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प्रादेशिक

रोड एक्सीडेंट रोकने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग भी बना मददगार, स्कूलों द्वारा चलाए गए अभियान और गतिविधियां रहीं असरदार

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Horrific road accident in Rae Bareli

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लखनऊ। रोड एक्सीडेंट में कमी लाने के लिए योगी सरकार के प्रयासों में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से भी महत्वपूर्ण योगदान दिया गया है। सड़क हादसों को रोकने के लिए बेसिक शिक्षा के स्कूलों की ओर से चलाए गए विभिन्न अभियानों के चलते हादसों में अभूतपूर्व कमी भी देखी गई है। परिवहन विभाग द्वारा प्रकाशित वार्षिक पत्रिका में बेसिक शिक्षा विभाग की इस उपलब्धि का जिक्र करते हुए सराहना की गई है। साथ ही, इसे आगे भी जारी रखने के लिए आग्रह किया गया है। उल्लेखनीय है कि परिवहन विभाग की अपील पर बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा छात्रों के माध्यम से सड़क सुरक्षा संबंधित प्रतियोगिताओं के साथ जागरूकता अभियान व रैली जैसे कार्यक्रमों का जनमानस पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

सड़क दुर्घटनाओं में दर्ज की गई कमी

संयुक्त शिक्षा निदेशक गणेश कुमार द्वारा समस्त मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) को जारी पत्र में कहा गया है कि सड़क दुर्घटनाओं एवं मृतकों की संख्या में कमी लाए जाने के लिए परिवहन विभाग द्वारा प्रकाशित ‘रोड एक्सीडेंट इन उत्तर प्रदेश 2022″ नाम से वार्षिक पत्रिका की प्रतियां उपलब्ध कराई गई हैं। इसके अनुसार वर्ष 2019 की तुलना में वर्ष 2021 में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में 11.4 प्रतिशत, मृतकों की संख्या में 6.3 प्रतिशत तथा घायलों की संख्या में 13.9 प्रतिशत की कमी आई है। यह विभाग के सकारात्मक प्रयासों का ही परिणाम है। विभाग द्वारा मंडलों तथा जनपदों में कराई गई सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित क्विज, निबंध लेखन, पोस्टर, स्लोगन आदि प्रतियोगिताओं के साथ ही आयोजित कराए गए सड़क सुरक्षा सप्ताह माह तथा जागरूकता अभियान/रैली आदि कार्यक्रम अत्यन्त सराहनीय रहे हैं।

आगे भी जारी रहेंगी गतिविधियां

पत्र में ये भी कहा गया है कि विद्यालयों में असेंबली के समय बच्चों को तथा विद्यालय प्रबन्ध समिति की बैठक में अभिभावकों को सड़क सुरक्षा नियमों की जानकारी देना, मास्टर ट्रेनर्स के माध्यम से शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाना आदि गतिविधियों ने भी सड़क दुर्घटनाओं एवं मृतकों की संख्या में कमी लाने के प्रयासों में सकारात्मक भूमिका का निर्वहन किया है। उन्होंने आगे निर्देर्शित किया है कि कहा है कि परिवहन विभाग के पत्र के अनुक्रम में सड़क सुरक्षा संबंधी नियमों का अपने जनपदों में व्यापक प्रचार-प्रसार कराते हुए समस्त गतिविधियां सुचारू रूप से संपन्न कराना जारी रखें।

सभी विभागों से सहयोग की अपील

मालूम हो कि परिवहन विभाग की ओर से अप्रैल में निदेशक (बेसिक एवं माध्यमिक) को पत्र लिखकर विभाग द्वारा प्रकाशित ‘रोड एक्सीडेंट इन उत्तर प्रदेश 2022’ नाम से वार्षिक पत्रिका उपलब्ध कराते हुए इसमें शिक्षा विभाग के सहयोग की सराहना की थी। परिवहन विभाग के एसडीजी गोल 3.6 के अंतर्गत 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं में मृतकों की संख्या में 50 प्रतिशत की कमी लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। साथ ही सभी विभागों से पारस्परिक सहयोग की अपील की गई है। विभाग द्वारा रोड सेफ्टी के लिए जो गोल्डेन रूल्स बताए गए हैं, उसमें ड्रिंकिंग एंड ड्राइविंग से बचने, टू व्हीलर में हेलमेट की अनिवार्यता, स्पीड लिमिट का पालन करने, ट्रैफिक नियमों एवं संकेतकों को मानने के साथ ही अपने वाहन को हमेशा फिट रखने समेत अन्य जरूरी निर्देश दिए गए हैं।

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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार के प्रयासों से दिव्य, भव्य अयोध्या में फिर से लौटने लगा ‘राम राज्य’

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अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के प्रयासों से दिव्य और भव्य अयोध्या में एक बार फिर से रामराज्य लौटने लगा है। इसे भवगान श्रीराम की विशेष कृपा ही कहेंगे कि अयोध्या में ऑनलाइन की जाने वाली शिकायतों का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण ढंग से निस्तारण हो रहा है। हर शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया जा रहा है। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि मुख्यमंत्री कार्यालय से आई एक अक्टूबर की रिपोर्ट बता रही है, जिसमें जिले के 19 में से 18 थाने प्रदेश में पहली रैंक पर आए हैं। इसमें कोतवाली नगर टॉप पर है।

जनपद पुलिस ने आईजीआरएस यानि एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली पोर्टल पर ऑनलाइन आने वाली जन शिकायतों के समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण में पहली रैंक प्राप्त की है। पिछले कई महीनों बाद यह मौका आया है, जब अयोध्या पुलिस को यह सफलता मिली है। एसएसपी ने बेहतर प्रदर्शन करने वाले थानेदारों को सराहते हुए फेहरिस्त में निचले पायदान पर मौजूद थाने को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया है। प्रदेश सरकार ने जनता की शिकायतों के निस्तारण के लिए आईजीआरएस पोर्टल की व्यवस्था तैयार की है। नियमानुसार, इस पोर्टल पर आने वाली ऑनलाइन शिकायत का 30 दिन के भीतर गुणवत्तापरक तरीके से निस्तारण करना होता है। समय समय पर इन शिकायतों से जुड़ा फीडबैक लखनऊ में बैठे आला अफसर लेते हैं। डिफाल्टर या असंतोष की स्थिति में शिकायतों को वापस लौटाया जाता है, ताकि उनका निस्तारण हो सके। जनपद में अक्टूबर माह में 19 थानों में तकरीबन 2700 शिकायतें आईजीआरएस पर हुई हैं। 100 फीसदी शिकायतों का निस्तारण हो चुका है।

नगर कोतवाली नंबर वन

एसपी ग्रामीण बलवंत चौधरी ने बताया कि आईजीआरएस के पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के निस्तारण के मामले में कोतवाली नगर ने बाजी मारी है। इसके बाद सर्वाधिक शिकायतों को हल कर दूसरे नम्बर पर स्थान बनाने वाला थाना इनायतनगर है। बताया जाता है कि पुलिस में आई सभी ऑनलाइन शिकायतों के निस्तारण के लिए एक दारोगा मौके पर अवश्य जाता है। वहां से जीपीएस की तस्वीरें आती हैं, जिससे पता चलता है मामले को निपटाने में पुलिस दिलचस्पी दिखाती है।

रैंक वार थाना – प्राप्त शिकायतें व निस्तारण

1- कोतवाली नगर- 354
2- इनायतनगर- 297
3- अयोध्या कोतवाली- 272
4- कोतवाली बीकापुर- 243
5- महराजगंज- 241
6- रौनाही- 227
7- रुदौली- 209
8- गोसाईगंज- 160
9- तारुन- 156
10- खंडासा- 140
11- हैदरगंज- 133
12- कैंट- 112
13- कुमारगंज- 89
14- रामजन्मभूमि- 85
15- पटरंगा- 66
16- बाबा बाजार- 61
17- मवई- 59
18- थाना महिला- 48
19- पूराकलंदर- 324

नोट- थाना पूराकलंदर ने ऑनलाइन शिकायत पत्र देखने में देरी लगाई। इस कारण उसकी रैंक बहुत गिर गई है।

क्‍या है आइजीआरएस

एसएसपी राजकरण नैयर ने बताया कि आईजीआरएस जनसुनवाई के लिये एक आनलाइन माध्यम है। इस माध्यम से किसी भी व्यक्ति को शिकायत करने के लिये कहीं चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है‌। पीड़ित व्यक्ति इसके पोर्टल पर आनलाइन शिकयत दर्ज कराता है। संबंधित विभाग उसकी जांच कराकर निस्तारण कराने का प्रयास करता है। इस माध्यम से दर्ज कराई गई शिकायत पर जवाबदेही भी रहती है। शिकायत की हर स्थित से शिकायतकर्ता को जानकारी भी मिलती है।

प्रत्‍येक माह होती है शासन स्‍तर पर समीक्षा

आईजी प्रवीण कुमार ने बताया कि जनसुनवाई के इस पोर्टल पर दर्ज कराई गई शिकायतों के निस्तारण की प्रत्येक माह शासन स्तर पर समीक्षा होती है। आईजीआरएस पर दर्ज कराई गई शिकायतों के निस्तारण का फीडबैक लेते हुए शासन के मानकों के हिसाब से पीड़ित संतुष्ट है या असंतुष्ट, इसकी समीक्षा करके रैंक जारी की जाती है। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश रहेगी अयोध्या के सभी थाने हमेशा अग्रणी रहें।

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