Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

‘जो पियेगा वो मरेगा’ कहने वाले नीतीश कुमार का यू-टर्न, मुआवजे के लिए फंड अलॉट

Published

on

Nitish Kumar

Loading

पटना। शराब पीने को लेकर दिए गए अपने एक बयान से सीएम नीतीश कुमार ने यू-टर्न ले लिया है। बिहार में जहरीली शराब से हुई मौतों के लिए 2.1 करोड़ रुपए का एलॉटमेंट हो गया। नालंदा और पर्वी चंपारण जिले के 53 पीड़ित परिवारों को 4-4 लाख रुपए सहायता राशि दी जाएगी।

2022 में बिहार विधानसभा में दिए गए अपने बयान ‘अगर कोई शराब पियेगा और गड़बड़ पियेगा तो वो मरेगा। अगर कोई शराब पीकर मर जाता है, तो उसके प्रति दया नहीं रखनी चाहिए। लोगों को शराब पीने से मना करना चाहिए’ से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब पलटते नजर आ रहे हैं । नीतीश सरकार ने इस साल नालंदा और पूर्वी चंपारण जिलों में जहरीली शराब पीने से मरने वाले 53 लोगों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए का आर्थिक मुआवजा देने के प्रयास शुरू कर दिया है।

बिहार जहरीली शराब मुआवजा के लिए फंड एलॉट

बिहार पुलिस मुख्यालय की ओर से दी गई आधिकारिक जानकारी में कहा गया है कि सरकार जहरीली शराब से हुई 53 मौतों के पीड़ितों के परिजनों को कुल 2.1 करोड़ रुपए का मुआवजा देगी। एक बयान में कहा गया कि पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की रिपोर्ट पहले ही तैयार की जा चुकी है और पैसा जल्द ही बांट दिया जाएगा।

बेतिया और नालंदा के पीड़ितों से मुआवजे की शुरुआत

गौरतलब है कि इस साल 14-15 अप्रैल को पूर्वी चंपारण जिले के तुरकौलिया, पहाड़पुर, हरसिद्धि और सुगौली पुलिस स्टेशनों में चार मामले दर्ज किए गए थे, वहां रहस्यमय परिस्थितियों में 41 लोगों की मौत हो गई थी। उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जहरीली शराब पीने से मौत की पुष्टि हुई थी।

पिछले साल 15 जनवरी को नालंदा जिले के सोहसराय थाना क्षेत्र में 12 लोगों की मौत हो गई थी। उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी जहरीली शराब पीने से मौत की पुष्टि हुई थी। जदयू के राष्ट्रीय महासचिव राजीव रंजन ने कहा कि अन्य जिलों में भी प्रभावित परिवारों को एक-एक करके मुआवजा मिलेगा। सभी को बारी-बारी से मिलेगा।

अप्रैल में हुआ था ‘हृदय परिवर्तन’

अप्रैल 2016 में राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू की गई थी। सीएम नीतीश ने शुरू में शोक संतप्त परिवारों को मुआवजे की भाजपा और वाम दलों की मांग को ये कहते हुए खारिज कर दिया था कि जो पिएगा, सो मरेगा (जो शराब पीएगा वह मर जाएगा)। हालांकि, इस साल अप्रैल में उनका हृदय परिवर्तन हुआ और उन्होंने कहा कि अगर मृतकों के परिवार जहरीली शराब से हुई मौत के पुख्ता सबूत पेश करेंगे और शराब के स्रोत का खुलासा करेंगे तो मुआवजा दिया जाएगा।

Continue Reading

प्रादेशिक

यूपी उपचुनाव : मुजफ्फरनगर जिले की मीरापुर सीट पर बवाल, पुलिस ने संभाला मोर्चा

Published

on

Loading

मीरापुर। मुजफ्फरनगर जिले की मीरापुर सीट पर बवाल की तस्वीरें सामने आई हैं। मीरापुर के ककरौली इलाके में गुस्साई भीड़ ने पथराव किया। इसके बाद पुलिस ने भीड़ को खदेड़ा। पुलिस के मुताबिक यहां पर दो पक्षों के बीच झड़प हुई थी। दरअसल मीरापुर उपचुनाव-मतदान के दौरान हंगामा देखने को मिला। इस दौरान ककरौली में भीड़ ने पथराव किया। इसके बाद पुलिस को हालात को ठंडा करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। इस दौरान मौके पर पुलिस अधिकारी भी मौके पर मौजूद थे। फिलहाल हालात सामान्य हैं।

क्या बोले पुलिस के अधिकारी

मुजफ्फरनगर एसएसपी अभिषेक सिंह ने बताया, “मीरापुर विधानसभा उपचुनाव के दौरान थाना ककरौली क्षेत्र के अंतर्गत गांव ककरौली के पास दो पक्षों में छोटी सी झड़प हुई है। पुलिस ने तत्काल मौके पर पहुंचकर बल प्रयोग कर सभी को वहां से हटा दिया है। मौके पर शांति व्यवस्था कायम है और मतदान स्वतंत्र एवं निष्पक्ष तरीके से चल रहा है।” बता दें कि बटेंगे तो कटेंगे नारा जो महाराष्ट्र की विधानसभा चुनाव में गूज रहा है, उसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश में हुई थी। इसका प्रयोग हरियाणा, झारखंड और फिर महाराष्ट्र में किया जा रहा है। दरअसल अखिलेश यादव के पीडीए फॉर्मूले के खिलाफ ये बयान दिया गया था। यूपी के 9 सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं। इस चुनाव में 90 प्रत्याशी मैदान में हैं। यहां भाजपा, एसपी और बीएसपी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है।

Continue Reading

Trending