उत्तराखंड
उत्तराखंड हिमाचल बॉर्डर पर दर्दनाक हादसा, खाई में गिरी कार; चार लोगों की मौत
देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से लगे हिमाचल बॉर्डर पर दर्दनाक हादसा हो गया। जिसके कार सवार चार लोगों की मौके पर मौत हो गई है। मरने वालों में दो हिमाचल और दो विकासनगर के बताए जा रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक रविवार सुबह विकासनगर से मीनस की ओर जा रही एक कार क्वानू-मीनस मार्ग पर हिमाचल व उत्तराखंड बॉर्डर के समीप अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई और सीधे टोंस नदी में समा गई।
विकासनगर से हिमाचल के चौपाल जा रहे थे कार सवार
बताया जा रहा है कार सवार चार लोग विकासनगर से हिमाचल के चौपाल जा रहे थे। हादसे की सूचना से एसडीएम चकराता युक्ता मिश्रा के निर्देशन में राजस्व पुलिस और एसटीएफ की टीम रेस्क्यू के लिए घटनास्थल को रवाना हो गई।
राहत व बचाव कार्य को मौके पर पहुंचे ग्रामीण
कार के दुर्घटनाग्रस्त होने से आसपास के ग्रामीण राहत एवं बचाव कार्य को मौके पर पहुंचे। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कार सवार चार व्यक्तियों की मौके पर ही मौत हो गई।
मरने वालों में दो हिमाचल के बताए जा रहे हैं और दो अन्य की अभी पहचान नहीं हो पाई है। हालांकि उन्हें भी हिमाचल के नेरवा-चौपाल निवासी बताया जा रहा है। घटना के बाद से अभी तक स्थानीय प्रशासन की कोई टीम मौके पर नहीं पहुंची है।
मृतकों के नाम
संदीप पुत्र आत्मा राम निवासी नेरवा शिमला हिमाचल उम्र 35 वर्ष
मनोज जिंटा पुत्र केवल राम निवासी हिमाचल उम्र 32 वर्ष
दो मृतकों की अभी पहचान नहीं हो पाई है।
उत्तराखंड
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।
कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।
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