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प्रादेशिक

प्रदेश में 10 से 25 सितम्बर तक अभियान चलाकर किया जाएगा निराश्रित गौवंश का संरक्षण

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लखनऊ| योगी सरकार प्रदेश में अभियान चलाकर युद्ध स्तर पर निराश्रित गौवंश का संरक्षण करेगी। इसके लिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रथम चरण में अभियान के तहत गोरखपुर, बरेली एवं झांसी मण्डल में 10 से 25 सितम्बर तक निराश्रित गोवंश को संरक्षित करने और उनके भरण-पोषण की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। साथ ही योगी सरकार ने किसानों एवं पशुपालकों से अपील की है कि गोवंश को छुट्टा न छोडे़। वहीं अगर 25 सितम्बर के बाद इन मण्डलों के किसानों एवं पशुपालकों द्वारा गोवंश को छोड़ दिया जाता है तो उनपर विधिक कार्यवाही की जायेगी।

फ़ोटो के साथ मुख्यालय को उपलब्ध कराई जाये निराश्रित गोवंश की सूचना

पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि निराश्रित गौवंश का संरक्षण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता में है। पशुधन मंत्री ने अधिकारियों को सख्त रूप से निर्देशित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप पूरे प्रदेश में चरणबद्ध रूप से अभियान चलाया जाए और निराश्रित गौवंश को गोआश्रय स्थलों में संरक्षित किये जाने में संवेदनशीलता बरती जाए। इसके साथ ही उनके भरण-पोषण की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। अभियान के तहत निराश्रित गौवंश की रोज़ाना सूचना फोटो सहित मुख्यालय पर उपलब्ध कराई जायेगी। स्थानीय प्रशासन, मनरेगा एवं पंचायतीराज विभाग की सहायता से जनपदों में जल्द से जल्द अस्थायी गोआश्रय स्थल बनवाये जाएँ और गोआश्रय स्थलों का क्षमता के अनुरूप विस्तारीकरण कराया जाए।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं का रखा जाए विशेष ध्यान

मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि ग्रामीण क्षेत्रों में पशुओं में ईयर टैगिंग कराई जाए। उन्होंने कहा कि अभियान के तहत चारागाह मुक्त भूमि की स्थिति की समीक्षा की जाए और उसे चारागाह के लिये उपयोगी बनाया जाए। बाढ़ प्रभावित जनपदों में पशुओं के लिए पर्याप्त चारे-भूसे, औषधियों एवं संक्रामक रोगों से बचाव के लिये टीकाकरण की व्यवस्था कराई जाए। लम्पी स्किन रोग की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल कार्यवाही की जाए।

उत्तर प्रदेश

राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार

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प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।

मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।

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