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अन्तर्राष्ट्रीय

चंद्रयान-3: ऐतिहासिक पल का गवाह बनेगी पूरी दुनिया, जानें मिशन से जुड़ी 10 खास बातें

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Second deboosting of Chandrayaan-3

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नई दिल्ली। चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने के लिए लैंडर विक्रम पूरी तरह तैयार है। पूरी दुनिया की निगाह इस समय चंद्रयान-3 मिशन (Chandrayaan-3) पर है। अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत आज एक मील के पत्थर को छूने जा रहा है, जिसकी परिकल्पना इसरो के वैज्ञानिकों ने कई सालों पहले किया था। आइए सबसे पहले इस मिशन से जुड़ी 10 महत्वपूर्ण जानकारी को समझ लें।

ऐतिहासिक पल का गवाह बनने के लिए दुनिया तैयार

1- इसरो ने जानकारी दी कि लैंडर विक्रम को शाम 6:04 बजे चांद की सतह पर लैंड कराने का प्रयास किया जाएगा। इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनने के लिए देश के कई राज्यों में स्कूल खुले रहेंगे। आज दुनिया की निगाह इसरो की ओर है।

बता दें कि इस समय 15वें ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होने के लिए पीएम मोदी दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर हैं। वो इस कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से शामिल होंगे।

रूस का मून मिशन हुआ फेल

2- रविवार(20 अगस्त) को रूस का मून मिशन एयरक्राफ्ट ‘लूना-25 (Luna-25) चांद की सतह से क्रैश कर गया था। बता दें कि साल 2019 में चंद्रयान-2 मिशन के दौरान विक्रम लैंडर भी सॉफ्ट लैंडिंग करने में असफल हो गया था।

3- इसरो को पूरा यकीन है कि चाहे कितनी भी बाधाएं उत्पन्न हो लेकिन इस बार चांद की सतह पर विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग होकर रहेगी।

4- चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद चांद के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर कदम रखने वाला भारत दुनिया का सबसे पहला देश बन जाएगा

5- सॉफ्ट लैंडिंग कार्यक्रम का सीधा प्रसारण शाम 5:20 मिनट से इसरो की वेबसाइट, यूट्यूब चैनल और डीडी नेशनल पर शुरू होगा। इस कार्यक्रम से जुड़ी सबसे तेज जानकारी के लिए आप जागरण के लाइव ब्लॉग को भी फॉलो कर सकते हैं।

आसान नहीं दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर को लैंड कराना

6- चांद की दक्षिणी ध्रुव लैंड करना किसी भी लैंडर के लिए आसान नहीं है। इस क्षेत्र में कई बढ़े गड्ढे हैं, जिसकी ज्यादा जानकारी दुनिया में किसी के पास नहीं है, इसलिए पूरी सावधानी के साथ लैंडिंग स्पॉक का चयन किया गया है। वैज्ञानिकों को पूरी उम्मीद है कि इस क्षेत्र में पानी और कई खनिज पदार्थ मौजूद हैं।

7- अमेरिका, रूस और चीन के बाद चंद्रमा की सतह पर भारतीय रोवर उतरने के लिए पूरी तरह तैयार है।

8- इसरो ने मंगलवार को कहा कि मिशन तय समय पर है और सिस्टम की नियमित जांच हो रही है।

9- 14 जुलाई को एलवीएम 3 हेवी-लिफ्ट रॉकेट के जरिए चंद्रयान 3 को लॉन्च किया गया था।

10- चंद्रयान मिशन के बाद इसरो का अगला बड़ा प्रोजेक्ट आदित्य एल 1 मिशन (Aditya L1 Mission) है, जो अंतरिक्ष में जाकर सूर्य की स्टडी करेगा।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

दो दिवसीय दौरे पर कुवैत रवाना हुए पीएम मोदी, 43 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला दौरा

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को अपनी दो दिवसीय यात्रा पर कुवैत रवाना हो गए। यह कुवैत में चार दशक से अधिक समय में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा होगी। भारत की ओर से आखिरी बार प्रधानमंत्री का कुवैत दौरा 43 साल पहले हुआ था। दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1981 में कुवैत का दौरा किया था। वहीं, तत्कालीन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने 2009 में इस पश्चिम एशियाई देश का दौरा किया था. अपनी दो दिवसीय यात्रा में प्रधानमंत्री मोदी कुवैत के टॉप लीडर्स के साथ बैठक करेंगे।

अपनी कुवैत यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए पीएम मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर अपने आधिकारिक हैंडल पर लिखा, “आज और कल मैं कुवैत जाऊंगा। यह यात्रा कुवैत के साथ भारत के ऐतिहासिक संबंधों को और गहरा करेगी। मैं कुवैत के महामहिम अमीर, क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री से मिलने के लिए उत्सुक हूं। आज शाम मैं भारतीय समुदाय से मिलूंगा और अरब गल्फ कप के उद्घाटन समारोह में भी शामिल होऊंगा।”

पीएम मोदी के हवाले से प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से इस यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया, “आज, मैं कुवैत राज्य के अमीर महामहिम शेख मेशल अल-अहमद अल-सबा के निमंत्रण पर कुवैत की दो दिवसीय यात्रा पर जा रहा हूं। हम कुवैत के साथ ऐतिहासिक संबंधों को बहुत महत्व देते हैं, जो पीढ़ियों से पोषित हैं। हम न केवल मजबूत व्यापार और ऊर्जा साझेदार हैं, बल्कि पश्चिम एशिया क्षेत्र में शांति, सुरक्षा, स्थिरता और समृद्धि में भी हमारी साझा रुचि है।”

पोस्ट में आगे कहा गया, “मैं कुवैत के महामहिम अमीर, क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री के साथ अपनी बैठक की प्रतीक्षा कर रहा हूं। यह हमारे लोगों और क्षेत्र के लाभ के लिए भविष्य की साझेदारी के लिए एक रोडमैप तैयार करने का अवसर होगा। मैं कुवैत में भारतीय प्रवासियों से मिलने के लिए उत्सुक हूं, जिन्होंने दोनों देशों के बीच मैत्री के बंधन को मजबूत करने में बहुत योगदान दिया है। मैं खाड़ी क्षेत्र में एक प्रमुख खेल आयोजन, अरेबियन गल्फ कप के उद्घाटन समारोह में मुझे आमंत्रित करने के लिए कुवैत के नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। मैं एथलेटिक उत्कृष्टता और क्षेत्रीय एकता के इस उत्सव का हिस्सा बनने के लिए उत्सुक हूं। मुझे विश्वास है कि यह यात्रा भारत और कुवैत के लोगों के बीच मित्रता के विशेष संबंधों और बंधनों को और मजबूत करेगी।”

 

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