नई दिल्ली। भारत के 18 साल के युवा शतरंज खिलाड़ी आर प्रगनानंद को फिडे विश्व कप शतरंज के टाईब्रेकर मुकाबले में हार झेलनी पड़ी। दुनिया के नंबर 1 खिलाड़ी मैग्रस कार्लसन ने शतरंज विश्व कप का पहला खिताब जीत लिया है।
बता दें कि टाईब्रेकर का पहला राउंड जीतने के बाद मैग्रस ने दूसरे राउंड में शानदार चाल चली और ये राउंड ड्रॉ पर खत्म हुआ और इस तरह मैग्रस ने विश्व कप जीत लिया। ये चेस विश्व कप फाइनल का तीसरा दिन रहा, जहां आर प्रगनानंद इतिहास रचने से चूक गए।
बता दें कि रैपिड फॉर्मेट में दो टाईब्रेकर बाजियां खेली गई, जिसमें दोनों खिलाड़ियों को 25-25 मिनट का समय मिला। हर चाल के बाद हर खिलाड़ी के पास 10 सेकंड जुड़ गए। 47 चालों के बाद प्रगनानंद को पहले टाई ब्रेकर में हार मिली और दूसरे टाई-ब्रेकर में ड्रॉ पर समाप्त हुआ। दोनों के बीच अंतिम स्कोर, कार्लसन-1.5, प्रग्गनानंद- 0.5 का रहा और इस तरह मैग्रस ने ये खिताब जीत लिया।
7 साल की उम्र में जीती थी विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप
बता दें कि युवा भारतीय शतरंज खिलाड़ी रमेशबाबू ने 2016 में सबसे कम उम्र के अंतरराष्ट्रीय मास्टर बनकर शतरंज की दुनिया में इतिहास रचा था। इसके साथ उन्होंने फेडरेशन इंटरनेशनल डेस एचेक्स में इंटरनेशनल मास्टर की खास उपाधि हासिल की।
उनका इस खेल से लगाव 3.5 साल की उम्र से हुआ, जब से उन्होंने अपनी बड़ी बहन को चेस खेलते हुए देखा था। इसके बाद सात साल की उम्र में उन्होंने विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप जीती थी। इसके बाद अंडर-10 टाइटल के साथ कई खिताब अपने नाम किए।
सेमीफाइनल में दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी को दी थी मात
प्रगनानंद ने सेमीफाइनल मैच में दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी फाबियानो करूआना को 3.5-2.5 से हराकर उलटफेर करते हुए फाइनल में एंट्री की थी। वह महान खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद के बाद वर्ल्ड कप फाइनल में जगह बनाने वाले सर्फ दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं।
प्रगननांद की सेमीफाइनल में भी ऐतिहासिक जीत रही थी। दो मैचों की क्लासिकल सीरीज 1-1 की बराबरी पर समाप्त होने के बाद प्रगननांद ने टाईब्रेकर में अमेरिका के दिग्गज ग्रैंडमास्टर को पछाड़ा था।