Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

सरकार ने विमानन नियमों में किया संशोधन, पायलट के लाइसेंस अब 10 वर्षों तक रहेंगे वैध

Published

on

Govt amends Aviation Rule, commercial pilot licenses to be valid for 10 years

Loading

नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने विमान नियम, 1937 में संशोधन किया है। विमानन नियमों में किए गए विभिन्न परिवर्तनों के अनुसार एयरलाइन ट्रांसपोर्ट पायलट लाइसेंस (ATPL) और कमर्शियल पायलट लाइसेंस (CPL) धारकों के लाइसेंस की वैधता पांच साल से बढ़ाकर दस साल कर दी गई है।

सरकार ने विमानन क्षेत्र में कारोबार सुगमता को और बेहतर बनाने के प्रयासों के तहत नियमों में संशोधन किया है इसके अनुसार वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस अब 10 साल के लिए वैध होंगे। अभी तक CPL की वैधता पांच साल के लिए होती थी और उस अवधि के पूरा होने के बाद इसे रिन्यू कराना होता था।

नागर विमानन मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा, “इस बदलाव से पायलटों और डीजीसीए जैसे विमानन प्राधिकरणों पर प्रशासनिक बोझ कम होने की उम्मीद है, जिससे अधिक सुव्यवस्थित और कुशल लाइसेंसिंग प्रक्रिया को बढ़ावा मिलेगा।”

इसके अलावा, हवाई अड्डे के आसपास रोशनी के प्रदर्शन से संबंधित चिंताओं को दूर करने के लिए नियमों में संशोधन किया गया है। यह भी स्पष्ट किया गया है कि ‘प्रकाश’ शब्द में लालटेन रोशनी, विश काइट्स और लेजर लाइट शामिल हैं। इसके अलावा, ऐसी रोशनी का प्रदर्शन करने वालों पर सरकार के अधिकार क्षेत्र को एक एयरोड्रम के आसपास 5 किलोमीटर से 5 समुद्री मील तक बढ़ा दिया गया है।

यह स्पष्ट किया गया है कि सरकार के पास उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार है जो रोशनी प्रदर्शित करते हैं जो विमान के सुरक्षित संचालन को बाधित करते हैं या ऑपरेटिंग चालक दल के लिए खतरा पैदा करते हैं।

मंत्रालय ने कहा, ‘अगर ऐसी लाइटें 24 घंटे तक बंद नहीं की जाती हैं तो, तो सरकार को उस स्थान पर प्रवेश करने और उन्हें बुझाने का अधिकार है।’  इसके साथ ही मामले को भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत कानूनी कार्रवाई के लिए संबंधित पुलिस स्टेशन को सूचित किया जाना चाहिए।

जब देखी गई रोशनी का स्रोत अज्ञात होगा या यदि यह स्थान बदलता है, तो हवाई अड्डे या एयरलाइन ऑपरेटर को स्थानीय पुलिस स्टेशन को तुरंत घटना की रिपोर्ट करने के लिए बाध्य किया जाएगा, जिससे संभावित आपराधिक कार्यवाही शुरू होगी।

अन्य एक संशोधन के तहत विदेशी लाइसेंस के सत्यापन की आवश्यकता को हटा दिया गया है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘ नियमों में यह बदलाव विमानन क्षेत्र की उभरती जरूरतों के अनुरूप है।’’ इसके अलावा, एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (ATC) लाइसेंस धारकों के लिए संबंधित आवश्यकताओं को उदार बनाया गया है।

मंत्रालय ने कहा कि 10 अक्टूबर को अधिसूचित विमान नियम 1937 में संशोधन विमानन क्षेत्र में सुगमता को बढ़ावा देने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते विमानन बाजारों में से एक है। कई एयरलाइन अपने विमान बेड़े का विस्तार कर रही हैं। वे बढ़ती हवाई यातायात मांग को पूरा करने के लिए अधिक पायलटों को नियुक्त करेंगी।

नेशनल

दिल्ली के आसमान में छाई धुंध, AQI 400 के पार, लोगों को सांस लेने में हो रही मुश्किल

Published

on

Loading

नई दिल्ली। नवंबर का महीना आधा बीत चुकी है, बावजूद इसके इस बार दिल्ली में सिर्फ सुबह और शाम को ही ठंड का अहसास हो रहा है। सुबह-शाम की के समय पड़ रही सर्दी में प्रदूषण का स्तर बेहद खराब हो गया है, जिससे लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है। हवा की गुणवत्ता को सुधार करने के लिए दिल्ली में ग्रेप-3 लागू किया गया है, लेकिन इससे भी दिल्ली की हवा में कोई खास फर्क नजर नहीं आ रहा है और ये लगातार जहरीली होती जा रही है।

इस बीच रविवार को दिल्ली में वायु का गुणवत्ता सूचकांक 400 के पास निकल गया। इस दौरान राजधानी के दस से ज्यादा इलाकों में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर दर्ज की गई। बता दें कि दिल्ली में फिलहाल GRAP-3 लागू हैं, बावजूद इसके राष्ट्रीय राजधानी की हवा साफ नहीं हो रही. ऐसे में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपाय बेकार नजर आ रहे हैं।

दिल्ली के इन इलाकों में एक्यूआई 400 पार

रविवार सुबह दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर से धुंध छाई नजर आई. इस दौरान द्वारका-सेक्टर 8 और दिल्ली डीपीसीसी द्वारका में एक्यूआई 443 दर्ज किया गया। जबकि एनएसआईटी द्वारका में वायु गुणवत्ता सूचकांक 406 रहा। वहीं पश्चिमी दिल्ली में AQI 426 और डीपीसीसी पश्चिमी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 406 पहुंच गया. वहीं शादीपुर में ये 457, शिवाजी पार्क में 448 और भीम नगर के साथ मुंडका इलाके में वायु गुणवत्ता सूचकांक सबसे ज्यादा 465 दर्ज किया गया।

उधर दिल्ली दुग्ध योजना कॉलोनी में एक्यूआई 430, आरके पुरम में 435, श्री अरबिंदो मार्ग में 436, आया नगर में 423 तो लोधी रोड में वायु की गुणवत्ता 378 दर्ज की गई. जबकि नजफगढ़ एक्यूआई 399, वजीरपुर 463, चांदनी चौक 368 दर्ज किया गया. वहीं गोकलपुरी 375, अशोक विहार 449, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में एक्यूआई 366, रोहिणी 449 और आईटीओ में 410 दर्ज किया गया. जो बेहद खराब श्रेणी में बना हुआ है।

Continue Reading

Trending