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सुरेंद्र यादव का बयान बेहद आपत्तिजनक, मंत्रिमंडल से बर्खास्त करें CM नीतीश: नित्यानंद राय
नई दिल्ली। बिहार के सहकारिता मंत्री राजद नेता सुरेंद्र यादव को भारतीय सेना पर विवादित बयान देना भारी पड़ रहा है। पूरे देश में उनके इस बयान की आलोचना हो रही है। इसी क्रम में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने आज शुक्रवार को मांग की कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मंत्री सुरेंद्र यादव को सेना के जवान पर उनकी ‘आपत्तिजनक’ टिप्पणी के लिए बर्खास्त करना चाहिए।
अग्निवीरों को लेकर कही ये बात
बता दें कि सुरेंद्र यादव ने गुरुवार को कहा, “आज से ठीक 8.5 साल बाद, हमारी सेना को हिजड़ों की फौज के रूप में देखा जाएगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारे सेवारत जवान तब तक सेवानिवृत्त हो चुके होंगे और अग्निवीरों का प्रशिक्षण अभी भी जारी रहेगा। जो भी इस विचार के साथ आया उसको फांसी दी जानी चाहिए।”
हमारी सेना बहादुरी के लिए प्रसिद्ध
बिहार के मंत्री की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए, राय ने कहा कि कैबिनेट मंत्री के रूप में सुरेंद्र यादव का बयान बेहद आपत्तिजनक है। हमारी सेना अपनी बहादुरी के लिए प्रसिद्ध है। यह एक मौजूदा मंत्री के लिए खेदजनक और अत्यधिक आपत्तिजनक है। वह कहते हैं कि हमारी सेना गुलामों की सेना में बदल जाएगी।
राष्ट्र-विरोधी चरित्र
राय ने आगे कहा कि इस तरह की मूर्खतापूर्ण और आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बाद भी सुरेंद्र यादव का मंत्री बने रहना नीतीश कुमार सरकार द्वारा हमारी सेना और जवानों का सीधा अपमान है। यह केवल राजद और जदयू (सत्तारूढ़ सहयोगियों) के राष्ट्र-विरोधी चरित्र को दर्शाता है।
सुरेंद्र यादव को बर्खास्त करने की मांग
नित्यानंद राय ने कहा कि नीतीश जी और तेजस्वी जी को पता होना चाहिए कि हमारी सेना हमेशा अपनी बहादुरी और बलिदान के लिए जानी जाती है। देश हमारे सशस्त्र बलों का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा।
मैं नीतीश जी से पूछना चाहता हूं कि क्या उनमें राष्ट्रवाद की भावना है। उनमें थोड़ी भी देशभक्ति बची है। अगर हां, तो उन्हें तुरंत इस देशद्रोही मंत्री को बर्खास्त कर देना चाहिए, जिन्होंने अपने बयान से सेना को बदनाम किया है।
आपत्तिजनक बयान के लिए निष्कासित
उन्होंने कहा कि मैं तेजस्वी यादव (राजद प्रमुख और बिहार के डिप्टी सीएम) से भी कहना चाहता हूं कि सुरेंद्र यादव उनकी पार्टी के बड़े नेता हो सकते हैं, लेकिन उन्हें सेना के खिलाफ इस तरह के आपत्तिजनक बयान के लिए निष्कासित कर दिया जाना चाहिए। राजद का चरित्र हमारे देशवासियों के साथ-साथ हमारे जवानों के सामने भी उजागर होगा।
अग्निवीरों की भर्ती
गौरतलब है कि पिछले साल 14 जून को शुरू की गई अग्निपथ योजना के तहत तीनों सेनाएं 17.5 और 21 साल के आयु वर्ग में चार साल के लिए अग्निवीरों की भर्ती करेंगी और उनमें से 25 फीसदी को अगले 15 साल तक बनाए रखने का प्रावधान है। हालांकि, 2022 में अग्निवीरों की भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया गया था।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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