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उत्तर प्रदेश

अतीक व अशरफ हत्याकाण्ड के जाँच हेतु न्यायिक आयोग गठित, दो माह में सौंपेगा रिपोर्ट

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SC ready for hearing on Atiq-Ashraf murder case, given date of April 28

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लखनऊ। उप्र के गृह विभाग द्वारा कमीशन ऑफ़ इनक्वायरी एक्ट 1952 के तहत कल 15 अप्रैल को जनपद प्रयागराज में माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ अहमद की मेडिकल के लिए ले जाते समय गोली मारकर की गई हत्या के संपूर्ण घटनाक्रम की विस्तृत जाँच हेतु न्यायिक आयोग गठित कर दिया।

इस हेतु गृह विभाग द्वारा औपचारिक आदेश निर्गत किए गये। तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग दो माह के भीतर पूरे प्रकरण की जाँच कर रिपोर्ट शासन को सौंपेगा।

तीन सदस्यीय आयोग

अरविंद कुमार त्रिपाठी द्वितीय सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति, उच्च न्यायालय इलाहाबाद, के नेतृत्व में कार्य करेगा। सुबेश कुमार सिंह, आईपीएस सेवानिवृत्त डीजीपी उप्र व बृजेश कुमार सोनी सेवानिवृत्त जनपद न्यायाधीश उप्र आयोग के अन्य दो सदस्य होंगे।

क्या है मामला

गौरतलब है कि माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ अहमद की कल शनिवार रात को प्रयागराज में मेडिकल के लिए ले जाते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई। वारदात को तीन हमलावरों ने अंजाम दिया है। तीनों को पुलिस ने पकड़ लिया है। उनसे पूछताछ की जा रही है।

मीडियाकर्मी बनकर आये थे हमलावर

तीनों हमलावर मीडियाकर्मी बनकर आए थे और ताबड़तोड़ गोलियां चलाने लगे। पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई है। वारदात रात के करीब 10 बजे की है जब पुलिस ने अतीक अहमद और अशरफ से लंबी पूछताछ की थी और इसके बाद दोनों को मेडिकल जांच के लिए लाया गया था।

सीएम आवास पर हुई बैठक

अतीक और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद मुख्यमंत्री आवास पर हुई इस बैठक हुई थी। यूपी के गृह सचिव संजय प्रसाद, डीजीपी आरके विश्वकर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए थे। मुख्यमंत्री ने मामले में तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग के गठन के भी निर्देश दिए थे।

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उत्तर प्रदेश

जीत की गारंटी बन गए हैं योगी

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लखनऊ | योगी आदित्यनाथ यानी जीत की गारंटी का नाम। विकास, रोजगार, सख्त कानून व्यवस्था, समृद्धि की बदौलत उत्तर प्रदेश के प्रति लोगों के मन में धारणा बदलने वाले योगी आदित्यनाथ की स्वीकार्यता अपने प्रदेश के ‘मन-मन’ के साथ अन्य प्रदेशों के ‘जन-जन’ में बढ़ गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव, उपचुनाव, विधान परिषद उपचुनाव, नगर निकाय चुनावों में भाजपा व एनडीए को जीत दिलाई तो अन्य राज्यों में भी भाजपा कार्यकर्ता के रूप में खूब पसीना बहाया। लिहाजा पीएम मोदी के नेतृत्व में कई राज्यों में भाजपा सरकार बनी। इसमें योगी आदित्यनाथ ने भी काफी मेहनत की। कुंदरकी व कटेहरी में भी कमल खिलाकर भाजपा ने नेतृत्व को विश्वास दिला दिया कि यूपी को योगी का ही साथ पसंद है, लिहाजा जन-जन ने योगी आदित्यनाथ को जीत की गारंटी मान लिया है।

निकाय चुनाव में भी भाजपा का क्लीन स्वीप, 17 में खिला कमल

योगी की रणनीति व संवाद का ही असर रहा कि इस बार निकाय चुनाव में भी भाजपा ने क्लीन स्वीप किया। इस बार यूपी की सभी 17 की 17 नगर निगमों में भारतीय जनता पार्टी के महापौर निर्वाचित हुए हैं, जबकि पिछली बार 2017 में यह आंकड़ा 16 में से 14 का था। पिछली बार यूपी में भाजपा के 596 पार्षद जीते थे, जबकि इस बार यह आंकड़ा बढ़कर 813 हो गया। शहरों में भाजपा की यह जीत योगी के विकास परक नीति पर आमजन की मुहर है। नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद पर 2017 में भाजपा को 60 सीटों पर जीत मिली थी। 199 सीटों में से यह आंकड़ा इस बार बढ़कर 88 पहुंच गया। पालिका परिषद सदस्यों में पिछली बार भाजपा को 923 सीट मिली थी, 2023 में यह बढ़कर 1353 हो गई। नगर पंचायतों में भी 191 सीटों में अध्यक्ष पद पर भाजपा के प्रतिनिधि काबिज हुए। 2017 में यह आंकड़ा 100 का था। योगी के नेतृत्व में 2023 में 91 सीटें और बढ़कर भाजपा की झोली में आई, वोट प्रतिशत में भी खूब इजाफा हुआ। भाजपा के नगर पंचायत सदस्यों की संख्या भी 664 से बढ़कर 1403 हो गई। वहीं नगर निगम, पंचायत व पालिका में भी सपा की साइकिल पंचर हो गई तो बसपा का हाथी भी गिर गया। निकाय चुनाव में भी सपा-बसपा का ग्राफ जबर्दस्त गिरा।

विधान परिषद चुनावः अखिलेश की कुटिल चाल पर योगी की कुशल रणनीति पड़ी भारी

लक्ष्मण आचार्य के महामहिम राज्यपाल व बनवारी लाल दोहरे के निधन के कारण मई में विधान परिषद की दो सीटों पर उपचुनाव हुए। 403 में से 396 वोट पड़े थे, जबकि एक अवैध हो गया। सीएम योगी की कुशल रणनीति से अखिलेश की कुटिल चाल यहां भी धरी की धरी रह गई। भाजपा प्रत्याशी मानवेंद्र सिंह 280 व पद्मसेन चौधरी 279 मत पाकर परिषद पहुंचे, जबकि सपा के रामकरण निर्मल को मज 116 व रामजतन राजभर को 115 वोट से ही संतोष करना पड़ा था। जुलाई में हुए विधान परिषद उपचुनाव में भी सरकार के मुखिया के तौर पर सीएम योगी के नेतृत्व में बहोरन लाल मौर्य निर्विरोध सदन पहुंचे।

अन्य राज्यों में भी पीएम के नेतृत्व में मिली जीत, कार्यकर्ता के रूप में योगी ने बहाया पसीना

पीएम मोदी के नेतृत्व में महाराष्ट्र में भी महायुति गठबंधन ने फिर से सत्ता हासिल की। पीएम के निर्देशन में योगी आदित्यनाथ ने यहां जनसभा कर 24 प्रत्याशियों के लिए वोट की अपील की। इनमें से 22 पर महायुति गठबंधन ने जीत हासिल की। त्रिपुरा में योगी ने दो दिन में छह रैलियां और रोड शो किया था। इन सबमें कमल खिला और पीएम मोदी के मार्गदर्शन में भाजपा सरकार बनी। मई में ओडिशा में हुए चुनाव में भी योगी आदित्यनाथ का जादू चला। यहां लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भी योगी का आह्वान जनता तक पहुंचा। ओडिशा में नवीन पटनायक सरकार गिरी और भाजपा सरकार ने सत्ता संभाली। राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, हरियाणा आदि राज्यों में भी पीएम मोदी के मार्गदर्शन में योगी आदित्यनाथ ने भाजपा कार्यकर्ता के रूप में चुनाव प्रचार में हिस्सा लिया। इन राज्यों में भी कमल खिला।

विधानसभा चुनाव व उपचुनाव में भी योगी-योगी, रामपुर में कमल को पहली बार मिला ‘आकाश’

विधानसभा चुनाव में योगी के जादू का ही असर है कि दोबारा सत्ता में भाजपा की वापसी हुई। योगी निरंतर सभी जनपदों में संवाद, विकास के बलबूते लोगों से मिलते रहे। इसका परिणाम विधानसभा उपचुनावों में भी दिखा। 2024 में हुए उपचुनाव हों या इसके पहले के उपचुनाव, भाजपा ने जबर्दस्त जीत हासिल की। योगी ने विकास से रामपुर की कमान संभाली तो 10 बार के विधायक आजम खां का किला भी ढह गया। यहां योगी के नेतृत्व में कमल को पहली बार आकाश मिला। यहां सपा के आसिम रजा राजा नहीं बन पाए। इस चुनाव में 21वां अंक भाजपा के लिए लकी साबित हुआ। 21वें राउंड के बाद से ही भाजपा ने यहां बढ़त हासिल की, जो अंतिम तक बरकरार रही।

विधानसभा उपचुनाव में भाजपा व सहयोगी दलों की जीत

गोला गोकर्णनाथ- अमन गिरि
छानबे- रिंकी कोल (अपना दल एस)
रामपुर- आकाश सक्सेना
स्वार टांडा- शफीक अंसारी (अपना दल एस)
ददरौल-अरविंद सिंह
लखनऊ पूर्वी-ओपी श्रीवास्तव
कुंदरकी- रामवीर सिंह
गाजियाबाद- संजीव शर्मा
फूलपुर-दीपक पटेल
मझवा-सुचिस्मिता मौर्य
कटेहरी धर्मराज निषाद
खैर- सुरेंद्र दिलेर
मीरापुर- मिथिलेश पाल (रालोद)

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