धनबाद। राजद सांसद मनोज झा के दिए बयान पर धनबाद में भी राजपूत समाज में उबाल है। झा के संसद में कविता पाठ की कड़ी निंदा की गई है। राजपूत विचार मंच केंद्रीय कमेटी धनबाद जिला के अध्यक्ष एवं झारखंड स्टेट इंटर कॉलेज शिक्षक संघ जिक्टा के प्रधान संरक्षक अरुण कुमार सिंह ने कहा कि कुआं ठाकुर का कविता के माध्यम से मनोज झा ने सिर्फ अपना राजनीतिक हित साधने का प्रयास किया है। ठाकुरों के नाम पर इतिहास के तथ्यों को तोड़ा मरोड़ा जा रहा है। राजनीति की जा रही है।
साजिश के तहत राजपूतों को बदनाम करने की कोशिश
उन्होंने कहा कि एक साजिश के तहत राजपूतों को बदनाम करने का प्रयास हो रहा है। यह ऐसे भी तो हो सकता था – चूल्हा मिट्टी का, मिट्टी रणभूमि की रणभूमि ठाकुर का। युद्ध देश का, देश सबका, तलवार की मुठिया ठाकुर का, सर कटा ठाकुर का, मां की कोख सूनी हुई ठाकुर की, पत्नी विधवा हुई ठाकुर की, बच्चे अनाथ हुए ठाकुर के, फिर कैसे ठाकुर अहंकारी हो गया।
इतिहास गवाह रहा है मुगल से लेकर जितने भी विदेशी आक्रमणकारी हुए सबका सामना डटकर ठाकुरों ने किया। मां ने अपने जवान बेटे इस मिट्टी के लिए न्यौछावर कर दिए, इसका किसी को भान नहीं है। ऐसा करने से किसका भला होने वाला है। राजपूतों के नाम पर राजनीति बंद होनी चाहिए। संसद में दिए गए बयान की राजपूत समाज कड़ी शब्दों में निंदा करता है।
राजपूतों ने हमेशा ब्राह्मणों को किया नमन
राजपूतों ने हमेशा ब्राह्मणों को नमन किया है, लेकिन मनोज झा का बयान निंदनीय है। समस्त ब्राह्मण समाज को भी मनोज झा के इस कथन का खंडन करना चाहिए। ताकि समाज में आपसी समरसता बनी रहे। अरुण सिंह ने कहा कि लवली आनंद के खिलाफ भी बयानबाजी की जा रही है। आपको किसी जाति विशेष से परेशानी है तो बोलिए, लेकिन किसी महिला को इस तरह से बदनाम करने का अधिकार किसी को नहीं है। फिर वो चाहे किसी भी जाति एवं धर्म की हो।