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उत्तर प्रदेश

कमांडेंट मनीष दुबे ने कहा- क्यों न उसे बीच से हटा दें, हमें डिस्टर्ब कर रहा है

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Jyoti Maurya case

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लखनऊ। एसडीएम ज्‍योति मौर्या और होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे की लव स्‍टोरी पति पत्‍नी और वो की कहानी बनती जा रही है। इस कहानी में अब नया ट्विस्ट सामने आया है, जिसमे काल रिकॉर्ड‍िंग के आधार पर कार्रवाई की जा सकती है।

दरअसल, काल रिकॉर्ड‍िंग में प्रेमी कमांडेंट कहता है कि क्यों न उसे बीच से हटा दें। हमें बार-बार डिस्टर्ब कर रहा है। फिर महिला अधिकारी अपने पति का नाम लेती है। जिस पर कमांडेंट हामी भरता है। इसे आपराधिक कृत्य मानते हुए इसकी जांच पुलिस से कराए जाने की सिफारिश भी की गई है।

मनीष दुबे पर दर्ज होगी एफआईआर, काल रिकार्डिंग की होगी फोरेंसिक जांच

इस मामले में शासन आज ही कमांडेंट मनीष दुबे पर एक्‍शन लेते हुए उसे सस्‍पेंड कर सकता है। बता दें कि डीजी होमगार्ड बीके मौर्य ने जांच में दोषी पाए गए कमांडेंट के निलंबन व विभागीय कार्यवाही की संस्तुति की थी। उन्‍होंने मंगलवार को ही अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी थी।

माना जा रहा है कि दोपहर तक इस मामले में मनीष दुबे के निलंबन का आदेश जारी किया जा सकता है। काल रिकार्डिंग में कमांडेंट व महिला पीसीएस अधिकारी के बीच उसके पति को रास्ते से हटाने की बातचीत सामने आई है। ऐसे में कमांडेंट के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कर पुलिस जांच भी जल्द आरंभ की जा सकती है। काल रिकार्डिंग की फोरेंसिक जांच भी होगी।

महिला पीसीएस अधिकारी से करीबी रिश्ते के आरोप

होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे पर बरेली में तैनात रहने के दौरान महिला पीसीएस अधिकारी ज्‍योति मौर्या से करीबी रिश्ते होने का गंभीर आरोप लगा था। यह आरोप ज्‍योति मौर्या के पति ने लगाया था और पत्नी व कमांडेंट द्वारा मिलकर उनकी हत्या की साजिश रचे जाने की आशंका भी जताई थी। महिला अधिकारी के पति ने कई साक्ष्यों को सार्वजनिक भी किया था।

पति को रास्‍ते से हटाना चाहता था मनीष दुबे

होमगार्ड मुख्यालय ने इसकी जांच डीआईजी संतोष कुमार सिंह को सौंपी थी। जांच में दोषी पाए गए कमांडेंट के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति की गई है। जांच रिपोर्ट में महिला अधिकारी व कमांडेंट के बीच हुई बातचीत की रिकार्डिंग को शामिल किया गया है। जिसमें कमांडेंट कहता है कि क्यों न उसे बीच से हटा दें। हमें बार-बार डिस्टर्ब कर रहा है। फिर महिला अधिकारी अपने पति का नाम लेती है। जिस पर कमांडेंट हामी भरता है। कहता है कि कहानी ही खत्म कर देते हैं। इन तथ्यों की पुलिस जांच में कमांडेंट की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।

इस मामले में फंसी महिला पीसीएस अधिकारी डीआइजी के सामने बयान देने से बचती रही थीं। उन्होंने जांच अधिकारी से अदालत में बयान दर्ज कराने की बात कही थी। बता दें कि महिला पीसीएस अधिकारी ने भी पति के खिलाफ प्रयागराज में दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया है। वहीं, एसडीएम ज्‍योति मौर्य ने भी पति आलोक के खिलाफ दहेज उत्‍पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया है।

 

उत्तर प्रदेश

आमजन को शीतलहर से बचाने में जुटी योगी सरकार, जनपदों को आवंटित किए 20 करोड़

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लखनऊ| योगी सरकार ने ठंड को देखते हुए प्रदेशवासियों को शीतलहर से बचाने के लिए कंबल और अलावा के लिए विभिन्न जिलों को पहली किस्त जारी कर दी है। योगी सरकार ने करीब 20 करोड़ आवंटित करते हुए निराश्रित, असहाय एवं कमजोर वर्ग के लोगों को राहत देने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि जरुरतमंदों को वितरित किये जाने वाले कंबलों की गुणवत्ता उच्च क्वालिटी की होनी चाहिए। साथ ही सभी जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों को निराश्रित व्यक्तियों, शरणार्थियों और प्रभावितों के अस्थायी आवास, भोजन, वस्त्र एवं चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। राहत विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को धनराशि आवंटित कर दी है। जिलाधिकारियों द्वारा कंबल और अलाव के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है।

गाजीपुर, बुलंदशहर, गोरखपुर के लिए सबसे ज्यादा धनराशि आवंटित

राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के हर कमजोर वर्ग के साथ हमेशा खड़े रहते हैं। योगी सरकार की ओर से कई कल्याणकारी योजनाएं भी चलायी जा रही हैं। सरकार कमजोर, असहाय वर्ग के लोगों को आपदा से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। ठंड की शुरुआत के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शीतलहरी से निपटने के लिए 351 तहसील को कंबल के लिए पहली किस्त के रूप में 17.55 करोड़ रुपये आवंटितक किए गए हैं। वहीं अलाव के लिए एक करोड़ 75 लाख 50 हजार रुपये आवंटित किए गए। विभाग ने पहली किस्त के रूप में कुल उन्नीस करोड़ तीस लाख पचास हजार रुपये आवंटित किये हैं। इसमें 38 लाख 50 हजार रुपये की सर्वाधिक धनराशि गाजीपुर, बुलंदशहर, गोरखपुर, सीतापुर और लखीमपुर खीरी के लिए आवंटित की गई है। सभी मंडलायुक्त एवं जिलाधिकारियों को ठंड से निपटने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।

शेल्टर होम पर व्यवस्थापक का नाम और मोबाइल नंबर अवश्य दर्शाएं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शीतलहरी से निपटने के लिए जिलाधिकारियों, मुख्य विकास अधिकारियों, अपर जिलाधिकारियों, उपजिलाधिकारियों एवं तहसीलदारों को अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमण कर निराश्रित, असहाय एवं कमजोर वर्ग के लोगों को चिह्नित करने के निर्देश दिये हैं। शीतलहरी से किसी भी व्यक्ति की मृत्यु न हो, यह सुनिश्चित करने को कहा गया है। सभी नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम एवं ग्रामीण इलाकों के सार्वजनिक स्थलों पर आवश्यकतानुसार अलाव जलाने को कहा गया है। इसके अलावा हर शहर की सीमा के तहत मुख्य मार्गों एवं विशेषकर दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों में सफेद थर्मोप्लास्टिक पेंट द्वारा पट्टियों को दर्शाने, रिफलेक्टर, सोलरकैट साईन एवं डेलिवेटर लगाने का काम समय से पूरा करने को कहा गया है, जिससे कोहरे के कारण दुर्घटना न हो। इसके अलावा अभियान चलाकर ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में कृषि कार्यों में उपयोग में आने वाली ट्रैक्टर ट्रालियों के पीछे रेडियम की पीली पट्टी लगवाने को कहा गया है, जिससे कोहरे के कारण होने वाली दुर्घटनाओं पर नियत्रंण किया जा सके। शासन ने निर्देश दिया है कि सभी नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत में समय रहते रैन बसेरे एवं शेल्टर होम आदि की स्थापना कर ली जाए। रैन बसेरों-शेल्टर होम पर व्यवस्थापक का नाम और मोबाइल नंबर अवश्य दर्शाया जाए। जनपद के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा रात में औचक निरीक्षण भी किया जाए।

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