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मुख्य समाचार

केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आप को मिला कांग्रेस का साथ, राघव चड्ढा ने किया ट्वीट  

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AAP got support of Congress against the ordinance of the Center

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नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी संसद के मानसून सत्र से पहले NCCSA (National Capital Civil Services Authority) के अध्यादेश को राज्यसभा में रोकने के लिए विपक्षी दलों को लामबंद करने में जुटी है। इस बीच कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल के अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी को समर्थन देने की बात कही है।

जिसके बाद आप के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने ट्वीट करते हुए कहा है कि अब कांग्रेस ने भी समर्थन दे दिया है। इसके बाद राघव चड्ढा ने मीडिया से कहा,” मैंने ट्वीट करके अपनी बात रखी है। PAC की बैठक बुलाई गई है। बैठक में जो चर्चा होगी होगी उसके बात हम चर्चा कर निर्णय लेंगे।”

आप को मिला कांग्रेस का साथ

दरअसल, कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा कि मुझे लगता है कि आप कल बैठक में शामिल होने जा रही हैं, जहां तक अध्यादेश का सवाल है। हमारा रुख बिल्कुल स्पष्ट है कि हम इस अध्यादेश का समर्थन नहीं करने जा रहे हैं।

वहीं, कांग्रेस महासचिव की इस वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए आप के राज्यसभा सदस्य ने कहा कि कांग्रेस ने दिल्ली अध्यादेश का स्पष्ट विरोध करने की घोषणा की है।

आप नेता राघव चड्ढा का ट्वीट सामने आने के बाद उम्मीदें लगाई जा रही हैं कि आम आदमी पार्टी को कांग्रेस का NCCSA  पर समर्थन मिल गया है। हालांकि,  अभी इस बारे में कोई भी स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है।

हम अध्यादेश के विरोध में हैं- पवन खेड़ा

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने भी कहा, ”हमारा मत हमेशा स्पष्ट था कि संघीय ढांचे पर कभी भी और कहीं भी कोई हमला हो, हम उसके खिलाफ हैं। जब से ये(भाजपा) सरकार आई है, पिछले 9 साल से संघीय ढांचे पर हमले बोले जा रहे हैं। ये संघ की विचारधारा ही ऐसी है कि ये लोग संघीय ढांचे को बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं। राज्यों के अपने अधिकार क्षेत्र होते हैं जिस पर मोदी सरकार हमले करती आई है। दिल्ली का जो अध्यादेश केंद्र सरकार लाई है, हम उसके विरोध में हैं”।

बेंगलुरु में लगे केजरीवाल के पोस्टर

बेंगलुरु में केजरीवाल के पोस्टर लग गए है। जैसे ही कांग्रेस ने अध्यादेश को लेकर आम आदमी पार्टी का समर्थन देने की बात की है, वैसे ही बेंगलुरु में उनके स्वागत के लिए पोस्टर लग गए हैं।

नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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