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प्रादेशिक

अंतर्देशीय जल परिवहन में यात्रियों और कार्गो परिवहन के व्यापक अवसर: मुख्यमंत्री योगी

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने रविवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में उत्तर प्रदेश अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के गठन के संबंध में समीक्षा बैठक की और यथाशीघ्र इसके गठन की प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश दिए।

● प्राधिकरण के स्वरूप पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्राधिकरण के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के पद पर ख्यातिलब्ध विशेषज्ञ को जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। प्रदेश के परिवहन आयुक्त को इसका सीईओ नामित किया जाए।

● मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह प्राधिकरण नोडल अथॉरिटी के रूप में भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के साथ समन्वय का कार्य करेगा। प्राधिकरण द्वारा अंतर्देशीय जल परिवहन एवं पर्यटन संबंधित समस्त गतिविधियों का रेगुलेशन किया जाएगा, साथ ही, जल परिवहन से संबंधित पर्यावरण एवं सुरक्षा कानूनों का अनुपालन, जलमार्गों के विकास एवं बेहतर उपयोग हेतु हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण एवं जांच की जिम्मेदारी का निर्वहन भी करेगा।

● मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्राधिकरण द्वारा अंतर्देशीय जल यातायात डेटा का अध्ययन एवं विश्लेषण किया जाना चाहिए। अंतर्देशीय जल परिवहन, पर्यटन एवं शिपिंग तथा नेविगेशन संबंधित गतिविधियों के संबंध में वैज्ञानिक अनुसंधान किया जाए। अंतर्देशीय जल परिवहन से संबंधित स्टेकहोल्डर्स एवं अधिकारियों/कर्मचारियों का तकनीकी प्रशिक्षण भी कराया जाए।

● उत्तर प्रदेश के नदियों के जलमार्गों के सदुपयोग एवं विनियमन के परिप्रेक्ष्य में जलग्रहण क्षेत्र का निर्धारण, नदियों को चैनलाइज़ करने तथा पूरे वर्ष नेविगेबल बनाए रखने, अविरल प्रवाह हेतु ड्रेजिंग गतिविधि कराने तथा अंतर्देशीय जल परिवहन हेतु ढांचागत सुविधाओं आदि की स्थापना के अलावा, पर्यटक सर्किट मार्ग तैयार करने में प्राधिकरण की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

● मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि प्राधिकरण द्वारा जल परिवहन के अन्य परिवहन साधनों के साथ समन्वयन तथा पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप एवं निजी भागीदारी प्रोत्साहित करने का भी कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हर नदी की प्रकृति भिन्न होती है। ऐसे में अंतर्देशीय जलमार्गों के वर्गीकरण के लिए प्राधिकरण द्वारा मानक तय किया जाना चाहिए।

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उत्तर प्रदेश

25 नवम्बर को चलेगा ‘पेंट माई टाॅयलेट’ का विशेष अभियान

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लखनऊ। विश्व शौचालय दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश में चल रहे विशेष अभियान के अंतर्गत 25 नवम्बर को ‘पेंट माई टाॅयलेट’ नामक विशेष अभियान का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान शौचालय और आसपास की दीवारों पर वॉल पेंटिंग और स्वच्छता संबंधी संदेश और उनका सौन्दर्यीकरण किया जाएगा। उसके पश्चात् 30 नवम्बर को सभी निकायों में सफाई मित्रों का सम्मान किया जायेगा। मालूम हो कि भारत सरकार के निर्देशों के क्रम में प्रदेश के सभी निकायों में निर्मित शौचालयों को स्वच्छ, सुन्दर और सुविधाजनक बनाने के लिए विश्व शौचालय दिवस पर जॉइंट सेक्रेटरी, महुआ रूपा मिश्रा ने राजधानी लखनऊ से ‘स्वच्छ शौचालय’ नामक विशेष अभियान की शुरुआत की थी। अपर निदेशक स्वच्छ भारत मिशन (नगरीय) ऋतु सुहास ने बताया कि ‘स्वच्छ शौचालय’ अभियान की थीम ‘स्वच्छ शौचालय – हमारी जिम्मेदारी’ को आत्मसात करने के लिए यह अभियान को 25 दिसम्बर तक चलाया जा रहा है। जिसके अंतर्गत विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से निकायों में स्थापित शौचालयों को स्वच्छ, सुंदर, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाया जायेगा।

प्रत्येक दिन में 2 बार करायी जाएगी साफ-सफाई

‘स्वच्छ शौचालय – हमारी जिम्मेदारी’ थीम पर आधारित ‘स्वच्छ शौचालय’ अभियान के दौरान सभी निकायों में निर्मित सार्वजनिक एवं सामुदायिक शौचालयों की मरम्मत, सफाई और सुंदरीकरण के साथ ही उनके आस-पास खाली जगहों पर पौधरोपण एवं स्वच्छता संबंधी संदेशों को वाॅल पर पेटिंग के माध्यम से दर्शाया जायेगा। स्वच्छ शौचालय अभियान अंतर्गत सभी शौचालयों की साफ-सफाई प्रत्येक दिन में 02 बार करायी जाएगी।

गाइडलाइन के अनुरूप होंगे सभी कार्य

निकायों में निर्मित सार्वजनिक एवं सामुदायिक शौचालयों के बेहतर रख-रखाव गाईडलाइन अनुसार सुनिश्चित किया जाएगी। सार्वजनिक एवं सामुदायिक शौचालयों के आस-पास गंदगी निषेध क्षेत्र बनाए जाए व उन स्थानों का सौन्दर्यीकरण कराया जाए। ऐतिहासिक व सार्वजनिक स्थानों पर निर्मित शौचालयों की साफ-सफाई व उनके सौन्दर्यीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए।

टोल फ्री नंबर का प्रचार पर दर्ज करें सुझाव और शिकायत

स्वच्छता और सुविधाओं सम्बंधित सुझाव व शिकायतों के लिए सभी शौचालयों पर टोल फ्री नं. 1533 का प्रचार-प्रसार बाहर की दिवारों पर किया जाए। सैप्टिक टैंक क्लीनिंग से संबंधित दिशा-निर्देश एवं सैप्टिक टैंक क्लीनिंग से संबंधित संपर्क नंबर टाॅयलेट के बाहर की दिवारों पर दर्शाया जाए। शौचालयों को गूगल मैप पर गूगल टाॅयलेट लोकेटर पर चिन्हित् करते हुए गूगल लोकेटर आई.डी. को टाॅयलेट के बाहर की दिवारों पर दर्शाया जाए।अभियान के अन्तर्गत संबंधित निकायों में रेट्रोफिटिंग एवं रेनोवेशन किया जाना है। सभी निकाय आपने शौचालयों का सौन्दर्यीकरण, मरम्मत, रख-रखाव, गाईडलाइन के अनुरुप कराने के पश्चात् पहले व बाद की स्थिति से अवगत करायें।

आई.ई.सी. गतिविधियों के माध्यम से करें व्यापक प्रचार-प्रसार

स्वच्छ शौचालय अभियान के अन्तर्गत आई.ई.सी. में विभिन्न गतिविधियां करायी जाएगी जैसे कि टाॅयलेट टाक्स, सौन्दर्यीकरण, हैरिटेज प्लेसेस से संबंधित स्थानों पर आउटरीच गतिविधियों एवं आई.ई.सी. के माध्यम से लोगों का जुडा़व कराया जाये। स्वयं सहायता समूह, स्वयं सेवी संस्था, सी.बी.ओ., सी.एस.आर., स्वच्छ वातावरण प्रोत्साहन समिति व स्वच्छ सारथी क्लब के माध्यम से विभिन्न स्थानों पर जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन कराया जाये तथा समस्त स्कूल/काॅलेज/विश्वविद्याालयों में टाॅयलेट की व्यवस्था व साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। अभियान की समस्त गतिविधियों को सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट करके व न्यूज पेपर्स के माध्यम से भी इसका प्रचार-प्रसार किया जाए।

डीसीसीसी से होगी ऑनलाइन मॉनिटरिंग

निदेशालय में स्थापित डेडिकेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर (डीसीसीसी) के माध्यम से शौचालय की सफाई, सौंदर्यीकरण की दैनिक निगरानी की जाएगी। सभी मानकों को पूर्ण कराते हुए निकाय स्तर के अधिकारी व कर्मचारी ऑनलाइन मॉनिटरिंग में प्रतिभाग करते हुए शौचालय में कराये गए कार्यों को प्रदर्शित करेंगे।

उत्कृष्ट शौचालय और केयरटेकर होंगे सम्मानित

अभियान के तहत उत्कृष्ट कार्य करने वाले नगर निगम/नगर पालिका परिषदों/नगर पंचायतों को विभिन्न सूचकों के आधार पर राज्य स्तर पर विभाग द्वारा सम्मानित किया जाए। वहीं उत्कृष्ट केयरटेकर को भी निकाय व राज्य स्तर पर सम्मानित किया जायेगा।

स्वच्छ टाॅयलेट अभियान के अन्तर्गत विशेष सफाई अभियान चलाकर समस्त सार्वजनिक/सामुदायिक शौचालयों की साफ-सफाई व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। 25 नवम्बर को “पेंट माई टाॅयलेट” का विशेष अभियान चलाकर समस्त टाॅयलेट के आस-पास की दिवारोेें पर स्वच्छता संबंधी संदेश लिखाकर उनका सौन्दर्यीकरण कराया जाएगा। वहीं 30 नवम्बर को सभी सफाई कर्मियों को उक्त अभियान के अन्तर्गत सम्मानित किया जाएगा।

इन्हीं मुख्य उद्देश्य और मनकों को पूर्ण करते हुए निकायों में स्थापित शौचालयों को सुन्दर और सुविधाजनक बनाया जाए, जिससे आमजनमानस को स्वच्छता और स्वस्थ वातावरण मिल सके। इतना ही नहीं यहीं शौचालय निकाय की जनसुविधाओं का प्रमुख बिंदु भी बन सके।

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