उत्तर प्रदेश
अयोध्या: 20 से 22 जनवरी तक श्रद्धालु नहीं कर सकेंगे रामलला के दर्शन, गर्भगृह का 95 फीसदी कार्य पूरा
अयोध्या। श्रीराममंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक में पहले दिन रामजन्मभूमि परिसर में मंदिर समेत निर्माणाधीन दस परियोजनाओं की समीक्षा की गई। मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने मंदिर निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। ट्रस्ट की ओर से जारी किए गए बयान के मुताबिक 20 से 22 जनवरी तक श्रद्धालु रामलला के दर्शन नहीं कर पाएंगे। प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान व वीआईपी मूवमेंट के चलते तीन दिन दर्शन पर रोक लगाने की तैयारी हो रही है।
राममंदिर के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि गर्भगृह 95 फीसदी बनकर तैयार है। सभी भक्तों से अपील है कि वे 23 जनवरी से अयोध्या आकर रामलला के दर्शन करें। प्राण प्रतिष्ठा के लिए 6500 अतिथियों को आमंत्रित किया जा रहा है। सिंहद्वार का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। द्वार पर सभी मूर्तियां बन चुकी हैं। सभी मंडपों के फर्श का काम पूरा हो चुका है। गृह मंडप में थोड़ा काम बाकी है। अब मंदिर के सभी स्तंभों की सफाई होगी। फर्श की पॉलिश होगी। बिजली के उपकरण लगाने का काम लगभग पूरा होने को है।
उन्होंने बताया कि समारोह में भीड़ नियंत्रण के लिए उत्तर दिशा में एक आकस्मिक निकास मार्ग बनाया जा रहा है। राममंदिर में अर्थ को केंद्र में रखकर कोई व्यवस्था नहीं होगी। सभी व्यवस्थाएं नि:शुल्क होंगी। बैठक में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, मंदिर निर्माण प्रभारी गोपाल जी राव, विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह, साहित्यकार यतींद्र मिश्र समेत कार्यदायी संस्था के इंजीनियर मौजूद रहे।
परकोटे का प्रवेश द्वार बनकर तैयार
परकोटे का पूर्वी दिशा का द्वार बन चुका है। द्वार पर मंडप बन रहा है। मंदिर और परकोटे के बीच का जो 27 मीटर का एरिया है वहां पत्थर लगने का काम चल रहा है। शेष जगह हरियाली रहेगी। परिसर के सभी मार्ग जो भक्तों के लिए उपयोग होने हैं, उनका काम तेजी से चल रहा है। रामजन्मभूमि संपर्क मार्ग पर केनोपी लग रहा है। केनोपी के बीच में पौधे लगाए जाएंगे। संपर्क मार्ग हरा भरा होगा।
एक दिन में डेढ़ से ढाई लाख भक्त कर सकेंगे दर्शन
डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि राममंदिर में एक दिन में डेढ़ से ढाई लाख लोगों को दर्शन करा सकते हैं। मंदिर की सुरक्षा उच्च मानकों पर होगी, लेकिन श्रद्धालुओं की कोई असुविधा नहीं होगी। चार कतारों में दर्शन की व्यवस्था रहेगी। सुरक्षा उपकरण स्कैनर, स्क्रीनिंग मशीनें आदि लगाने का काम 20 दिसंबर से शुरू हो जाएंगा, 25 दिसंबर तक सुरक्षा उपकरण लगाने का काम पूरा हो जाएगा।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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