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अन्तर्राष्ट्रीय

सीरिया के मिलिट्री एकेडमी पर भीषण ड्रोन हमला, 100 से ज्यादा लोगों की मौत; 240 घायल

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drone attack on Syrian military academy

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दमिश्क। सीरिया के मध्यवर्ती शहर होम्स में कल बृहस्पतिवार को सेना के एक ‘पासिंग आउट परेड’ समारोह के दौरान ड्रोन हमले में 100 से ज्यादा लोग मारे गए तथा 240 घायल हो गए। एक स्वास्थ्य अधिकारी ने यह जानकारी दी। यह हाल के वर्षों में सीरियाई सेना पर सबसे घातक हमलों में से एक था। सीरिया में पिछले तेरह वर्षों से संघर्ष जारी है।

शहर के स्वास्थ्य निदेशक डॉ. मुसलेम अल-अतासी ने कहा कि इन हमलों से होम्स में हो रहे समारोह पर असर पड़ा, क्योंकि समारोह समापन की ओर था। उन्होंने बताया कि हताहतों में आम नागरिक और सैन्यकर्मी दोनों शामिल हैं।

अल-अतासी ने बताया कि कई घायलों की हालत गंभीर है और उनका इलाज सीरिया के तीसरे सबसे बड़े शहर होम्स के कई अस्पतालों में किया जा रहा है। सीरिया की सेना ने पहले एक बयान में कहा कि विस्फोटकों से युक्त ड्रोन ने युवा अधिकारियों और उनके परिवारों को निशाना बनाया।

उन्होंने किसी विशेष समूह का नाम लिये बिना हमले के लिए ‘ज्ञात अंतरराष्ट्रीय ताकतों की ओर से समर्थित’ विद्रोहियों पर आरोप लगाया। हालांकि, अभी तक किसी भी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।

तीन दिनों के शोक की घोषणा

सेना ने हताहतों की संख्या नहीं बताई है, लेकिन सीरिया के सरकारी टेलीविजन ने कहा कि सरकार ने शुक्रवार से तीन दिन के शोक की घोषणा की है।

ब्रिटेन स्थित सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स, एक विपक्षी युद्ध मॉनिटर और सरकार समर्थक ‘शाम एफएम’ रेडियो स्टेशन ने सबसे पहले हमलों की सूचना दी थी। सीरियाई सेना ने कहा, ‘वह इन आतंकवादी संगठनों को पूरी ताकत और निर्णायकता से जवाब देगी, चाहे वे कहीं भी मौजूद हों।’

2011 के बाद से गृह युद्ध में सीरिया

सीरिया का संकट मार्च 2011 में राष्ट्रपति बशर असद की सरकार के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के साथ शुरू हुआ, लेकिन प्रदर्शनकारियों पर सरकार की क्रूर कार्रवाई के बाद जल्द ही यह गृहयुद्ध में बदल गया। ड्रोन हमले के बाद सीरियाई सरकारी बलों ने विद्रोहियों के कब्जे वाले उत्तर-पश्चिम के इदलिब प्रांत के गांवों पर गोलाबारी की। वहां किसी के हताहत होने की तत्काल कोई खबर नहीं है।

अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।

इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।

जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।

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