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ISRO ने लॉन्च किया देश का सबसे बड़ा LVM3 रॉकेट, एक साथ ले गया 36 उपग्रह

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LVM3-M3 OneWeb India-2

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श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 36 उपग्रहों को ले जाने वाला भारत का सबसे बड़ा LVM3 रॉकेट श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया है। ISRO ने इसे आज सुबह 9 बजे लॉन्च किया है।

मिशन को वनवेब इंडिया-2 दिया नाम

इसरो ने इस मिशन को LVM3-M3/OneWeb India-2 नाम दिया है। एलवीएम3 (जीएसएलवी-एमके तीन) तीन चरणों वाला रॉकेट है, इसमें पहले चरण में तरल ईंधन, ठोस ईंधन द्वारा संचालित दो स्ट्रैप ऑन मोटर, दूसरा तरल ईंधन द्वारा और तीसरा क्रायोजेनिक इंजन है।

ISRO के हैवी लिफ्ट रॉकेट की लो अर्थ ऑर्बिट में 10 टन और जियो ट्रांसफर ऑर्बिट तक चार टन की वहन क्षमता है। एलवीएम 3 ने अब तक चंद्रयान-2 मिशन सहित लगातार पांच सफल मिशन संचालित किया।

क्या है LVM3 रॉकेट

एलवीएम3-एम3 इसरो का भारी लिफ्ट रॉकेट है। वनवेब को भारत की दूरसंचार प्रमुख भारती समूह का समर्थन प्राप्त है और आज उपग्रहों के सफल प्रक्षेपण के साथ कंपनी अपने जनरल 1 समूह के वैश्विक पदचिह्न को पूरा कर लेगी।

वनवेब के पास अब कक्षा में 582 उपग्रह हैं। आज ये संख्या 618 तक जाने की उम्मीद है। कंपनी ने कहा था कि समूह को पूरा करके वनवेब भारत सहित वैश्विक कवरेज प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है।

पहला बैच 2022 में किया गया था लॉन्च

बता दें कि 36 उपग्रहों का पहला बैच 23 अक्टूबर 2022 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा रॉकेट पोर्ट से एलवीएम3 रॉकेट के साथ लॉन्च किया गया था, जिसे पहले जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल एमके3 (जीएसएलवी एमके3) के नाम से जाना जाता था।

वनवेब के अध्यक्ष सुनील भारती मित्तल ने पिछले साल अक्टूबर में कहा था कि इसरो की वाणिज्यिक शाखा, न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) ने 1,000 करोड़ रुपये से अधिक के लॉन्च शुल्क के लिए दो चरणों में 72 उपग्रहों को लॉन्च करने के लिए वनवेब के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।

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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार से नाराज

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नई दिल्ली। किसानों के मुद्दे पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ नाराज हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले पर सीधा सवाल पूछा है। उन्होंने कहा, ‘मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि किसान से वार्ता क्यों नहीं हो रही है। हम किसान को पुरस्कृत करने की बजाय, उसका सही हक भी नहीं दे रहे हैं।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने क्या कहा?

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, ‘कृषि मंत्री जी, एक-एक पल आपका भारी है। मेरा आप से आग्रह है कि कृपया करके मुझे बताइये। क्या किसान से वादा किया गया था? किया गया वादा क्यों नहीं निभाया गया? वादा निभाने के लिए हम क्या कर रहे हैं?’

उन्होंने कहा, ‘गत वर्ष भी आंदोलन था, इस वर्ष भी आंदोलन है। कालचक्र घूम रहा है, हम कुछ कर नहीं रहे हैं। पहली बार मैंने भारत को बदलते हुए देखा है। पहली बार मैं महसूस कर रहा हूं कि विकसित भारत हमारा सपना नहीं लक्ष्य है। दुनिया में भारत कभी इतनी बुलंदी पर नहीं था। जब ऐसा हो रहा है तो मेरा किसान परेशान और पीड़ित क्यों है? किसान अकेला है जो असहाय है।

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