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अन्तर्राष्ट्रीय

इस्राइली क्षेत्रों में अभी भी है रॉकेट हमले का खतरा, गाजा को US देगा 100 मिलियन डॉलर की सहायता

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US will give 100 million dollars aid to Gaza

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तेल अवीव। इस्राइल-हमास युद्ध के बीच गाजा पट्टी से सेट इस्राइली क्षेत्रों में रॉकेट हमले का खतरा बना हुआ है। क्षेत्र में हमले की आशंका के कारण लगातार सायरन बज रहे हैं। इस्राइल के प्रमुख शहर तेल अवीव में बुधवार शाम को अचानक सायरन बजने लगे। इसके बाद बाहर घूम रहे लोगों को बंकरों में शरण लेने के लिए भागते हुए देखा गया।

इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि मैंने गाजा और वेस्ट बैंक में मानवीय सहायता के लिए 100 मिलियन डॉलर की घोषणा की है। यह धन एक मिलियन से अधिक विस्थापित और संघर्ष प्रभावित फलस्तीनियों को मदद मुहैया कराएगा।

बाइडन ने कहा हमारे पास ऐसस तंत्र है, जिससे यह सहायता जरूरतमंदों तक पहुंच सके,  हमास या आतंकवादी समूह तक नहीं। अमेरिका ने इस्राइल पर हमास के हमलों और नागरिकों के खिलाफ सभी तरह की हिंसा की निंदा और गाजा के लिए सहायता के आग्रह वाले संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को वीटो किया।

इस्राइल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा है कि वह मिस्र को गाजा पट्टी में मानवीय सहायता पहुंचाने की अनुमति देगा। अमेरिका ने इस्राइल पर हमले के जवाब में हमास के 10 सदस्यों के एक समूह और उसके वित्तीय नेटवर्क के खिलाफ प्रतिबंधों की घोषणा की।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि जब आप अपने लोगों की रक्षा के लिए काम करते हैं तो हम इस्राइल का समर्थन करना जारी रखेंगे। हम निर्दोष नागरिकों और अधिक त्रासदी को रोकने के लिए आपके और पूरे क्षेत्र में भागीदारों के साथ काम करना जारी रखेंगे।

विश्व का आक्रोश हमास के खिलाफ होना चाहिए

इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि यह एक अलग तरह का युद्ध होगा क्योंकि हमास एक अलग तरह का दुश्मन है। जबकि इस्राइल नागरिकों की मौतों को कम करना चाहता है, हमास नागरिक हताहतों को अधिकतम करना चाहता है। हमास ज्यादा से ज्यादा लोगों को मारना चाहता है। उन्हें फलस्तीनी लोगों के जीवन की कोई परवाह नहीं है। हर दिन वे दोहरे युद्ध अपराध को अंजाम देते हैं।

अपने नागरिकों के पीछे छिपकर वे हमारे नागरिकों को निशाना बनाते हैं, खुद को नागरिक आबादी में शामिल करते हैं और उन्हें मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल करते हैं। हमने इसकी कीमत देखी है मानवता के खिलाफ यह भयानक दोहरा युद्ध अपराध हमास पिछले 11 दिनों में कर रहा है।

नेतन्याहू ने कहा कि कल जब फलस्तीनी आतंकवादियों द्वारा दागा गया एक रॉकेट फेल हो गया और गाजा के एक अस्पताल पर जा गिरा तो पूरी दुनिया का गुस्सा जायज था। यह आक्रोश इस्राइल पर नहीं बल्कि आतंकवादियों पर होना चाहिए।

IDF ने तकनीकी इंटेल साक्ष्य जारी किए

इस्राइली रक्षा बल (IDF) ने गाजा में अस्पताल पर हमले में इस्लामिक जिहाद का हाथ होने के महत्वपूर्ण तकनीकी इंटेल साक्ष्य जारी किए हैं। IDF के प्रवक्ता डेनियल हगारी ने एक ऑडियो जारी किया है। इसमें दावा किया गया है कि यह दो आतंकवादियों के बीच बातचीत है। इसमें आतंकी स्वीकार कर रहे हैं कि अस्पताल पर दागा गया रॉकेट उनके ग्रुप का था।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कही ये बात

तेल अवीव में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि आतंकवादी समूह हमास ने 1300 से अधिक लोगों की हत्या कर दी है, जिनमें 31 अमेरिकी भी शामिल हैं। उन्होंने बच्चों सहित कई लोगों को बंधक बना लिया है। उन्होंने ऐसे अत्याचार किए हैं जो ISIS को कुछ हद तक अधिक तर्कसंगत बनाते हैं।

नेतन्याहू के साथ बैठक जो बाइडन में कहा कि कल गाजा के अस्पताल में हुए विस्फोट से मुझे बहुत दुख हुआ। मैंने जो देखा है, उस आधार पर ऐसा प्रतीत होता है मानो यह काम आपके द्वारा नहीं किया गया है। इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस्राइल दौरे के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का शुक्रिया जताते हुए कहा, “धन्यवाद राष्ट्रपति महोदय. आज, कल और हमेशा इज़राइल के साथ खड़े रहने के लिए आपका धन्यवाद।”

इस्राइली सेना ने स्कूल के सटे इलाके में की बमबारी

इस्राइल की सेना ने गाजा के खान यूनिस में बुधवार को एक स्कूल के सटे क्षेत्र में बमबारी की। रिपोर्ट के मुताबिक, छर्रे की चपेट में आने से कई लोग घायल हुए हैं, जिन्हें एंबुलेंस के जरिए अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। फलस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (UNRWA) द्वारा संचालित इस स्कूल में सैकड़ों लोगों ने शरण ले रखी थी। इस्राइल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद गाजा के स्कूलों को विस्थापित लोगों के लिए आश्रय स्थलों में बदल दिया गया है।

यहूदी संगठनों ने अमेरिकी कांग्रेस में दिया धरना

गाजा में युद्धविराम की मांग करने वाले प्रगतिशील यहूदी-अमेरिकी कार्यकर्ता यूएस कैपिटल (अमेरिकी संसद भवन) के अंदर धरना दे रहे हैं। इस तरह वह अपनी मांगों को सांसदों तक पहुंचाना चाहते हैं। वहीं, यहूदी संगठनों द्वारा व्हाइट हाउस के पास भी घंटों तक इसी तरह का विरोध प्रदर्शन किया। सैकड़ों प्रदर्शनकारी बुधवार को वॉशिंगटन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के निवास के बाहर जुटे और युद्ध को समाप्त करने का आग्रह किया।

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पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।

इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।

जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।

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