नई दिल्ली। सनातन धर्म में अमावस्या तिथि पर स्नान-दान करना बहुत ही शुभ माना गया है। इस तिथि पर यदि कुछ विशेष उपाय किए जाए तो व्यक्ति को पितरो का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जिससे वह जीवन में आ रही कई प्रकार की समस्याओं से निजात पा सकता है। ऐसे में आइए जानते हैं अमावस्या तिथि पर पितृ दोष के उपाय।
मार्गशीर्ष अमावस्या शुभ मुहूर्त
मार्गशीर्ष की अमावस्या तिथि 12 दिसंबर को सुबह 06 बजकर 24 मिनट पर प्रारंभ हो रहा है। साथ ही इसका समापन 13 दिसंबर को सुबह 05 बजकर 01 मिनट पर होगा। ऐसे में मार्गशीर्ष अमावस्या 12 दिसंबर, मंगलवार के दिन पड़ रही है।
जरूर करें तर्पण
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या तिथि के दिन स्नान करने के बाद पितरों को जल से तर्पण जरूर करना चाहिए। इसके लिए पितरों को याद करते हुए हाथ में कुश की पवित्री धारण करें। इसके बाद काले तिल और जल से पितरों के लिए तर्पण करें। ऐसा करने से व्यक्ति को पितरों का आशीर्वाद मिलता है।
इस तरह प्रसन्न होंगे पितृ
भौमवती या मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराएं और इसके बाद दान-दक्षिणा दें और जरूरतमंदों को अपनी क्षमता अनुसार अन्न या वस्त्र का दान करें। ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं, जिससे व्यक्ति के कार्यों में किसी प्रकार की बाधा नहीं आती।
साथ ही आप इस दिन पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए व्रत आदि भी कर सकते हैं। मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन संध्या के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने से भी पितरों की कृपा प्राप्त की जा सकती है।
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