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महाराष्ट्र: एक परिवार के पांच लोगों की संदिग्ध मौत, जहर देकर मारने के आरोप में दो महिलाएं गिरफ्तार

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मुंबई। महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में एक ही परिवार के पांच सदस्यों को जहर देकर मार दिया गया है। पुलिस ने इस मामले में दो आरोपी महिलाओं को गिरफ्तार किया है। आरोपी महिलाओं की पहचान संघमित्रा कुम्भारे और रोजा रामटेके के रूप में हुई है। पुलिस का कहना है कि पीड़ित परिवार के पांच सदस्यों की एक महीने में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी।

पुलिस ने बताया कि पैतृक संपत्ति के विवाद और अन्य विवाद में परिवार के सदस्यों को जहर दिया गया। हत्या का मुख्य कारण मुख्य रूप से पति समेत ससुराल वालों द्वारा मानसिक प्रताड़ना और पैतृक संपत्ति को लेकर विवाद है। आगे की जांच गढ़चिरौली पुलिस कर रही है।

क्या है मामला

गढ़चिरौली के एसपी नीलोत्पल ने बताया कि घटना गढ़चिरौली जिले की अहेरी तहसील के गांव महागाओ की है। यहां बीते कुछ दिनों में शंकर पिरु कुम्भारे और उनके परिवार के चार सदस्य अचानक बीमार हुए और 20 दिनों के भीतर  पांचों लोगों की मौत हो गई।

पहले 20 सितंबर 2023 को शंकर कुम्भारे और उनकी पत्नी विजया कुम्भारे बीमार हुए और उन्हें अहेरी के अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके बाद बेहतर इलाज के लिए उन्हें नागपुर भेजा गया। जहां 26 सितंबर को शंकर कुम्भारे और अगले दिन यानी 27 सितंबर को विजया कुम्भारे की मौत हो गई।

इसके बाद शंकर की बेटी कोमल दाहागांवकर और शंकर का बेटा रोशन कुम्भारे और रोशन की बेटी आनंदा भी बीमार होकर अस्पताल में भर्ती हो गए। अस्पताल में भी उनकी हालत बिगड़ती गई और 8 अक्तूबर को कोमल, 14 अक्तूबर को आनंदा और 15 अक्तूबर को रोशन कुम्भारे की भी मौत हो गई। पुलिस का कहना है कि आरोपी महिलाओं ने इन पांच सदस्यों के अलावा दो अन्य लोगों को भी जहर दिया था लेकिन फिलहाल उनकी हालत स्थिर है।

इस सनसनीखेज घटना में, परिवार की दो महिला सदस्यों ने भारी धातु आधारित जहर देकर परिवार के 5 सदस्यों की हत्या कर दी। 20 दिनों की अवधि में दस्त, उल्टी, शरीर में दर्द और कार्डियो श्वसन विफलता के लक्षणों के साथ परिवार के 5 लोगों की मृत्यु हो गई, 3 की नागपुर के अस्पताल में और 2 की चंद्रपुर में मृत्यु हो गई। उन्होंने मौतों को फूड प्वाइजनिंग बताने की कोशिश की।

परिवार की ही दो महिलाएं निकलीं आरोपी

पुलिस ने बताया कि अचानक से परिवार के पांच लोगों की मौत होने पर उन्होंने मामले की जांच गंभीरता से की तो शंकर कुम्भारे की बहू संघमित्रा कुम्भारे और शंकर के साले की पत्नी रोजा रामटेके की संलिप्तता नजर आई। इसके बाद पुलिस ने आरोपी महिलाओं को हिरासत में ले लिया।

पुलिस का कहना है कि कड़ाई से पूछताछ के बाद आरोपी महिलाओं ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है और जहर देने की बात स्वीकार कर ली है। पुलिस ने आरोपी महिलाओं के खिलाफ मामला  दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।

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सोशल मीडिया पर हवाबाजी करने के लिए युवकों ने रेलवे ट्रैक पर उतारी थार, सामने से आ गई मालगाड़ी

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राजस्थान। सोशल मीडिया पर अपना वीडियो या रील बनाने वालों ने इन दोनों कानून और नियम कायदों को धता बताना अपना शग़ल बना लिया है। रील के लिए कोई पहाड़ से कूद जाता है तो कोई पानी के तेज बहाव की परवाह तक नहीं करता। जयपुर में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां कुछ नौजवानों ने स्टंट की खातिर थार जीप को रेलवे ट्रेक पर उतार दिया। फिर जब थार पटरियों पर फँस गई तो उनके हाथ पांव फूल गए। पटरी पर इसी दौरान मालगाड़ी भी आ गई लेकिन लोको पायलट की सूझबूझ से दुर्घटना टल गई।

नशे में धुत्त तीन चार नौजवानों ने सोमवार को जयपुर के सिवांर इलाके में अपनी करतूत से लोगों को परेशानी में डाल दिया। इन युवकों ने पहले एक थार जीप किराए पर ली और उसे लेकर रेलवे ट्रेक पर पहुंच गए। इरादा था ट्रेक पर जीप दौड़ाने का। लेकिन अचानक थार फँस गई पटरियों के बीच। इसी दौरान कनकपुरा रेलवे स्टेशन की तरफ़ से एक मालगाड़ी को आता देख थार में सवार कुछ युवक तो उतरकर भाग गए लेकिन ड्राइवर बैठा रहा। इस बीच मालगाड़ी के लोको पायलट ने थार को ट्रैक पर देखकर ब्रेक लगा दिए जिससे जान माल का नुकसान होने से बच गया। इस दौरान वहाँ आरपीएफ के जवान और स्थानीय लोग भी पहुँच गए और सबने मिलकर ट्रैक से थार जीप को हटाया। लेकिन ये क्या जैसे ही थार ट्रैक से बाहर आई ड्राइवर उसे मौके से भगाकर ले गया । रास्ते में कई वाहनों और दुपहिया को टक्कर मारी लेकिन रुका नहीं। एक जगह बजरी के ढेर पर थार चढ़ गई लेकिन ड्राइवर ने रफ़्तार कम नहीं की और फ़रार हो गया।

 

इसके बाद पुलिस ने पड़ताल शुरू की तो घटनास्थल से चार किलोमीटर दूर थार जीप लावारिस खड़ी मिली। पुलिस में जीप को जब्त कर उसके मालिक की तलाश शुरू की तो पता चला कि थार को पारीक पथ सिंवार मोड़ निवासी कुशाल चौधरी चला रहा था।वो इस जीप को बेगस से किराए पर लेकर आया था। कुशल चौधरी अभी भी फ़रार है इस संबंध में आरपीएफ की तरफ से मुकदमा दर्ज किया गया है। रेलवे प्रोटेक्शन एक्ट की धारा 153 के अलावा धारा 147 और 174 में मामला दर्ज करके आरोपियों की तलाश जारी है। ये सभी ग़ैर जमानती धारा है इनके तीन साल तक की क़ैद का प्रावधान है।

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