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उत्तर प्रदेश

लखीमपुर खीरी को एयर कनेक्टिविटी से जोड़ा जाएगा: CM योगी आदित्यनाथ

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CM Yogi Adityanath in Lakhimpur Kheri today

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लखीमपुर। उप्र निकाय चुनाव में प्रचार के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज शुक्रवार को लखीमपुर पहुंचे। शहर के जीआईसी ग्राउंड में उन्होंने जनसभा को संबोधित कर भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में जनता से वोट की अपील की। सीएम योगी ने कहा कि छोटी काशी के नाम से विख्यात गोला गोकर्णनाथ की भूमि को नमन करता हूं।

उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में लखीमपुर की जनता ने डबल इंजन की सरकार पर विश्वास किया। इसके लिए सभी मतदाताओं को आभार व्यक्त करता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि लखीमपुर खीरी को एयर कनेक्टिविटी से जोड़ा जाएगा।

यहां की एयरस्ट्रिप को एयरपोर्ट के रूप में विकसित किया जाएगा। इससे लखीमपुर खीरी से भी दिल्ली और लखनऊ के लिए वायुसेवा उपलब्ध होगी। टूरिस्ट आएंगे,  होटल बनेंगे। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

लखीमपुर के विकास के लिए विस्तृत योजना तैयार

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने लखीमपुर खीरी के विकास के लिए बहुत विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है। प्रदेश में अन्न उत्पादन की दृष्टि से देखा जाए तो यहां का किसान प्रदेश देश का पेट भरने का काम करता है। यहां की चीनी मिलों की मिठास देश और दुनिया में पहुंचती है। सपा, कांग्रेस और बसपा विकास कराने में फेल रहीं।

विकास कार्यों को गिनाते हुए कहा कि आज लखीमपुर खीरी में क्या नहीं है। अब तो यहां मेडिकल कॉलेज भी है। सीएम योगी से पहले पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद ने भी जनसभा को संबोधित किया। जिले के प्रभारी मंत्री आशीष पटेल भी मंच पर मौजूद रहे।

ये प्रत्याशी हैं चुनाव मैदान में

लखीमपुर नगर पालिका सीट के लिए भाजपा प्रत्याशी पुष्पा सिंह, भाजपा की बागी निर्दलीय डॉ. इरा श्रीवास्तव, बसपा से अंजू मिश्रा और सपा से रमा मोहन बाजपेई चुनाव मैदान में हैं। भाजपा की राह में बागी इरा श्रीवास्तव बड़ी चुनौती हैं।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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