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अन्तर्राष्ट्रीय

US को रूस व चीन के खुफिया हमले का डर, स्पेस इंडस्ट्री की कंपनियों को दी चेतावनी

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US fears intelligence attack from Russia and China

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वाशिंगटन। अमेरिका की खुफिया एजेंसियों ने स्पेस इंडस्ट्री (अंतरिक्ष उद्योग) से जुड़ी अपनी कंपनियों को चेतावनी जारी की है कि चीन और रूस उन पर सैटेलाइट हमले कर सकते हैं या फिर उनकी जासूसी कर सकते हैं। अमेरिका के नेशनल काउंटर इंटेलिजेंस एंड सिक्योरिटी सेंटर, एफबीआई और यूएस एयर फोर्स ने एक संयुक्त एडवाइजरी जारी की है। इसमें बताया गया है कि अमेरिका की अंतरिक्ष उद्योग से जुड़ी कंपनियों पर साइबर अटैक हो सकता है या फिर रणनीतिक निवेश के जरिए संवेदनशील तकनीक हासिल करने की कोशिश हो सकती है।

सैटेलाइट को निशाना बना सकते हैं चीन-रूस

चेतावनी में कहा गया है कि विदेशी खूफिया ताकतें कंपनी की गोपनीय सूचनाएं लीक कर सकती हैं, साथ ही अमेरिका के सैटेलाइट कम्युनिकेशन, रिमोट सेंसिग और इमेजिंग क्षमताओं को भी बाधित कर सकती हैं। अमेरिका की कई सैटेलाइट्स पर हाल के दिनों में कई बार हमले हुए हैं और अमेरिकी अर्थव्यवस्था और उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा जिस तरह से अंतरिक्ष पर निर्भर करती है, उसे देखते हुए भी अमेरिकी खुफिया एजेंसी अलर्ट हो गई हैं।

कंपनियों को जारी की ये चेतावनी

खुफिया एजेंसियों ने चेतावनी में कहा है कि अमेरिकी अंतरिक्ष कंपनियां एक अंदरुनी चेतावनी कार्यक्रम बनाए, जिससे खुफिया सूचनाएं लीक होने पर रोक लगे, साथ ही विदेशी लोगों के आउटरीच कार्यक्रमों के तहत कंपनियों में आने की अपील को खारिज किया जाए। साथ ही विदेशी सरकारों या उनसे जुड़ी कंपनियों के साथ संयुक्त उपक्रम ना बनाने की भी सलाह दी गई है।

हालांकि चीन ने अमेरिकी के आरोपों को खारिज किया है। अमेरिका में स्थित चीनी दूतावास ने बयान जारी कर कहा है कि उनका देश हमेशा मानवता की भलाई के लिए ही अंतरिक्ष खोज को सीमित रखना चाहता है। चीन ने हैकिंग के आरोपों से इनकार कर दिया। रूस की तरफ से इसे लेकर कोई बयान नहीं आया है।

बता दें कि बीते दिनों में अमेरिका की कई अंतरिक्ष कंपनियों पर साइबर हमले या गोपनीय सूचनाएं लीक होने की घटनाएं हुई हैं। साल 2022 में वियासैट इंक पर साइबर हमला हुआ था, जिसकी वजह से कंपनी को अपने 45 हजार मोडेम बदलने पड़े थे। एलन मस्क की कंपनी स्पेस एक्स के स्टारलिंक प्रोजेक्ट को भी निशाना बनाया गया और कंपनी पर जैमिंग अटैक हुए।

अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।

इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।

जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।

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