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केरल: 5 साल की मासूम से रेप व हत्या करने वाले दरिेंदे को फांसी की सजा, 100 दिन में ट्रायल पूरा

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तिरुअनंतपुरम। केरल में पांच साल की मासूम के साथ दरिंदगी और हत्या के मामले में आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई है। मामला अलुवा इलाके का था, जहां एक गेस्ट वर्कर पर पांच साल की बच्ची से दुष्कर्म और फिर हत्या के आरोप लगे थे। घटना का मुख्य आरोपी बिहार का रहने वाला था।

मामला सामने आते ही पुलिस पॉक्सो समेत आईपीसी की अन्य धाराओं में केस दर्ज किया। केस कोर्ट में पहुंचा और 100 दिन के अंदर ट्रायल पूरा कर लिया गया। कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार देते हुए 14 नवंबर यानी बाल दिवस पर फांसी की सजा सुनाई।

पॉक्सो स्पेशल कोर्ट ने सुनाई सजा

पॉक्सो स्पेशल कोर्ट के जज के. सोमन ने बिहार के 28 वर्षीय प्रवासी मजदूर को मौत की सजा सुनाई। इस सनसनीखेज कांड में 100 दिन के अंदर ट्रायल पूरा कर लिया गया। फैसला सुनने के लिए बच्ची के माता-पिता कोर्ट में उपस्थित थे।

फैसला सुनाने के दौरान जज ने इस बात पर जोर दिया कि आरोपी का कृत्य जघन्य श्रेणी का है, इसलिए मौत की सजा दी जानी चाहिए। अभियोजन पक्ष ने भी तर्क दिया कि अपराध की गंभीरता के आधार पर ही सजा होनी चाहिए।

कोर्ट ने सबूतों और गवाहों के आधार पर आरोपी को हत्या का दोषी पाया और उसे मौत की सजा सुनाई। यह फैसला आज 14 नवंबर बाल दिवस पर सुनाया गया। अदालत ने कहा कि आरोपी को फैसले के खिलाफ अपील करने का मौका दिया जाएगा। अभियोजन पक्ष ने अभियुक्त के खिलाफ सफलतापूर्वक चार आरोप साबित किए थे। अभियोजन पक्ष ने ये भी तर्क दिया कि वारदात बेहद सन्न करने वाली था।

कोर्ट ने माना जघन्य कांड, दी फांसी की सजा

दूसरी ओर, बचाव पक्ष ने मृत्युदंड दिए जाने के खिलाफ दलीलें पेश की थीं। हालांकि, अदालत ने अंततः अभियोजन पक्ष के पक्ष में फैसला किया। अपराध की क्रूरता के कारण मामले ने काफी ध्यान आकर्षित किया है। मुकदमे के तेजी से पूरा होने और फैसला आने से पीड़ित परिवार बेहद आशान्वित नजर आया। उन्होंने कहा कि इससे समाज में न्याय की भावना को मजबूती मिलेगी।

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सोशल मीडिया पर हवाबाजी करने के लिए युवकों ने रेलवे ट्रैक पर उतारी थार, सामने से आ गई मालगाड़ी

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राजस्थान। सोशल मीडिया पर अपना वीडियो या रील बनाने वालों ने इन दोनों कानून और नियम कायदों को धता बताना अपना शग़ल बना लिया है। रील के लिए कोई पहाड़ से कूद जाता है तो कोई पानी के तेज बहाव की परवाह तक नहीं करता। जयपुर में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां कुछ नौजवानों ने स्टंट की खातिर थार जीप को रेलवे ट्रेक पर उतार दिया। फिर जब थार पटरियों पर फँस गई तो उनके हाथ पांव फूल गए। पटरी पर इसी दौरान मालगाड़ी भी आ गई लेकिन लोको पायलट की सूझबूझ से दुर्घटना टल गई।

नशे में धुत्त तीन चार नौजवानों ने सोमवार को जयपुर के सिवांर इलाके में अपनी करतूत से लोगों को परेशानी में डाल दिया। इन युवकों ने पहले एक थार जीप किराए पर ली और उसे लेकर रेलवे ट्रेक पर पहुंच गए। इरादा था ट्रेक पर जीप दौड़ाने का। लेकिन अचानक थार फँस गई पटरियों के बीच। इसी दौरान कनकपुरा रेलवे स्टेशन की तरफ़ से एक मालगाड़ी को आता देख थार में सवार कुछ युवक तो उतरकर भाग गए लेकिन ड्राइवर बैठा रहा। इस बीच मालगाड़ी के लोको पायलट ने थार को ट्रैक पर देखकर ब्रेक लगा दिए जिससे जान माल का नुकसान होने से बच गया। इस दौरान वहाँ आरपीएफ के जवान और स्थानीय लोग भी पहुँच गए और सबने मिलकर ट्रैक से थार जीप को हटाया। लेकिन ये क्या जैसे ही थार ट्रैक से बाहर आई ड्राइवर उसे मौके से भगाकर ले गया । रास्ते में कई वाहनों और दुपहिया को टक्कर मारी लेकिन रुका नहीं। एक जगह बजरी के ढेर पर थार चढ़ गई लेकिन ड्राइवर ने रफ़्तार कम नहीं की और फ़रार हो गया।

 

इसके बाद पुलिस ने पड़ताल शुरू की तो घटनास्थल से चार किलोमीटर दूर थार जीप लावारिस खड़ी मिली। पुलिस में जीप को जब्त कर उसके मालिक की तलाश शुरू की तो पता चला कि थार को पारीक पथ सिंवार मोड़ निवासी कुशाल चौधरी चला रहा था।वो इस जीप को बेगस से किराए पर लेकर आया था। कुशल चौधरी अभी भी फ़रार है इस संबंध में आरपीएफ की तरफ से मुकदमा दर्ज किया गया है। रेलवे प्रोटेक्शन एक्ट की धारा 153 के अलावा धारा 147 और 174 में मामला दर्ज करके आरोपियों की तलाश जारी है। ये सभी ग़ैर जमानती धारा है इनके तीन साल तक की क़ैद का प्रावधान है।

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