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जाति आधारित जनगणना पर क्या है RSS का रुख? संघ नेता ने साफ कर दिया स्टैंड

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RSS stand on caste based census

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नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने अपने एक पदाधिकारी द्वारा जातिगत सर्वे का विरोध किए जाने के कुछ दिन बाद गुरुवार को कहा कि इस तरह की कवायद का इस्तेमाल समाज के समग्र विकास के लिए किया जाना चाहिए। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सामाजिक सद्भाव और एकता को कोई नुकसान न हो।

RSS के प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि संघ किसी भी भेदभाव और विषमता से मुक्त सामाजिक न्याय पर आधारित हिंदू समाज के लक्ष्य को लेकर काम करता है। जाहिर है, देश में जाति सर्वे को लेकर राजनीतिक दलों के बयानों के बीच संघ इस बहस में खुद को शामिल नहीं करना चाहता लेकिन संघ के एक पदाधिकारी के बयान के बाद संघ को रुख साफ करना पड़ा। जातिगत सर्वे पर संघ ने संतुलित रुख दिखाने की कोशिश की है।

सूत्रों के मुताबिक मार्च में होने वाली संघ की प्रतिनिधि सभा में भी जातिगत सर्वे पर प्रस्ताव आ सकता है लेकिन यह इसके पक्ष या विरोध में न होकर सामान्य प्रस्ताव होगा। प्रतिनिधि सभा संघ की फैसला लेने वाली सर्वोच्च संस्था है।

चर्चा गरम होने पर आई सफाई

दो दिन पहले संघ के एक नेता ने कहा था कि जातिगत सर्वे नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह की कवायद से कुछ लोगों को राजनीतिक रूप से फायदा हो सकता है क्योंकि इससे यह डेटा मिलेगा कि किसी जाति की कितनी आबादी है, लेकिन यह सामाजिक रूप से और राष्ट्रीय एकता के संदर्भ में अच्छा नहीं है। उनके इस बयान के बाद इस पर चर्चा होने लगी जिसके बाद संघ की तरफ से रूख साफ किया गया है।

क्या है मकसद?

संघ लंबे वक्त से समरसता अभियान चला रहा है। इसमें एक मंदिर, एक कुआं और एक श्मशान अभियान भी शामिल है। संघ की कोशिश हिंदू समाज को एकजुट करने की है और वह अनुसूचित जातियों के लिए भी लगातार इस तरह का अभियान चला रहा है।

संघ के सीनियर प्रचारक ने कहा कि हमें इसकी आशंका है कि जिस तरह जातीय जनगणना के नाम पर राजनीति हो रही है, उससे समाज में ज्यादा विभाजन ना हो। अलग-अलग जातियों के आंकड़े सामने आने से वह खाई चौड़ी ना हो, जिसे हम लगातार पाटने का काम रह रहे हैं। इसलिए हम इस विवाद में न पड़ने की कोशिश कर रहे हैं।

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मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीजेपी-आरएसएस को बताया जहरीला सांप, कहा- इसे मार देना चाहिए

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सांगली। एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीजेपी-आरएसएस को लेकर विवादित बयान दिया है। इतना ही हीं खड़गे ने पीएम मोदी के लिए भी आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को महाराष्ट्र के सांगली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की तुलना जहर से कर दी और कहा कि ऐसे जहरीले सांप को मार देना चाहिए। इतना ही खड़गे ने BJP-RSS को भारत में राजनीतिक रूप से सबसे खतरनाक बताया है। खड़गे ने विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार समाप्त होने से ठीक एक दिन पहले जनसभा में खड़गे ने ऐसी बात कही।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अगर देश में राजनीतिक रूप से सबसे खतरनाक कोई है तो वह BJP-RSS है। यह दोनों जहर की तरह हैं। जैसे सांप अगर किसे व्यक्ति को काट लेता है तो वह मर जाता है। ऐसे में जहरीले सांप को मार देना चाहिए। वहीं, PM मोदी पर निशाना साधते हुए खड़गे ने कहा कि महाराष्ट्र में विधानसभा का चुनाव है, यह देश के प्रधानमंत्री चुनने का चुनाव नहीं, मगर मोदी की सत्ता की भूख अभी शांत नहीं हुई है। अब कांग्रेस अध्यक्ष के बयान पर राजनीति संग्राम खड़ा हो गया है।

 

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