अन्तर्राष्ट्रीय
US के खतरनाक क्लस्टर बमों से रूस पर भारी पड़ रहा यूक्रेन, कई देशों में है प्रतिबंध
वॉशिंगटन। यूक्रेन ने अमेरिका से मिले क्लस्टर बमों का इस्तेमाल रूस की सेना के खिलाफ शुरू कर दिया है। अमेरिका ने एक बयान में कहा है कि रूस के खिलाफ यूक्रेन इन क्लस्टर बमों का इस्तेमाल काफी प्रभावी तरीके से कर रहा है। उल्लेखनीय है कि दुनियाभर के 100 देशों में इन क्लस्टर बमों का इस्तेमाल प्रतिबंधित है।
बता दें कि अमेरिका में भी यूक्रेन को क्लस्टर बम देने को लेकर मतभेद थे और कई महीने तक इस बात को लेकर चर्चा होती रही थी। आखिरकार देश में लंबी बहस के बाद अमेरिका यूक्रेन को क्लस्टर बम देने के लिए तैयार हो गया।
इस शर्त पर मिले यूक्रेन को क्लस्टर बम
बता दें कि यूक्रेन ने अमेरिका से वादा किया था कि उनकी सेना सिर्फ अपनी रक्षा के लिए ही क्लस्टर बमों का इस्तेमाल करेगी। साथ ही रूस की सेना को तितर-बितर करने, रक्षा पंक्ति को भेदने के लिए ही क्लस्टर बमों का इस्तेमाल करेगी। रूस और यूक्रेन दोनों ही देश एक दूसरे पर क्लस्टर बमों के इस्तेमाल का आरोप लगा रहे हैं।
100 से ज्यादा देशों में है प्रतिबंध
गौरतलब है कि जिन क्लस्टर बमों का इस्तेमाल यूक्रेन युद्ध में किया जा रहा है, वह 100 से ज्यादा देशों में प्रतिबंधित हैं। बता दें कि क्लस्टर बमों में बहुत सारे छोटे-छोटे बम हवा में ही मुख्य क्लस्टर बम से निकलकर बिखर जाते हैं।
इन बमों से भारी नुकसान होता है लेकिन कई बार ये क्लस्टर बम फटते नहीं हैं और यह लंबे समय तक ऐसे ही पड़े रहते हैं, जिससे सालों बाद इनके फटने का डर बना रहता है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इनका खूब इस्तेमाल हुआ था लेकिन अब इनके इस्तेमाल पर रोक है।
अन्तर्राष्ट्रीय
पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।
इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।
जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।
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