Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

पूर्वांचल के युवाओं को हुनरमंद बनाने को गीडा में खुलेगा स्किल डेवलपमेंट सेंटर

Published

on

Loading

गोरखपुर। पूर्वी उत्तर प्रदेश के युवाओं को इसी अंचल के उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुरूप कुशल बनाकर रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में स्किल डेवलपमेंट सेंटर खोला जाएगा। गीडा की पहल पर यह सेंटर राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (NIELIT – नाइलिट) द्वारा खोला और संचालित किया जाएगा। गीडा के स्थापना दिवस समारोह (30 नवंबर) पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष इस स्किल डेवलपमेंट सेंटर के लिए एमओयू (समझौता करार) का आदान-प्रदान किया जाएगा। इसी समारोह में प्लास्टिक पार्क के उद्यमियों को कच्चा माल उपलब्ध कराने के लिए गैस ऑथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (गेल) के साथ भी समझौता करार का हस्तांतरण होगा।

गीडा के 34वें स्थापना दिवस समारोह को भव्य बनाने के साथ उपलब्धियों से परिपूर्ण कर यादगार बनाने की जोरदार तैयारी की जा रही है। इसमें निजी क्षेत्र की करोड़ो रुपये की निवेश परियोजनाओं की सौगात तो मिलेगी ही, रोजगार के लिए स्थानीय युवाओं को उद्योग अनुकूल बनाने की तरफ भी कदम बढ़ाया जाएगा। गीडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी अनुज मलिक का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा कौशल विकास प्रशिक्षण देकर इस क्षेत्र के युवाओं को यहीं रोजगार उपलब्ध कराने की है। इसके दृष्टिगत नाइलिट के साथ एमओयू किया जा रहा है। इस एमओयू का आदान प्रदान गीडा दिवस पर सीएम योगी के सामने किया जाएगा। स्किल डेवलपमेंट सेंटर के लिए गीडा की तरफ से नाइलिट को 9,280 वर्ग मीटर स्थान मय निर्मित भवन के निशुल्क उपलब्ध कराया जायेगा।

रुचि और जरूरत के अनुसार मिलेगा प्रशिक्षण

यहां स्थानीय युवाओं को उद्योगों की मांग के अनुरूप रोजगारपरक प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस केंद्र में नए सेक्टर जैसे इंफॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी (आईटी), आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), मशिन लर्निंग आदि के लिए भी ट्रेनिंग दी जाएगी। इससे स्थानीय युवा बदलते समय के साथ रोजगार प्राप्त करने में सक्षम बन सकेंगे।

प्लास्टिक पार्क की यूनिट्स को गेल से मिलेगा कच्चा माल

सीईओ गीडा, अनुज मलिक ने बताया कि गीडा के स्थापना दिवस पर महत्वाकांक्षी प्लास्टिक पार्क प्रोजेक्ट को और गति मिलेगी। प्लास्टिक पार्क में लगने वाली यूनिट्स को परियोजना स्थल पर ही गेल की तरफ से कच्चा माल सुलभ होगा। इसके लिए 30 नवंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने एमओयू का आदान-प्रदान संपन्न होगा। गीडा की तरफ से प्लास्टिक पार्क प्रोजेक्ट गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के किनारे सेक्टर-28 में 88 एकड़ विकसित किया गया है। यहां प्लास्टिक उद्योग की 92 इकाइयों के लिये स्थान एवं समस्त आवश्यक अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध होगी। इसमें लगभग 5000 व्यक्तियों को रोजगार मिल सकेगा। गीडा द्वारा प्लास्टिक पार्क में 35 उद्यमियों को भूखण्ड आवंटन की कार्यवाही की जा चुकी है। इस आवंटन में लगभग 165 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है।

प्लास्टिक पार्क में खुलेगा सीपेट का सेंटर

प्लास्टिक पार्क में गीडा द्वारा परियोजना स्थल पर सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंगएंड टेक्नोलॉजी (सीपेट) के सेंटर के लिए भी 5 एकड़ निशुल्क भूमि उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था की गयी है। सीपेट का सेंटर खुलने से प्लास्टिक पार्क में स्थापित होने वाली इकाइयों को कुशल कारीगरों की उपलब्धता सुनिश्चित होने के साथ उनके द्वारा बनाये जा रहे उत्पादों की गुणवत्ता भी सुनिश्चित हो सकेगी।

Continue Reading

बिहार

बिहार में शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग पॉलिसी पर लगी रोक, शिक्षा मंत्री ने किया ऐलान

Published

on

Loading

पटना। बिहार में शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग पॉलिसी को स्थगित कर दिया गया है। सरकार ने यह फैसला पटना हाई कोर्ट के एक फैसले के बाद लिया। दरअसल, एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने मंगलवार यानी आज ही टीचर्स की ट्रांसफर-पोस्टिंग पॉलिसी पर स्टे लगा दिया था। कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने पॉलिसी को स्थगित करने का फैसला किया।

शिक्षा मंत्री ने कही ये बात

बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर रोक लगा दी गई है। इस संबंध में जल्द ही आधिकारिक आदेश जारी किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि सरकार तबादला नीति में संशोधन कर सकती है। जरुरत पड़ी तो नई दबादला नीति भी लेकर सरकार आएगी।

मंत्री बोले- शिक्षकों के हित में होगी पॉलिसी

मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार के इस फैसले का पटना हाई कोर्ट के आदेश से कोई संबंध नहीं है। सरकार ने सोमवार को ही शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग को स्थगित करने का फैसला किया था। सुनील कुमार ने यह भी कहा कि आगे जो भी नीति लाई जाएगी वह टीचरों की हित में होगी। मौजूदा पॉलिसी में कई व्यवहासिक दिक्कतें हैं, जिसे जल्द ही दूर किया जाएगा।

Continue Reading

Trending