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उत्तर प्रदेश

संगीत के लिए अवार्ड बने हैं, अवार्ड के लिए संगीत नहीं: उस्ताद अहमद व मोहम्मद हुसैन

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Ustad Ahmed and Mohammad Hussain

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लखनऊ। चल मेरे साथ ही चल, आया तेरे दर पर दीवाना…आदि गजलों में अपनी सुरीली आवाज का जादू बिखेरने वाले उस्ताद अहमद हुसैन और उस्ताद मोहम्मद हुसैन की जोड़ी का नाम आज भी गजल प्रेमियों की पसंदीदा जोड़ियों में शुमार है। इनकी जोड़ी ने जहाँ भी गाया, वहाँ अपनी गायकी से वो समा पैदा किया कि हर कोई मंत्रमुग्ध होकर ‘वाह-वाह’ करने लगा।

यहां देखें पूरा साक्षात्कार 

गजल ब्रदर्स के नाम से मशहूर गजल गायकी की यही जोड़ी आज समाचार पोर्टल व न्यूज़ चैनल आज की खबर की कार्यालय में पधारी। उस्ताद अहमद हुसैन और उस्ताद मोहम्मद हुसैन को गायकी विरासत में मिली, उनके वालिद की उनके गुरु थे।

साक्षात्कार के दौरान गजल ब्रदर्स ने बताया कि हमारे पिता की हमारे गुरु भी थे लेकिन उन्होंने हमेशा यही कहा कि अपनी पहचान खुद बनाओ। जब मुझसे सीखने आओ तो शिष्य की तरह न कि बेटे की तरह आओ। अपना अंदाज़ स्वयं पैदा करो।

उन्होंने कहा लखनऊ से हमारा पुराना रिश्ता रहा है। कहा कि कोई भी काम आसान नहीं होता दिक्कतें तो आती ही हैं लेकिन मेहनत, लगन और रियाज से ही सफलता मिलती है, जूनून जरूरी है।

उन्होंने कहा हमने एक ही घर में जन्म लिया। हमारे पिताजी ने हमें यही सिखाया था कि हमेशा साथ काम करो। उन्होंने ही हमारी जोड़ी बनाई थी इसलिए हमारा यह रिश्ता कमजोर रिश्ता नहीं बल्कि एक खून, एक खयालात व एक सुर का रिश्ता है।

गजल ब्रदर्स ने बताया कि हमारे पिता ही हमारे मार्गदर्शक रहे हैं उन्होंने कहा था मेहनत, लगन और रियाज से ही सफलता मिलेगी हम अपने पिता के साथ महफ़िलों में जाया करते थे, काफी संघर्ष का समय था। मुंबई में अपनी पहचान बनाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा।

अपने पहले ब्रेक के बारे में उस्ताद अहमद हुसैन और उस्ताद मोहम्मद हुसैन ने बताया 1975 में कोलकाता में पंडित जसराज, पंडित भीमसेन जोशी, परवीन सुल्ताना जैसी हस्तियों के साथ पहली बार गाने का मौक़ा मिला। उससे पहले 1960 में उस्ताद बड़े गुलाम अली खान, उस्ताद अमीर खान की शागिर्दी भी प्राप्त हुआ।

उस्ताद अहमद हुसैन और उस्ताद मोहम्मद हुसैन ने बताया हसरत जयपुरी के लिखे ‘कह रहा है आपका हर शख्स दीवाना मुझे….’ के जरिए एल्बम रहनुमा बनाकर पिताजी को सच्ची गुरु दक्षिणा दी। जिसने अपने गुरुओं व माता-पिता को मान सम्मान दिया वह हमेशा खुश रहा।

दोनों के बीच कभी किसी भी तरह के विवाद न होने को लेकर एक सवाल के जवाब में कहा कि हमारे पिता ने हमें यही सिखाया कि कोई अवार्ड मिलता है तो दोनों का है, कोई तारीफ होती है तो दोनों की होती है इसीलिए आज तक हमारे बीच कोई विवाद नहीं हुआ। इस सवाल के जवाब में उन्होंने बशीर बद्र का एक शेर भी सुनाया।

अवार्ड मिलने के प्रश्न पर कहा कि संगीत के लिए अवार्ड बने हैं, अवार्ड के लिए संगीत नहीं। हमने शास्त्रीय संगीत अवार्ड के लिए नही सीखा हमारे पिता जी हमेशा कहते थे संतुष्ट रहना बहुत जरूरी है।

पद्मश्री अवार्ड मिलने पर राजस्थान सरकार व केंद्र सरकार का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि बहुत खुशी है कि कलाकारों का सम्मान हुआ। सबसे बड़ा सम्मान तब होता है जब लोग हमारा संगीत सुनते हैं।

पहले और अब के दौर के संघर्ष के बारे में कहा कि पहले सुविधाएँ नहीं होती थीं, पहले मशक्कत होती थी आज आर्डर होता है। हमलोग बैलगाड़ियों और पैदल तक जाकर प्रोग्राम देने जाते थे। आर्ट का काम कोई ठप्पा नहीं है, कलाकार रियाज और मेहनत से बनता है। हमलोग चार पांच घंटे तक रियाज़ करते थे। हार नहीं माननी चाहिए, लगातार मेहनत करते रहने से मंजिल जरूर मिलेगी।

कलाकारों को सम्मान देने के लिए उस्ताद अहमद हुसैन और उस्ताद मोहम्मद हुसैन ने उप्र सरकार व संगीत नाटक अकादमी का शुक्रिया कहा। उनकी कुछ प्रमुख एल्बम गुलदस्ता, हमख्याल, मेरी मोहब्बत, द ग्रेट गजल्स, कृष्ण जनम भयो आज, कशिश, रिफाकत, याद करते रहे, नूर-ए-इस्लाम आदि हैं।

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IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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