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उत्तर प्रदेश

एटा: दोहरे हत्याकांड में पति, सास-ससुर सहित चार को आजीवन कारावास, 4 साल पहले हुईं थीं हत्याएं

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Life imprisonment to four including husband in Etah

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एटा। उप्र के एटा जिले के अलीगंज नगर में लगभग साढ़े चार साल पहले हुई पिता-पुत्री की हत्या के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश ने चार आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष के अनुसार नयागांव थाना क्षेत्र के सराय अगहत निवासी रछपाल गुप्ता ने अपनी पुत्री सावित्री देवी की शादी वर्ष 2016 में अलीगंज के टपकन टोला निवासी पारस गुप्ता पुत्र गिरीश गुप्ता के साथ की थी।

विवाह के बाद पति तथा अन्य ससुरालियों ने दहेज की मांग शुरू कर दी तथा सावित्री का उत्पीड़न करने लगे। कई बार पंचायत के बावजूद भी उत्पीड़न काम न हुआ तो 18 मई 2019 को रछपाल बेटी के घर पहुंचे। इसके बाद 19 मई की रात को पुत्री सावित्री देवी तथा पिता रछपाल की गले में रस्सी डालकर व हथौड़े से प्रहार कर हत्या कर दी गई।

इन पर दर्ज हुआ था केस

इस जघन्य हत्याकांड को लेकर मृतक रछपाल के पुत्र राहुल गुप्ता ने सावित्री के पति पारस गुप्ता, ससुर गिरीश गुप्ता, सास तथा चचिया ससुर भगवान दास के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कराया था। मामले की विवेचना करते हुए तत्कालीन क्षेत्राधिकारी अजय भदौरिया ने कई साक्ष्य न्यायालय में प्रस्तुत किए।

अभियोजन की ओर से राहुल गुप्ता के अलावा आधा दर्जन अन्य गवाहों ने आरोपितों के विरुद्ध बयान दर्ज कराए। बचाव पक्ष की ओर से आरोपितों को बेकसूर बताया गया। गवाहों के बयान तथा उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर अपर जिला सत्र न्यायाधीश अली रजा ने सभी नामजद चारों आरोपितों को हत्याकांड का आरोपी करार दिया।

मृतका के पति पारस गुप्ता सहित सास ससुर गिरीश गुप्ता व मैना देवी, चचिया ससुर भगवान दास को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है। सभी को 10-10 हजार रुपये अर्थदंड से भी दंडित किया गया है।

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उत्तर प्रदेश

महाकुंभ को फायर फ्री जोन बनाने की योजना

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को श्रद्धालुओं के लिए हर तरह से सुरक्षित किए जाने को लेकर योगी सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं। महाकुंभ के दौरान आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए मैनपावर और स्पेशल फायर व्हीकल्स की संख्या में भारी वृद्धि की गई है। वहीं, अत्याधुनिक डिवाइसेज को भी तैनात किए जाने की योजना है। प्रत्येक सेक्टर में दमकल कर्मियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। आग की घटनाओं की मॉनीटरिंग के लिए एआई से लैस फायर डिटेक्शन कैमरों को इंस्टॉल किया गया है। वहीं, रिस्पॉन्स टाइम को भी महज 2 मिनट का रखा गया है, ताकि किसी तरह की घटना पर मिनटों में काबू पाया जा सके। सरकार का पूरा प्रयास यही है कि इस बार का महाकुंभ पूरी तरह जीरो फायर इंसिडेंट के रूप में संपन्न हो और अग्निशमन विभाग की ओर से इसी दिशा में काम किया जा रहा है।

अखाड़ों में भी लगेंगे 5 हजार एक्सटींगुशर

प्रयागराज के मुख्य अग्निशमन अधिकारी और महाकुंभ के नोडल अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि इस बार महाकुंभ को जीरो फायर इंसिडेंट बनाने का पूरा प्रयास होगा। इसके लिए व्यापक तैयारी की गई है। इसके लिए एडवांस रेस्क्यू टेंडर तैनात किए जा रहे हैं। 200 स्पेशल ट्रेन्ड रेस्क्यू ग्रुप को तैनात किया जा रहा है। वहीं, अखाड़ों में आग की घटनाओं को काबू करने के लिए 5000 स्पेशल फायर एक्स्टींगुशर प्रदान किए जा रहे हैं। यही नहीं, मेले में बड़ी संख्या में एआई लाइसेंस वाले फायर डिटेक्शन कैमरों को भी इंस्टॉल किया जा रहा है। ये कैमरे भी पहली बार उपयोग में लाए जा रहे हैं जो आग की घटनाओं पर नजर रखेंगे और यदि कहीं इस तरह की घटना होती है तो तत्काल कंट्रोल रूम के माध्यम से चंद सेकेंड्स में फायर स्टेशन को सूचना मिल सकेगी। सूचना मिलते ही दो मिनट के अंदर दमकल की गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचेंगी और आग पर काबू पाने का प्रयास करेंगी।

हर सेक्टर में तैनात होंगे दमकलकर्मी

उन्होंने बताया कि 2019 कुंभ की तुलना में इस बार अधिक मैनपावर और अधिक व्हीकल्स को डेप्लॉय किया जा रहा है। 2019 में जहां 43 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए गए थे, वहीं 2025 महाकुंभ में 50 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इसी तरह 2019 के 15 टेंपरेरी फायर पोस्ट की जगह इस बार 20 टेंपरेरी फायर पोस्ट बनाई जा रही हैं। 43 फायर वॉच टॉवर की तुलना में इस बार 50 फायर वॉच टॉवर होंगे, जबकि 4200 की जगह 7000 से अधिक फायर हाइड्रेंट्स लगाए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त 75 की जगह इस बार 150 से ज्यादा फायर रिजर्व वाटर टैंक्स को उपयोग किया जाएगा। मैनपावर की बात करें तो 2019 में 1551 कर्मियों को यहां डेप्लॉय किया गया था, जबकि इस बार यह संख्या बढ़कर 2071 कर दी गई है। इसी तरह 2019 में कुल 166 व्हीकल्स का डेप्लॉयमेंट था तो इस बार यह संख्या लगभग दोगुनी बढ़कर 351 हो गई है।

अत्याधुनिक उपकरणों का होगा उपयोग

2013 में कुल 612 फायर इंसिडेंट हुए थे, जहां 6 लोगों की जान गई थी और 15 बर्न इंजरीज हुई थीं तो वहीं 2019 में योगी सरकार ने कुंभ के दौरान चाक चौबंद प्रबंध किए जिससे पूरे कुंभ के दौरान 55 फायर इंसिडेंट्स के बावजूद न ही कोई बर्न इंजरी हुई और न ही किसी की जान गई। इससे भी आगे बढ़कर 2025 महाकुंभ में योगी सरकार अधिक मैनपावर, अधिक गाड़ियां और अधिक सतर्कता बरतते हुए फायर इंसिडेंट्स की संख्या को भी जीरो करने का प्रयास कर रही है। इसके लिए अत्याधुनिक डिवाइसेज इस्तेमाल किए जा रहे हैं। कई ऐसे डिवाइसेज भी हैं जो पहली बार यहां उपयोग में लाए जाएंगे। इसके साथ ही, महाकुंभ में तैनात सभी दमकल कर्मियों की स्पेशल ट्रेनिंग भी कराई गई है। सभी कोर ग्रुप्स के प्रैक्टिकल सेशन की भी व्यवस्था की गई है। एक्सटर्नल आडिट के लिए उत्तराखंड फायर एंड इमरजेंसी सर्विस के साथ एमओयू किया गया है। वहीं नेशनल फायर सर्विस कॉलेज नागपुर के साथ भी एमओयू किया गया है।

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