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अन्तर्राष्ट्रीय

स्वीडन में कुरान जलाने पर NATO प्रमुख ने कहा- घटना अपमानजनक पर गैरकानूनी नहीं

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NATO chief said on burning Quran in Sweden

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स्टाकहोम। स्वीडन में मस्जिद के बाहर एक शख्स ने बुधवार को ईद-अल-अजहा के मौके पर कुरान जलाकर प्रदर्शन किया। इस घटना का कोई विरोध कर रहा है, तो कोई उस शख्स का साथ दे रहा है। इस बारे में उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेन्स की।

प्रेस कॉन्फ्रेन्स में नाटो प्रमुख जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कुरान को जलाना अपमानजनक बताया। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि घटना गैरकानूनी नहीं थी।

गौरतलब है, स्वीडन में ईद-अल-अजहा के मौके पर बुधवार को स्टॉकहोम की एक मस्जिद के बाहर एक शख्स ने कुरान जलाकर प्रदर्शन किया। खास बात यह थी की वहां की सरकार ने उसे इसके लिए अनुमति दी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अभिव्यक्ति की आजादी के तहत एक दिन के प्रदर्शन के लिए ये इजाजत दी गई थी।

वहीं, अन्य मीडिया रिपोर्ट की माने तो अब बहस छिड़ गई है कि स्वीडन में मस्जिद के बाहर हुए इस प्रदर्शन का उसकी नाटो सदस्यता पर असर पड़ सकता है। दरअसल, स्वीडन में लगातार एंटी-इस्लामिक प्रदर्शन होते रहते हैं। इस वजह से तुर्किये और स्वीडन के बीच हमेशा तनाव रहता है। तुर्किये ने स्वीडन पर एक धर्म को लक्षित करने का आरोप लगाते हुए उसकी मेंबरशिप अटका रखी है। वहीं, स्वीडन हमेशा ऐसी बातों से इनकार कर देता है।

इस बीच, नाटो प्रमुख जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने स्वीडन में हुई घटना पर कहा कि कुरान को जलाना अपमानजनक और आपत्तिजनक था, लेकिन इसे गैरकानूनी नहीं कह सकते। शख्स ने सरकार से अनुमति ली थी। स्वीडन की सरकार ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बताकर प्रदर्शन के लिए इजाजत दी थी। इस दौरान, नाटो प्रमुख ने स्वीडन के नाटो में शामिल होने पर समझौता करने का भी आग्रह किया। वहीं, अमेरिका ने स्वीडन की मस्जिद के बाहर कुरान जलाने की निंदा की।

स्वीडन में कुरान जलाने पर तुर्किये ने भी अपना विरोध जताया है। विदेश मंत्री हकन फिदान ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर कोई भी इस्लाम विरोधी प्रदर्शन नहीं कर सकता है। हमें इसे स्वीकार नहीं करेंगे। अगर कोई देश नाटो में शामिल होकर हमारा साथी बनना चाहता है तो उसे इस्लामोफोबिया फैला रहे आतंकियों को काबू में करना होगा।

अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।

इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।

जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।

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