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उत्तर प्रदेश

मेरी मौत का जिम्मेदार BJP नेता: कानपुर में जमीन कब्जा होने से आहत किसान ने दी जान

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कानपुर। उप्र के कानपुर के अहिरवां में 6.29 करोड़ की जमीन पर कब्जा होने से आहत किसान ने ट्रेन से कटकर जान दे दी। भाजपा नेता ने जमीन पर कब्जा करने का आरोप है। किसान ने सीएम के नाम सुसाइड नोट लिख भाजपा नेता को अपनी मौत का कारण बताया। परिजनों ने भी आरोप लगाया कि भाजपा नेता ने मार्च में उक्त राशि का चेक देकर जमीन की रजिस्ट्री कराई, इसके तुरंत बाद कोई खामी बताकर चेक वापस ले लिया।

कानपुर के अहिरवां स्थित 6.29 करोड़ रुपये की जमीन (साढ़े छह बीघा) हड़पे जाने से आहत चकेरी गांव निवासी किसान बाबू सिंह यादव (52) ने शनिवार सुबह ट्रेन से कटकर जान दे दी। खुदकुशी से पहले उसने मुख्यमंत्री के नाम एक सुसाइड नोट भी लिखा है। इसमें अपनी मौत का जिम्मेदार श्यामनगर में रहने वाले भाजपा नेता को बताया है।

परिजनों ने भी आरोप लगाया कि भाजपा नेता ने मार्च में उक्त राशि का चेक देकर जमीन की रजिस्ट्री कराई, इसके तुरंत बाद कोई खामी बताकर चेक वापस ले लिया। पैसा न देने पर कोर्ट में वाद दाखिल किया गया। इस बीच भाजपा नेता ने जमीन किसी और को बेच दी।

चकेरी गांव में रहने वाले किसान बाबू सिंह यादव अपनी पत्नी बिटान, दो बेटियों बीएससी फाइनल ईयर की छात्रा रूबी व इंटर की छात्रा काजल के साथ रहते थे। इसी गांव में रहने वाले उनके भतीजे धर्मेंद्र यादव ने बताया कि बाबू सिंह के नाम अहिरवां में साढ़े छह बीघा जमीन थी। कुछ दलालों की उनकी जमीन पर नजर पड़ी तो बाबू सिंह को तरह-तरह के प्रलोभन देने लगे।

जमीन के 6.29 करोड़ रुपये दिलवाने का भरोसा देकर श्यामनगर में रहने वाले एक भाजपा नेता से मुलाकात करवाई गई। धर्मेंद्र के मुताबिक इसी साल 18 मार्च को रजिस्ट्री कार्यालय में ले जाकर उन्हें 6.29 करोड़ की चेक देकर अपने नाम रजिस्ट्री करवा ली।  आरोप लगाया कि कुछ देर बाद बाहर ले जाकर चेक वापस ले लिया और कहा दूसरी चेक देंगे। इसके बाद उन्हें टहलाना शुरू कर दिया। इसकी शिकायत लेकर वे पुलिस, प्रशासन के पास भी गए पर कोई सुनवाई नहीं हुई। जमीन का कोर्ट में वाद दाखिल कर दिया।

मामला विचाराधीन था, इसके बाद भी आरोपी भाजपा नेता ने जमीन की रजिस्ट्री किसी और के नाम कर दी। करोड़ों की जमीन हाथ से निकल जाने से आहत बाबू सिंह ने खुदकुशी कर ली।  सुबह ग्रामीणों को उनका शव दो टुकड़ों में पटरी किनारे पड़ा मिला, तब परिजनों को घटना की जानकारी हो सकी। थाना प्रभारी अशोक दुबे ने बताया कि सुसाइड नोट मिला है। परिजनों से तहरीर मिलने पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

अपनी जमीन पर प्लाटिंग होते देख टूट गया था बाबू सिंह

बाबू सिंह शुक्रवार को जमीन देखने अहिरवां गए थे। वहां कुछ लोगों को प्लाटिंग करते पाया। पूछने पर उन लोगों ने बताया कि जमीन उनकी है और भाजपा नेता से खरीदी है। यह सुनकर बाबू सिंह को गहरा सदमा लगा और वे टूट गए। आखों में आंसू लेकर घर लौटे और इसके बाद से न कुछ खाया और न कुछ पीया। परिजनों ने उन्हें खूब समझाने का प्रयास किया लेकिन वह यही कहते रहे कि वह यह जंग हार चुके हैं।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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