले होलिका माई की पूजा विधिवत तरीके से करने का विधान है।
होलिका दहन के दिन सूर्योदय के समय सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें। इसके बाद साफ सुथरे वस्त्र धारण कर लें।
अब होलिका दहन वाले स्थान पर जाएं। यहां पर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं।
सबसे पहले गाय के गोबर से होलिका और प्रहलाद की प्रतिमाएं बनाएं।
अब हाथ धोकर पूजा प्रारंभ करें। सबसे पहले जल अर्पित करें।
अब रोली, अक्षत, फूल, माला, हल्दी, मूंग, बताशे, गुलाल, रंग, सात प्रकार के अनाज, गेहूं की बालियां, गन्ना,चना आदि एक-एक करके अर्पित कर दें।
इसके साथ ही भगवान नरसिंह की पूजा भी कर लें।
होलिका पूजा के बाद कच्चा सूत से होलिका की 5 या 7 बार परिक्रमा करके बांध दें।
इसके साथ ही सुख-समृद्धि की कामना करें।
होलिका दहन के समय अग्नि में जौ या फिर चावल जरूर डालें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती हैं।
डिसक्लेमर- उक्त जानकारी की सटीकता की हमारी गारंटी नहीं है। उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
आध्यात्म
महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन, सीएम योगी ने दी बधाई
लखनऊ ।लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन है. आज के दिन डूबते सूर्य को सायंकालीन अर्घ्य दिया जाएगा और इसकी तैयारियां जोरों पर हैं. आज नदी किनारे बने हुए छठ घाट पर शाम के समय व्रती महिलाएं पूरी निष्ठा भाव से भगवान भास्कर की उपासना करती हैं. व्रती पानी में खड़े होकर ठेकुआ, गन्ना समेत अन्य प्रसाद सामग्री से सूर्यदेव को अर्घ्य देती हैं और अपने परिवार, संतान की सुख समृद्धि की प्रार्थना करती हैं।
यूपी के मुख्यमंत्री ने भी दी बधाई।
महापर्व 'छठ' पर हमरे ओर से आप सब माता-बहिन आ पूरा भोजपुरी समाज के लोगन के बहुत-बहुत मंगलकामना…
जय जय छठी मइया! pic.twitter.com/KR2lpcamdO
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 7, 2024
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