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अन्तर्राष्ट्रीय

ISIS अल-कायदा से अलग नहीं है हमास, अपने देश पर हुए अत्याचारों को भूलने नहीं देंगे: इस्राइल

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Hamas is no different from ISIS Al-Qaeda

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न्यूयॉर्क। आतंकी संगठन हमास के इस्राइल पर शनिवार सुबह अचानक किए गए हमले के बाद दोनों के बीच संघर्ष जारी है। इन हमलों में अभी तक एक हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच, न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) में इस्राइल के स्थायी प्रतिनिधि गिलाद एर्दान ने कहा कि यह इस्राइल का 9/11 है। साथ ही, UNO पर निशाना भी साधा।

उन्होंने कहा कि जब इस्राइल की बात आती है तो संयुक्त राष्ट्र की याददाश्त बहुत कमजोर हो जाती है, जिस आतंक को हम जल्दी से खत्म करते हैं, वह एक साइड नोट बनकर रह जाता है। हालांकि, इस बार ऐसा नहीं होगा।

गौरतलब है, आतंकी संगठन हमास ने गाजा से शनिवार की सुबह अचानक इस्राइली शहरों पर ताबड़तोड़ रॉकेट दाग दिए थे। यही नहीं, हमास के बंदूकधारी इस्राइली शहरों में भी घुस गए और कुछ सैन्य वाहनों पर कब्जा कर हमले किए। कई इस्राइली सैनिकों को बंधक भी बना लिया। इस पर इस्राइल ने भी जवाबी हमला किया। फिलहाल, दोनों के बीच यह संघर्ष जारी है।

एर्दान ने कहा, ‘ पिछले दिन इस्राइली के लिए विनाशकारी रहे हैं। हमारे देश को खतरनाक हमले का सामना करना पड़ रहा है। मरने वालों की संख्या डराने वाली है। पिछले दो दिनों में हमास के हमले में मेरे देश के सैकड़ों लोगों की मौत हुई है।’

उन्होंने कहा कि हमास के आतंकवादियों ने इस्राइल में हजारों रॉकेट दागे। हमास के सैकड़ों आतंकवादियों ने इस्राइल में घुसपैठ की और सड़क पर निर्दोष इस्राइली नागरिकों को गोली मारी। आतंकवादियों ने घरों में भी तोड़फोड़ की और लोगों को गोली मारी। ये युद्ध अपराध है।

गिलाद एर्दान ने आगे कहा कि यह इस्राइल 9/11 है। इस्राइल अपने बच्चों को घर लाने के लिए सब कुछ करेगा। उन्होंने कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय समुदाय के कई सदस्य इस्राइल का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन कल ऐसा नहीं हो सकता है।

उन्होंने कहा, ‘जब इस्राइल की बात आती है तो संयुक्त राष्ट्र की याददाश्त काफी कम हो जाती है। जिस आतंक को हम जल्दी से खत्म करते हैं, वह एक साइड नोट बन जाता है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। हम दुनिया को अपने देश पर हुए अत्याचारों को भूलने नहीं देंगे।’

एर्दान ने कहा कि हमास एक नरसंहार इस्लामी आतंकवादी संगठन है, यह ISIS, अल-कायदा से अलग नहीं है। वो लोग बातचीत नहीं करना चाहते हैं। सिर्फ और सिर्फ एक चीज चाहते हैं यहूदी राष्ट्र का विनाश। उन्होंने कहा,  ‘वो लोग तब तक नहीं रुकेंगे जब तक हमें खत्म नहीं कर देते, लेकिन मैं आपसे वादा करता हूं कि अब से ऐसा कुछ भी नहीं होगा।’

अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।

इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।

जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।

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