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उत्तर प्रदेश

सीएम योगी ने प्रधानाचार्यों को वितरित किया नियुक्ति पत्र कहा- शिक्षण संस्थान की रीढ़ होते हैं प्रिंसिपल

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CM Yogi handed over appointment letters to 219 principals in the auditorium of Lok Bhavan

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लखनऊ। सीएम योगी ने आज शुक्रवार को लोकभवन में मिशन रोजगार के अंतर्गत उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित 219 प्रधानाचार्यों को नियुक्ति पत्र वितरित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानाचार्य शिक्षण संस्थान की रीढ़ होते हैं। अगर प्रधानाचार्य अनुशासित रहकर कॉलेज में नई गतिविधियों और नवाचारों को बढ़ावा देते हैं तो उसके सार्थक परिणाम सामने आते हैं।

CM योगी ने कहा कि प्रधानाचार्यों को विद्यालयों को रचनात्मक गतिविधियों का केंद्र बनाकर अभिभावकों से संवाद करना चाहिए। विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम के साथ-साथ देश-दुनिया और युवा कल्याण एवं महिला कल्याण से जुड़ी सरकार की योजनाओं के बारे में भी जानकारी देनी चाहिए। इससे विद्यार्थियों में ज्ञान के साथ-साथ जागरुकता भी आती है और प्रधानाचार्य का कार्यकाल भी यादगार बनता है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब तक नए शिक्षकों की नियुक्ति न हो जाए तब तक सेवानिवृत्त शिक्षकों से ही सेवाएं ली जाएं। उन्हें एक फिक्स मानदेय दिया जाए। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में माध्यमिक शिक्षा के कॉलेज नकल के अड्डे बन गए थे, जिनमें ठेके पर नकल कराई जाती थी। पिछले छह वर्षों में इसमें सुधार हुआ है।

गत वर्ष माध्यमिक शिक्षा परिषद के द्वारा संपन्न हुई हाई स्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड की परीक्षा देश में एक नजीर बनी है। परिषद ने 15 दिन के अंदर 56 लाख विद्यार्थियों की नकलविहीन परीक्षा कराई और 15 दिन के अंदर ही परिणाम भी दे दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह वही उप्र है, जहां पिछली सरकारों में सुरक्षा में सेंध लगती थी। प्रदेश के नागरिक अपने आपको सुरक्षित नहीं महसूस कर पाते थे। अव्यवस्था और अराजकता का वातावरण होता था। दंगे और भ्रष्टाचार यहां की पहचान थे। निवेशक प्रदेश छोड़कर जा रहे थे।

हमारी सरकार ने जब सुरक्षित माहौल दिया तो प्रदेश को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से 38 लाख करोड़ रुपये का निवेश का प्रस्ताव प्राप्त हुआ। इससे एक करोड़ से ज्यादा युवाओं को नौकरी मिलेगी। उन्होंने कहा कि विगत छह वर्ष में निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से हमारी सरकार छह लाख नौजवानों को सरकारी नौकरी देने में सफल रही है। इसमें 164000 शिक्षकों की नियुक्ति हुई है।

सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का केंद्र है। देश में सबसे ज्यादा आध्यात्मिक पर्यटन यहीं है, जिसमें भारी बढ़ोतरी हुई है। 2017 के पहले तक उत्तर प्रदेश में सिर्फ डेढ़ से दो करोड़ पर्यटक ही आते थे। आज यह संख्या बढ़कर एक वर्ष में 30 करोड़ पर्यटकों की हो चुकी है। प्रदेश में एक पर्यटक के आने से विभिन्न तरह के रोजगार सृजित होते हैं।

उन्होंने कहा कि अगर सामूहिक रूप से प्रयास किए जाएं तो उत्तर प्रदेश देश की नंबर एक अर्थव्यवस्था बन सकता है। इसके हर क्षेत्र में कार्य करने वाले व्यक्ति को अपने स्तर पर कार्य करने होंगे। CM योगी ने कहा कि उप्र शिक्षा का केंद्र रहा है। आजादी के समय देश के विभिन्न राज्यों में शिक्षकों की आपूर्ति उत्तर प्रदेश करता था। हमें फिर से उस दिशा में प्रयास करते हुए अनुशासित और राष्ट्र भक्त नागरिकों की फौज खड़ी करनी होगी।

कार्यक्रम में माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा दीपक कुमार, शिक्षा विभागी के अधिकारी और चयनित प्रधानाचार्य मौजूद थे।

उत्तर प्रदेश

महाकुंभ को फायर फ्री जोन बनाने की योजना

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को श्रद्धालुओं के लिए हर तरह से सुरक्षित किए जाने को लेकर योगी सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं। महाकुंभ के दौरान आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए मैनपावर और स्पेशल फायर व्हीकल्स की संख्या में भारी वृद्धि की गई है। वहीं, अत्याधुनिक डिवाइसेज को भी तैनात किए जाने की योजना है। प्रत्येक सेक्टर में दमकल कर्मियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। आग की घटनाओं की मॉनीटरिंग के लिए एआई से लैस फायर डिटेक्शन कैमरों को इंस्टॉल किया गया है। वहीं, रिस्पॉन्स टाइम को भी महज 2 मिनट का रखा गया है, ताकि किसी तरह की घटना पर मिनटों में काबू पाया जा सके। सरकार का पूरा प्रयास यही है कि इस बार का महाकुंभ पूरी तरह जीरो फायर इंसिडेंट के रूप में संपन्न हो और अग्निशमन विभाग की ओर से इसी दिशा में काम किया जा रहा है।

अखाड़ों में भी लगेंगे 5 हजार एक्सटींगुशर

प्रयागराज के मुख्य अग्निशमन अधिकारी और महाकुंभ के नोडल अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि इस बार महाकुंभ को जीरो फायर इंसिडेंट बनाने का पूरा प्रयास होगा। इसके लिए व्यापक तैयारी की गई है। इसके लिए एडवांस रेस्क्यू टेंडर तैनात किए जा रहे हैं। 200 स्पेशल ट्रेन्ड रेस्क्यू ग्रुप को तैनात किया जा रहा है। वहीं, अखाड़ों में आग की घटनाओं को काबू करने के लिए 5000 स्पेशल फायर एक्स्टींगुशर प्रदान किए जा रहे हैं। यही नहीं, मेले में बड़ी संख्या में एआई लाइसेंस वाले फायर डिटेक्शन कैमरों को भी इंस्टॉल किया जा रहा है। ये कैमरे भी पहली बार उपयोग में लाए जा रहे हैं जो आग की घटनाओं पर नजर रखेंगे और यदि कहीं इस तरह की घटना होती है तो तत्काल कंट्रोल रूम के माध्यम से चंद सेकेंड्स में फायर स्टेशन को सूचना मिल सकेगी। सूचना मिलते ही दो मिनट के अंदर दमकल की गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचेंगी और आग पर काबू पाने का प्रयास करेंगी।

हर सेक्टर में तैनात होंगे दमकलकर्मी

उन्होंने बताया कि 2019 कुंभ की तुलना में इस बार अधिक मैनपावर और अधिक व्हीकल्स को डेप्लॉय किया जा रहा है। 2019 में जहां 43 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए गए थे, वहीं 2025 महाकुंभ में 50 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इसी तरह 2019 के 15 टेंपरेरी फायर पोस्ट की जगह इस बार 20 टेंपरेरी फायर पोस्ट बनाई जा रही हैं। 43 फायर वॉच टॉवर की तुलना में इस बार 50 फायर वॉच टॉवर होंगे, जबकि 4200 की जगह 7000 से अधिक फायर हाइड्रेंट्स लगाए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त 75 की जगह इस बार 150 से ज्यादा फायर रिजर्व वाटर टैंक्स को उपयोग किया जाएगा। मैनपावर की बात करें तो 2019 में 1551 कर्मियों को यहां डेप्लॉय किया गया था, जबकि इस बार यह संख्या बढ़कर 2071 कर दी गई है। इसी तरह 2019 में कुल 166 व्हीकल्स का डेप्लॉयमेंट था तो इस बार यह संख्या लगभग दोगुनी बढ़कर 351 हो गई है।

अत्याधुनिक उपकरणों का होगा उपयोग

2013 में कुल 612 फायर इंसिडेंट हुए थे, जहां 6 लोगों की जान गई थी और 15 बर्न इंजरीज हुई थीं तो वहीं 2019 में योगी सरकार ने कुंभ के दौरान चाक चौबंद प्रबंध किए जिससे पूरे कुंभ के दौरान 55 फायर इंसिडेंट्स के बावजूद न ही कोई बर्न इंजरी हुई और न ही किसी की जान गई। इससे भी आगे बढ़कर 2025 महाकुंभ में योगी सरकार अधिक मैनपावर, अधिक गाड़ियां और अधिक सतर्कता बरतते हुए फायर इंसिडेंट्स की संख्या को भी जीरो करने का प्रयास कर रही है। इसके लिए अत्याधुनिक डिवाइसेज इस्तेमाल किए जा रहे हैं। कई ऐसे डिवाइसेज भी हैं जो पहली बार यहां उपयोग में लाए जाएंगे। इसके साथ ही, महाकुंभ में तैनात सभी दमकल कर्मियों की स्पेशल ट्रेनिंग भी कराई गई है। सभी कोर ग्रुप्स के प्रैक्टिकल सेशन की भी व्यवस्था की गई है। एक्सटर्नल आडिट के लिए उत्तराखंड फायर एंड इमरजेंसी सर्विस के साथ एमओयू किया गया है। वहीं नेशनल फायर सर्विस कॉलेज नागपुर के साथ भी एमओयू किया गया है।

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