नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष व भाजपा सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज गुरुवार को सुनवाई हुई।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने मामले पर सुनवाई की। कोर्ट में दिल्ली पुलिस एफआईआर का स्टेटस बताना था। बृजभूषण की ओर से हरीश साल्वे, जबकि दिल्ली पुलिस की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता दलीलें पेश कर रहे थे।
हरीश साल्वे ने कहा कि ये पूरा मामला पॉलिटिकल है। कोई भी आदेश से पहले बृजभूषण का पक्ष सुना जाए। वहीं, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा सभी शिकायकर्ताओं को कोई खतरा नहीं है। हम शिकायत की जांच कर रहे हैं। हर चीज की वीडियोग्राफी कराई जा रही है। पूरे मामले में पहले ही एफआईआर दर्ज हो चुकी है।
इसके बाद कोर्ट ने कहा कि जो याचिका दायर की गई थी उसमें एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई थी और इसे दर्ज करने के साथ ही याचिका का उद्देश्य पूरा हो गया है। जजों की पीठ ने याचिकाकर्ताओं को मजिस्ट्रेट से संपर्क करने या किसी भी अन्य शिकायत के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट या निचली अदालत के सामने पेश होने की स्वतंत्रता दी।
सुप्रीम कोर्ट में यह सुनवाई बृजभूषण सिंह पर पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन शोषण के आरोपों को लेकर थी। महिला पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी दिल्ली पुलिस उनके आरोपों पर एफआईआर नहीं दर्ज कर रही है। पहलवान पहले ही सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट में सबूत दे चुके हैं।