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डीपफेक शिकायत के निपटारे के लिए होगी स्पेशल ऑफिसर की तैनाती, नया नियम जल्द होगा लागू
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि डीपफेक जैसे कंटेंट की जांच के लिए एक अधिकारी को नियुक्त किया जाएगा। यह अधिकारी इस तरह के कंटेंट को मॉनिटर करेंगे और शिकायतों का तय समय में निपटारा करेंगे। डीपफेक कंटेंट पर सरकार बेहद ही गंभीर रवैया अपना रही है।
हाल ही में इस मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया कंपनियों के साथ सरकार की एक बैठक हुई है जिसके बाद कहा गया कि दिसंबर के पहले सप्ताह में Deep fake के खिलाफ नया नियम लागू होगा। इसे लेकर टेक कंपनियों के साथ चर्चा हो रही है। अब केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि Deep fake जैसे कंटेंट की जांच के लिए एक अधिकारी को नियुक्त किया जाएगा। यह अधिकारी इस तरह के कंटेंट को मॉनिटर करेंगे और शिकायतों का तय समय में निपटारा करेंगे।
राजीव चन्द्रशेखर ने मीडिया से कहा, “आज हमने इंटरनेट की सभी प्रमुख कंपनियों के साथ एक लंबी बैठक की। हमने उनके साथ डीपफेक का मुद्दा उठाया है। मैंने उन्हें याद दिलाया कि अक्टूबर 2022 से ही भारत सरकार उन्हें गलत सूचना और डीपफेक के खतरे के प्रति सचेत कर रही है।’
उन्होंने आगे कहा कि सभी लोग इस बात पर सहमत हुए हैं कि आईटी अधिनियम के तहत मौजूदा आईटी नियम Deep fake से निपटने के लिए पर्याप्त है। उन्होंने कहा कि देश का आईटी अधिनियम 23 साल पुराना है जिसका पालन करना टेक और सोशल मीडिया कंपनियों की जिम्मेदारी है।
चंद्रशेखर ने बताया कि सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को सूचित किया गया है कि आज से इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) और भारत सरकार एक ‘सात नियम अधिकारी’ को नामित करेगी और सभी प्लेटफार्मों से 100% अनुपालन की अपेक्षा करेगी। बाल यौन शोषण कंटेंट के अलावा अब डीपफेक को भी बैन किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि फेक न्यूज को रोकना सोशल मीडिया कंपनियों का “कानूनी दायित्व” है। यदि किसी कंटेंट को लेकर शिकायत होती है तो शिकायत के 36 घंटे के भीतर उसे हटाना होगा। इसके अलावा इस तरह के कंटेंट को बैन भी करना होगा।
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World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने रचा इतिहास, 180 से ज्यादा देशों के लोग हुए शामिल
बेंगलुरु। विश्व ध्यान दिवस पर आयोजित World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने इतिहास रच दिया है। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने ऑन लाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से दुनिया भर के 85 लाख से ज्यादा लोगों को सामूहिक ध्यान कराया। इस कार्यक्रम ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और वर्ल्ड रिकॉर्ड्स यूनियन में जगह बनाते हुए पिछले सारे रिकॉर्ड्स तोड़ दिए। आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस ऐतिहासिक कार्यक्रम ने सामूहिक ध्यान के लिए दुनिया भर के लोगों को एक साथ जोड़ा।
180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए
दरअसल, पूरी दुनिया ने 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के तौर पर मनाया। इसी क्रम में यह कार्यक्रम आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में 180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए और इसके माध्यम से ध्यान की परिवर्तनकारी शक्ति को प्रदर्शित किया। श्री श्री रविशंकर संयुक्त राष्ट्र में विश्व ध्यान दिवस के उद्घाटन कार्यक्रम में भी शामिल हुए। संयुक्त राष्ट्र में उद्घाटन समारोह से शुरू होकर अपने समापन तक यह कार्यक्रम दुनिया के महाद्वीपों में ध्यान की लहर फैलाता चला गया।
ये रिकॉर्ड टूटे
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड
YouTube पर ध्यान के लाइव स्ट्रीम के सबसे ज़्यादा दर्शक
एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स
एक दिवसीय ध्यान में भारत के सभी राज्यों से अधिकतम भागीदारी
एक दिवसीय ध्यान में अधिकतम Nationalities ने हिस्सा लिया
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