अन्तर्राष्ट्रीय
तहव्वुर राणा को जल्द भारत प्रत्यर्पित करना चाहती है बाइडन सरकार, मुंबई हमले का है आरोपी
वॉशिंगटन। अमेरिका की बाइडन सरकार मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को जल्द भारत प्रत्यर्पित करना चाहती है। यही वजह है कि बाइडन सरकार ने तहव्वुर राणा की प्रत्यर्पण के खिलाफ दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का विरोध किया है।
बाइडन सरकार ने अमेरिका कोर्ट में अर्जी देकर तहव्वुर राणा को जल्द भारत प्रत्यर्पित करने की अपील की है। बता दें कि पाकिस्तानी मूल के तहव्वुर राणा को मई में ही भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश अदालत ने दिया था लेकिन राणा ने इसके खिलाफ बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर विरोध किया है।
अमेरिका सरकार ने दी ये दलील
अमेरिका के अटॉर्नी ई मार्टिन एस्ट्राडा ने बाइडन सरकार की तरफ से कैलिफोर्निया के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें कहा गया है कि ‘अमेरिका सम्मानपूर्वक विनती करता है कि अदालत तहव्वुर राणा की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को खारिज कर दे।’ अटॉर्नी ने कहा कि याचिकाकर्ता यह साबित करने में विफल रहा है कि भारत की प्रत्यर्पण की अपील में पर्याप्त सबूतों का अभाव है।
राणा ने दायर की याचिका
भारत में 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को अमेरिकी अदालत ने US सरकार की राणा को भारत प्रत्यर्पित करने की अपील को मानते हुए प्रत्यर्पण की मंजूरी दे दी थी।
इसके बाद राणा ने आदेश को चुनौती देते हुए कैलिफोर्निया की सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। याचिका में राणा ने दावा किया कि उसके भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश भारत-अमेरिका के बीच की प्रत्यर्पण संधि की दो धाराओं का उल्लंघन है।
याचिका में दी ये दलीलें
राणा ने दलील दी कि भारत उस पर जो मुकदमा चलाना चाहता है, वैसे ही मामले में अमेरिका के इलिनोइस अदालत उसे बरी कर चुकी है। दूसरा, भारत ने जो उसके प्रत्यर्पण के लिए आरोप लगाए हैं और जो दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं, उनसे यह साबित नहीं होता कि उस पर जो आरोप लगाए गए हैं, उसने वो अपराध किए हैं।
IANS News
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।
इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।
इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
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