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धर्म आधारित नहीं थी मणिपुर हिंसा, जनजातियों में दुश्मनी और अविश्वास है कारण: US थिंक टैंक
नई दिल्ली। अमेरिका स्थित एक थिंक टैंक ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि मणिपुर में हुई हिंसा धर्म के आधार पर नहीं हुई है। थिंक टैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जनजातियों में आपस में अविश्वास, आर्थिक प्रभावों का डर, ड्रग्स, उग्रवाद और इतिहास में घटी घटनाएं, हिंसा के लिए जिम्मेदार हैं।
बता दें कि भारत पर केंद्रित थिंक टैंक फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज (FIIDS)ने यह रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मणिपुर की हिंसा में विदेशी हस्तक्षेप से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
जनजातियों में दुश्मनी और अविश्वास कारण
रिपोर्ट में कहा गया है कि मणिपुर सरकार और केंद्र सरकार, दोनों ने राज्य में शांति बहाली और राहत के लिए अपने सारे संसाधन तैनात किए हैं। गौरतलब है कि रिपोर्ट में कहा गया है कि मणिपुर की जनजातियों में धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण मौजूद है लेकिन धार्मिक आधार पर हिंसा के सबूत नहीं मिले हैं। FIIDS ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि मणिपुर हिंसा जनजातीय बंटवारे और ऐतिहासिक अविश्वास और जनजातियों के बीच की दुश्मनी के कारण हुई।
विदेशी हस्तक्षेप से नहीं किया जा सकता इनकार
थिंक टैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि कई उग्रवादी और कट्टरपंथी संगठनों को इस हिंसा से फिर से सक्रिय होने का मौका मिल गया है। अफीम और हेरोइन उगाने वाले ड्रग माफियाओं ने इस हिंसा की फंडिंग की और विदेशी हस्तक्षेप से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
थिंक टैंक ने गुरुवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर ये जानकारी दी। रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल के हफ्तों में हिंसा और धरने प्रदर्शनों में कमी आई है लेकिन अभी भी लोगों के बीच अविश्वास मौजूद है। विस्थापित लोग अभी भी अपने-अपने घर लौटने में सहज नहीं हैं।
शांति के लिए बातचीत और विश्वास बहाली की जरूरत
FIIDS के अनुसार, शांति बहाली के लिए बातचीत, समुदायों के बीच विश्वास बहाली और राहत और पुनर्वास जैसे कामों को किए जाने की जरूरत है। FIIDS का कहना है कि इस रिपोर्ट को अमेरिका के पॉलिसी मेकर्स और अन्य थिंक टैंक्स के साथ साझा की जाएगी। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि मणिपुर हिंसा के दौरान फर्जी खबरें और वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित किए गए, जिससे भी हिंसा भड़की।
बता दें कि मणिपुर में बहुसंख्यक मैतई समुदाय को जनजातीय आरक्षण देने की मांग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे। तीन मई को हिंसा भड़क उठी, जिसमें अब तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हो चुके हैं।
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5.6 मिलियन फॉलोअर्स वाले एजाज खान को मिले महज 155 वोट, नोटा से भी रह गए काफी पीछे
मुंबई। टीवी एक्टर और पूर्व बिग बॉस कंटेस्टेंट एजाज खान इस बार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने उतरे थे। हालांकि जो परिणाम आए हैं उसकी उन्होंने सपने में भी उम्मीद नहीं की होगी। एजाज आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के टिकट पर वर्सोवा सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे लेकिन उन्होंने अभी तक केवल 155 वोट ही हासिल किए हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि नोटा को भी 1298 वोट मिल चुके हैं। इस सीट से शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के हारून खान बढ़त बनाए हुए हैं जिन्हें अबतक करीब 65 हजार वोट मिल चुके हैं।
बता दें कि ये वहीं एजाज खान हैं जिनके सोशल मीडिया पर 5.6 मिलियन फॉलोअर्स हैं। ऐसे में बड़ी ही हैरानी की बात है कि उनके इतने चाहने वाले होने के बावजूद भी 1000 वोट भी हासिल नहीं कर पाए। केवल 155 वोट के साथ उन्हें करारा झटका लगा है।
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