उत्तर प्रदेश
योग दिवस पर प्रभावशाली लोग घर-घर पहुंचाएंगे मोदी-योगी का संदेश, होगा सामूहिक योगाभ्यास
लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए ‘हर घर आंगन योग’ के मूलमंत्र को आत्मसात कर उत्तर प्रदेश में भी योग दिवस को लेकर बड़े स्तर पर आयोजन को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 21 जून को आयोजित होने वाले 9वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर प्रदेश भर में सामूहिक योगाभ्यास व अन्य कार्यक्रमों के आयोजन को लेकर पहले ही निर्देश दे चुके हैं।
ऐसे में इन कार्यक्रमों के सफल आयोजन को सुनिश्चित करने व व्यापक प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से इनफ्लुएंसर्स व सेलिब्रिटीज को भी इस मुहिम से जोड़ा जा रहा है। सीएम योगी की मंशा के अनुरूप, इस संबंध में विस्तृत कार्ययोजना के अंतर्गत पूरे प्रदेश में 15 से 21 जून के मध्य एक हफ्ते तक योग सप्ताह का बड़े स्तर पर आयोजन किया जाएगा।
प्रदेश की पहचान रहे स्थलों पर होगा योगाभ्यास
खास बात यह है कि प्रदेश की प्राचीन संस्कृति से जुड़े पर्यटन स्थलों, ऐतिहासिक महत्व के स्थानों, प्रमुख नदियों, झीलों, तालाबों के किनारे तथा सभी अमृत सरोवरों व प्रमुख नैसर्गिक सौन्दर्य से परिपूर्ण स्थलों पर संयुक्त योगाभ्यास को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा, आमजन की सुविधा और जागरूकता के लिए कॉमन योग प्रोटोकॉल के वीडियो लिंक भी प्रसारित किए जाने का प्रस्ताव है।
प्रभावशाली लोगों को मुहिम से जोड़ने का प्रयास
9वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर प्रदेश भर में सामूहिक योगाभ्यास व अन्य कार्यक्रमों के आयोजन को लेकर व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए सोशल मीडिया समेत सभी मीडिया प्लेटफॉर्म्स का सहयोग लिया जाएगा। इन कार्यक्रमों की व्यापक सफलता के लिए सेलिब्रिटीज, बड़े खिलाड़ियों, योग गुरुओं के अलावा सांस्कृतिक प्रतिष्ठानों से जुड़े प्रमुख लोगों का इनफ्लूएंसर्स के तौर पर सहयोग लिया जाएगा जोकि संबंधित कार्यक्रमों में सहभागिता और व्यक्तिगत तौर पर दैनिक योगाभ्यास के महत्व को बढ़ावा देने का संदेश जनता में पहुंचाएंगे।
कई तरह के कार्यक्रम बढ़ाएंगे योग के प्रति जागरुकता
प्रदेश में योग सप्ताह के दौरान सभी जिला मुख्यालयों पर सामूहिक योगाभ्यास कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। वहीं, सार्वजनिक पार्कों में प्रतिदिन सुबह 06 से 08 बजे तक सामूहिक योगाभ्यास होगा। इसके अलावा, विश्वविद्यालयों के विशाल परिसर में बड़े योगाभ्यास कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। प्रदेश के प्रमुख विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों/स्कूल-कॉलेजों में योग से संबंधित सेमिनार/कार्यशाला का भी आयोजन होगा
जिसमें मॉडर्न जीवन शैली में योग की भूमिका, स्ट्रेस व मेंटल ट्रॉमा मैनेजमेंट, भाषण प्रतियोगिता, रंगोली/पोस्टर प्रतियोगिता, निबंध लेखन, स्लोगन, आशु भाषण प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी। छात्र-छात्राओं को हफ्ते भर होने वाले इन कार्यक्रमों के समापन पर सर्टिफिकेट्स दिए जाएंगे और 21 जून को होने वाले संयुक्त योगाभ्यास के मुख्य कार्यक्रम में भाग लेने वाले छात्रों को फल-मिष्ठान वितरित किए जाने की भी सुचारू व्यवस्था की जाएगी।
जनप्रतिनिधियों की होगी सहभागिता
इन कार्यक्रमों की लोकप्रियता में बढ़ावा देने, इनके सफल आयोजन को सुनिश्चित करने और जनता के बीच सुलभ उपस्थिति दर्ज कराने के उद्देश्य से योग सप्ताह के विविध कार्यक्रमों में स्थानीय जन प्रतिनिधियों की सहभागिता भी रहेगी। सीएम योगी द्वारा सभी मंत्रियों को अपने प्रभार वाले जिलों में आयोजित हो रहे इन कार्यक्रम में प्रतिभाग करने के निर्देश दिए गए हैं।
सभी ग्राम पंचायतों और नगरीय निकायों में होंगे कार्यक्रम
21 जून के मुख्य समारोह को सभी 58 हजार ग्राम पंचायतों और 762 नगरीय निकायों में आयोजित किया जाएगा। प्रदेश के सभी 14 हजार वार्डों में योगाभ्यास के लिए पार्षदों के माध्यम से स्थान चिन्हित कराए जाएंगे। वहीं, स्वयंसेवी संस्थाओं, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों, धार्मिक, सामाजिक संस्थाओं, योग संस्थानों, एनसीसी कैडेट, स्काउड एंड गाइड और एनएसएस स्वयंसेवकों को योग दिवस से जोड़ा जाएगा।
जबकि 20 जून को नगर विकास, ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज विभाग स्थानीय शिक्षण संस्थानों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए स्वच्छता का विशेष अभियान चलाया जाएगा। कार्यक्रम स्थलों की सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस बल की सतत पेट्रोलिंग भी सुनिश्चित की जाएगी।
उत्तर प्रदेश
महाकुंभ में फिर लगी आग, कई टेंट जलकर राख, कोई हताहत नहीं
प्रयागराज। महाकुंभ में एक बार हादसा हो गया है। यहां सेक्टर-22 में बनाए गए टेंटों में आग लग गई है। हालांकि गनीमत रही कि इस हादसे में किसी तरह की जनहानि नहीं हुई है। फिलहाल फायर ब्रिगेड की टीम आग को काबू में पाने की कोशिश कर रही है, लेकिन अभी तक आग को काबू में नहीं पाया जा सका है। वहीं गनीमत रही कि मौके पर कोई भी श्रद्धालु टेंट में नहीं था। आग लगने के बाद सभी के सभी बाहर निकल आए थे, जिस वजह से बड़ा हादसा होने से टल गया।
बता दें कि महाकुंभ का सेक्टर-22 एरिया झूसी के छतनाग घाट और नागेश्वर घाट के बीच में है. गुरुवार को यहीं पर अचानक से कई टेंट जलने लगे। यह देख श्रद्धालु अपने-अपने टेंटों से बाहर निकल आए और फायर ब्रिगेड को जानकारी दी. मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम आग बुझाने में जुट गई है। आग से कई टेंट जलकर राख हो गए। गनीमत है कि कोई जनहानि नहीं हुई है।
इससे पहले बुधवार को महाकुंभ मेला क्षेत्र में भगदड़ मच गई थी। कुछ लोग बैरिकेड तोड़कर जाना चाहते थे। वहीं, कुछ लोग जमीन पर सो रहे थे। भीड़ इन लोगों के ऊपर से गुजर गई। इस घटना के बाद 90 लोगों को अस्पताल लाया गया। इनमें से 30 की मौत हो गई थी।
सीएम योगी हुए भावुक
महाकुम्भ हादसे को लेकर बुधवार देर शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पत्रकारों से वार्ता करते हुए भावुक हो गए। उन्होंने कहा, “भारी भीड़ और बैरिकेड्स टूटने के कारण यह दुखद हादसा हुआ।” मुख्यमंत्री ने हादसे की न्यायिक जांच के आदेश देते हुए तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया। इस आयोग के अध्यक्ष पूर्व न्यायाधीश हर्ष कुमार होंगे, जबकि पूर्व डीजी वी.के. गुप्ता और रिटायर्ड आईएएस डी.के. सिंह को आयोग में शामिल किया गया है। यह आयोग एक समय सीमा के अंदर अपनी रिपोर्ट देगा। पुलिस भी मामले की जांच करेगी और हादसे के कारणों की गहराई से पड़ताल की जाएगी। यही नहीं, गुरुवार को मुख्य सचिव और डीजीपी भी प्रयागराज जाकर घटना की समीक्षा करेंगे।
मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख का मुआवजा
मुख्यमंत्री ने घटना पर गहरी चिंता जताते हुए कहा, “प्रशासन ने कई दौर की समीक्षा बैठकें की थीं, फिर भी यह हादसा कैसे हुआ? इसकी गहन जांच होगी।” सरकार ने मृतकों के परिवारों को ₹25-25 लाख की सहायता राशि देने की भी घोषणा की है। इसके अतिरिक्त मुख्य सचिव और डीजीपी को गुरुवार को घटनास्थल का दौरा कर जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। वे हालात का जायजा लेंगे और रिपोर्ट सौंपेंगे।
हादसे से मर्माहित सीएम योगी
घटना का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री भावुक हो गए और बोले, “इतनी तैयारियों के बावजूद यह हादसा बेहद दुखद है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसी त्रासदी दोबारा न हो।” उन्होंने कहा कि मंगलवार शाम 7 बजे से ही काफी बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन प्रयागराज पहुंचकर स्नान भी कर रहे थे और काफी बड़ी संख्या में ब्रह्म मुहूर्त का भी इंतजार कर रहे थे। इसी दौरान अखाड़ा मार्ग पर संगम तट पर यह हादसा हुआ। यह हादसा भारी भीड़ के द्वारा अखाड़ा मार्ग के बैरिकेड्स को तोड़ने और उसके बाद उससे कूदकर जाने के कारण हुआ है, जिसमें 30 के आसपास लोगों की मृत्यु हुई है। 36 घायलों का प्रयागराज में उपचार चल रहा है। शेष घायलों को उनके परिवार से सदस्य लेकर चले गए हैं।
हादसे की तह में जाने की आवश्यकता
सीएम योगी ने कहा कि प्रयागराज में बुधवार को 8 करोड़ से अधिक लोगों का दबाव था। यद्यपि अगल बगल के जनपदों मिर्जापुर, भदोही, प्रतापगढ़, फतेहपुर, कौशांबी, में भी होल्डिंग एरिया बनाकर श्रद्धालुजनों को रोका गया था, जिन्हें अखाड़ों का अमृत स्नान संपन्न होने के बाद रिलीज किया गया है। रेलवे स्टेशनों पर भी लगातार दबाव बना रहा। रेलवे ने भी इस दौरान रूटीन और मेला स्पेशल को मिलाकर लगभग 300 से अधिक ट्रेनें चलाई हैं। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने भी 8000 से अधिक बसें संचालित की हैं। ये सभी घटनाएं मर्माहत करने वाली भी हैं और एक सबक भी हैं, लेकिन हादसे की तह में भी जाने की आवश्यकता है।
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