नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू यूनिर्विटी (JNU) की पूर्व छात्र नेता शेहला राशिद ने मोदी सरकार की तारीफ की है। शेहला ने कहा है कि कश्मीर में मानवाधिकार का रिकॉर्ड सुधरा है। वह इस बात को स्वीकार करने के लिए मजबूर हैं। राज्य में जिंदगियां बच रही हैं। सरकार के स्पष्ट रुख ने लोगों के जीवन बचाने में मदद की है।
JNU की पूर्व छात्र नेता शेहला राशिद की यह प्रतिक्रिया कई लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है। वह जम्मू-कश्मीर से ताल्लुक रखती हैं। जेएनयू छात्र संघ की शेहला उपाध्यक्ष रह चुकी हैं। फरवरी 2016 में जब जेएनयू के तत्कालीन छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार और उमर खालिद की राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तारी हुई थी, उसके बाद शेहला ने जोरदार प्रदर्शन किए थे। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने का शेहला ने तीखा विरोध किया था।
राशिद ने ट्वीट करते हुए कहा कि इस बात को स्वीकार करना भले ही असुविधाजनक हो, लेकिन सच यह है कि नरेंद्र मोदी सरकार और जम्मू-कश्मीर एलजी के प्रशासन में कश्मीर में मानवाधिकार रिकॉर्ड में सुधार हुआ है। सरकार के स्पष्ट रुख ने कुल मिलाकर जिंदगियां बचाने में मदद की है। यही उनका नजरिया है।
शेहला से पहले कश्मीर घाटी के रहने वाले आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने धारा 370 को लेकर अहम ट्वीट कर चुके हैं। पिछले महीने किए गए इस ट्वीट की काफी चर्चा हुई थी। इस ट्वीट में शाह फैसल ने लिखा था- ‘मेरे जैसे कई कश्मीरियों के लिए अनुच्छेद 370 अतीत की बात है। झेलम और गंगा हमेशा के लिए महान हिंद महासागर में विलीन हो गई हैं। कोई वापसी नहीं है, केवल आगे बढ़ना है।’
मोदी सरकार की नीतियों को लेकर शाह फैसल व शेहला का बदला रुख दर्शाता है कि कश्मीर में हालात वाकई सुधर रहे हैं।