इस्लामाबाद। पाकिस्तान की एक जवाबदेही अदालत ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को बड़ी राहत दी। अदालत ने अधिकारियों को 2020 में शरीफ से जब्त की गई सभी संपत्तियों और परिसंपत्तियों को लौटाने का आदेश दिया है। इस्लामाबाद जवाबदेही अदालत के न्यायाधीश मुहम्मद बशीर ने 73 वर्षीय नवाज शरीफ को राहत दी।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस बशीर पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) सुप्रीमो नवाज शरीफ के खिलाफ तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले की सुनवाई कर रहे थे। उन्होंने तीन बार के पूर्व प्रधान मंत्री के स्वामित्व वाली सभी संपत्तियों, वाहनों और बैंक खातों को वापस करने का आदेश जारी किया।
नवाज की संपत्तियों को 2020 में तोशाखाना मामले की सुनवाई के दौरान एक जवाबदेही अदालत के आदेश पर जब्त कर लिया गया था। रिपोर्ट्स के अनुसार, तोशाखाना मामले में घोषित अपराधी घोषित होने के बाद नवाज के स्वामित्व वाली 1,650 नहरों (लगभग 0.8 वर्ग किमी) से अधिक कृषि भूमि, एक मर्सिडीज बेंज कार, एक लैंड क्रूजर और अन्य वाहनों को जब्त कर लिया गया था।
गौरतलब है कि विगत 24 अक्तूबर को नवाज शरीफ ने गिरफ्तारी से बचने के लिए न्यायाधीश बशीर की जवाबदेही अदालत में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी। सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) अभियोजक ने दलील दी कि शरीफ ने आत्मसमर्पण कर दिया है, इसलिए उनका गिरफ्तारी वारंट रद्द किया जाना चाहिए।
न्यायाधीश ने 10 लाख रुपये के मुचलके पर मामले में शरीफ की जमानत की पुष्टि की। मामले की सुनवाई 20 नवंबर तक स्थगित कर दी गई।तोशाखाना मामले की सुनवाई के दौरान NAB द्वारा जवाबदेही अदालत को एक रिपोर्ट सौंपी गई थी। इसके बाद अदालत ने जब्ती का आदेश दिया था। इसमें शरीफ की चल और अचल संपत्ति का पूरा विवरण दिया गया था।
बता दें कि सरकार गिरने के बाद नवाज ब्रिटेन चले गए थे। इलाज कराने के दौरान लंदन में लगभग चार साल के आत्म-निर्वासन के बाद नवाज बीते 21 अक्तूबर को ही पाकिस्तान लौटे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज एवेनफील्ड अपार्टमेंट और अल-अजीजिया भ्रष्टाचार मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद मेडिकल जमानत मिलने के बाद लंदन गए थे।