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बिजनेस

लगातार तीसरे महीने कम हुआ रूस से कच्चा तेल आयात, सऊदी अरब से बढ़ी खरीद

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Crude Oil Import

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नई दिल्ली। भारत की ओर से रूस से आयात किए जाने वाले कच्च तेल में अगस्त में गिरावट देखने को मिली है और यह सात महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है। आयात में कमी के पीछे का कारण मानसून के कारण मांग में आई नरमी को माना जा रहा है।

एनर्जी कार्गों टैकर कंपनी वोर्टेक्सा की ओर से जारी किए आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त में रूस से प्रतिदिन 14.6 लाख बैरल की खरीद हुई है, जबकि पिछले महीने से 19.1 लाख बैरल थी। ये लगातार तीसरा महीना था, जब रूस से कच्चे तेल के आयात में कमी आई है।

किन-किन देशों के कम हुआ कच्चे तेल का आयात?

रूस के साथ ही इराक से भी कच्चे तेल का आयात कम हुआ है। यह 8,91,000 बैरल प्रति दिन से कम होकर 8,66,000 बैरल प्रति दिन हो गया है। यूएई से कच्चे तेल का आयात 2,90,000 बैरल प्रति दिन से कम होकर अगस्त में 2,73,000 बैरल प्रति दिन रह गया है।

अमेरिका से कच्चे तेल का आयात 2,19,000 बैरल प्रति दिन से कम होकर 1,60,000 बैरल प्रति दिन हो गया है। हालांकि, सऊदी अरब से कच्चे तेल का आयात बढ़कर 8,20,000 बैरल प्रति दिन पर पहुंच गया। यह जुलाई में करीब 4,84,000 बैरल प्रति दिन था। भारत की ओर से आयात किए जाने वाले कुल कच्चे तेल में 7 प्रतिशत की गिरावट आई है। यह अगस्त में 43.5 लाख बैरल प्रति दिन रहा है।

रूस अभी भी सबसे बड़ा सप्लायर

कच्चे तेल आयात में गिरावट आने के बाद भी रूस भारत का सबसे बड़ा कच्चे तेल का सप्लायर बना हुआ है। इसके बाद इराक, सऊदी अरब, यूएई और अमेरिका का नाम आता है। बता दें, रूस-यूक्रेन युद्ध से पहले भारत रूस से प्रतिदिन 44,500 बैरल ही कच्चे तेल का आयात करता था।

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18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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