अन्तर्राष्ट्रीय
संप्रभुता का करें सम्मान: SCO के मंच से विदेश मंत्री जयशंकर ने लगाई चीन को फटकार
बिश्केक। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर इस समय किर्गिस्तान में हैं और वह यहां पर शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) की मीटिंग में हिस्सा लेने पहुंचे हैं। यहां पर एक बार फिर जयशंकर ने चीन पर तीखा हमला बोला।
उन्होंने चीन के बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (BRI) को कर्ज का एक ऐसा जाल करार दिया है जिसमें छोटे देश फंसे हुए हैं। जयशंकर ने कहा कनेक्टिविटी से जुड़े प्रोजेक्ट्स को सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए। उनका इशारा चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) की तरफ था। भारत इस प्रोजेक्ट को अपनी संप्रभुता के खिलाफ बताता है।
देशों की संप्रभुता का करे सम्मान
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, ‘भारत स्थायी और पारस्परिक रूप से फायदेमंद और वित्तीय रूप से व्यवहारिक समाधानों के लिए सदस्य देशों के साथ साझेदारी करने का इच्छुक है। जैसे हम क्षेत्र के अंदर व्यापार में सुधार करने का प्रयास करते हैं, हमें उसी तरह से मजबूत कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है। भारत ने अपने क्षेत्र में इन प्रोजेक्ट्स को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।’
इसके बाद उन्होंने चीन का नाम तो नहीं लिया लेकिन कहा, ‘अपनी विकासात्मक यात्रा, साथ ही कनेक्टिविटी पहल को हमेशा सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए।’
मिडिल ईस्ट कॉरिडोर की तारीफ
जी-20 सम्मेलन में लॉन्च हुए ऐतिहासिक भारत-मिडिल ईस्ट पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEEC) का भी जिक्र जयशंकर ने किया। विदेश मंत्री ने इस कॉरिडोर पर भी भरोसा जताया। कई विशेषज्ञ इसे चीन के BRI का प्रतिद्वंद्वी कह रहे हैं।
उन्होंने कहा BRI को दुनिया में एक ऐसे प्रोजेक्ट के तौर पर देखा जा रहा है कि जिसने आर्थिक रूप से पिछड़े देशों में सफेद हाथी के तौर पर कई परियोजनाओं को लॉन्च कर दिया है। इसे चीन की सरकार की विस्तारवादी नीति का हिस्सा भी बताया जाता है। इस प्रोजेक्ट की व्यापक रूप से हर कहीं निंदा की जाती है।
जयशंकर ने कहा, ‘हमें यह ध्यान में रखना चाहिए कि ग्लोबल साउथ को अपारदर्शी पहलों से उत्पन्न होने वाले अव्यवहार्य कर्ज के बोझ से नहीं दबाना चाहिए। मुझे भरोसा है IMEEC और अंतरराष्ट्रीय नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर इसमें सक्षम बन सकते हैं।’
सप्लाई चेन को बताया टूटा हुआ
किर्गिस्तान में SCO बैठक में टूटी हुई सप्लाई चेन के मसले का जिक्र करते हुए जयशंकर ने कहा, ‘आज जब दुनिया चुनौतियों, आर्थिक मंदी, टूटी हुई सप्लाई चेन, खाद्य और ऊर्जा असुरक्षा का सामना कर रही है, तो SCO के बीच मजबूत सहयोग की जरूरत है। इस संदर्भ में मध्य एशियाई देशों के हितों को प्राथमिकता देना काफी महत्वपूर्ण होगा।’ उन्होंने और ज्यादा आर्थिक विकास की अपील की क्योंकि पश्चिम एशिया में युद्ध की जटिल स्थिति जारी है।
अन्तर्राष्ट्रीय
नाइजीरिया में पीएम मोदी का भव्य स्वागत, लोगों ने लगाए ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारे
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की यात्रा के पहले चरण में रविवार सुबह नाइजीरिया पहुंचे। नाइजीरिया की राजधानी अबुजा में उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। अबुजा हवाई अड्डे पर बड़ी तादाद में भारतीय समुदाय के लोग पीएम मोदी का स्वागत करने के लिए पहुंचे थे। लोगों ने इस मौके पर ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारा लगाए।
बता दें कि 17 सालों में इस पश्चिमी अफ्रीकी देश में यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला दौरा है। पीएम मोदी के अबुजा पहुंचने पर संघीय राजधानी क्षेत्र के मंत्री न्येसोम एजेनवो वाइक ने उनका जोरदार स्वागत किया। साथ ही प्रतीकात्मक रूप से अबुजा के शहर की चाभी भेंट की।
पीएम नरेंद्र मोदी ने भी राष्ट्रपति टीनूबू के उस पोस्ट का जवाब दिया जिसमें लिखा था, ‘मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नाइजीरिया की पहली यात्रा पर उनका स्वागत करने के लिए उत्सुक हूं, जो 2007 के बाद से किसी भारतीय प्रधान मंत्री की हमारे प्रिय देश की पहली यात्रा भी है। हमारी द्विपक्षीय चर्चाओं में दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी का विस्तार करने और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। पीएम मोदी नाइजीरिया में आपका स्वागत है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कुछ तस्वीरें साझा करते हुए पोस्ट में लिखा, ‘धन्यवाद, राष्ट्रपति टीनूबू। कुछ समय पहले नाइजीरिया में लैंड किया। गर्मजोशी से स्वागत के लिए आभारी हूं। यह यात्रा हमारे देशों के बीच द्विपक्षीय मित्रता को और गहरा करेगी।’
रक्षा क्षेत्र में भारत के साथ व्यापार करना चाहता है नाइजीरिया
पीएम मोदी के इस यात्रा के दौरान के भारत और नाइजीरिया के बीच स्थापित रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने की कोशिश की जाएगी। रक्षा क्षेत्र को लेकर भी दोनों देशों के बीच विस्तृत चर्चा होने की उम्मीद है। नाइजीरिया छोटे हथियारों, गोला-बारूद और बख्तरबंद वाहनों जैसे क्षेत्रों में साझेदारी के लिए भारत की तरफ काफी उत्सुक है।
आर्थिक दृष्टिकोण से सबसे संपन्न अफ्रीकी देशों में से एक नाइजीरिया और भारत के मधुर रिश्तों में आने वाले दिनों में गर्माहट और तेज होने के आसार है। खासतौर पर दोनों देशों के बीच आर्थिक व सैन्य सहयोग के नए युग की शुरुआत होने के संकेत है।
इन देशों की यात्रा पर रहेंगे पीएम मोदी
बता दें कि पीएम मोदी की पश्चिमी अफ्रीकी क्षेत्र की यह पहली यात्रा है। इसके अलावा वह ब्राजील और गुयाना की यात्रा पर रहेंगे। नाइजीरिया के बाद प्रधानमंत्री ब्राजील के लिए रवाना होंगे। दरअसल, पीएम मोदी ब्राजील में ट्रोइका सदस्य के तौर पर 19वें जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। फिर पीएम मोदी 18 और 19 नवंबर को रियो डी जेनेरियो में होने वाले शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ भाग लेंगे। बताते चलें कि ब्राजील और दक्षित अफ्रीका के साथ भारत भी जी20 ट्रोइका का हिस्सा है।
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