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नेशनल

प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर कंफ्यूजन में I.N.D.I. गठबंधन, जानें किस नेता ने क्या कहा

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Ram Mandir Inauguration

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मुंबई। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर जोरों-शोरों से तैयारियां चल रही है। 22 जनवरी को आयोजित इस समारोह में शामिल होने के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से कांग्रेस समेत कई विपक्षी नेताओं को निमंत्रण भेजी गई है।

हालांकि, अब तक किसी विपक्षी नेता ने इस समारोह में शिरकत करने के लिए सीधे तौर पर हामी नहीं भरी है। मार्क्सवादी कमुनिस्ट पार्टी (CPM) जैसी राजनीतिक दलों ने तो समारोह में न जाने की बात कह दी है। वहीं, बुधवार को शिवसेना (UBT) नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने अपने बयान में कहा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता अयोध्या राम मंदिर उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होंगे।

भाजपा देश के लोगों का ध्यान भटका रही है: संजय राउत

केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए संजय राउत ने कहा, “उनके (भाजपा) पास एक विज्ञापन प्रणाली है जिसके अनुसार वे काम करते हैं। वे चीजों का विज्ञापन करने में बहुत अच्छे हैं। अयोध्या राम मंदिर उद्घाटन समारोह, बेरोजगारी, महंगाई, कश्मीर और मणिपुर जैसे मुद्दों से देश के लोगों का ध्यान वास्तविकता से भटकाने का एक तरीका है।”

राउत ने कहा यह सब राजनीति होती है, भाजपा के प्रोग्राम में कौन जाएगा। यह थोड़ी ही देश का राष्ट्रीय कार्यक्रम है। यह तो भाजपा की सभा, उत्सव, रैली है। इसमे पवित्रता कहां है। जब संजय राउत से पूछा गया कि क्या आप राम मंदिर जाएंगे तो उन्होंने कहा कि हम जरूर जाएंगे, लेकिन इस समारोह के बाद।

क्या बोल गए संजय राउत?

संजय राउत ने आगे कहा कि राम मंदिर आंदोलन के लिए शिवसेना ने खून दिया है। बालासाहेब ठाकरे और हजारों शिवसैनिकों ने इसमें योगदान दिया है। उन्होंने आगे कहा,”देश भर के विपक्षी नेताओं से यह क्यों पूछा जा रहा है कि उन्हें आमंत्रित किया गया है या नहीं? अगर यह कार्यक्रम मंदिर प्रशासन का होता तो राम मंदिर का समारोह अलग होता। वहां बीजेपी सत्ता में है। मुझे लगता है कि एक तरह से राम का अपहरण हो गया है।”

प्रत्येक नागरिक को अपना फैसला लेने का अधिकार: शशि थरूर

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने को लेकर कांग्रेस पार्टी सांसद शशि थरूर ने भी प्रतिक्रिया दी है। थरूर ने कहा, “कांग्रेस नेतृत्व को कठघरे में खड़ा करना और यह कहना कि यदि आप जाते हैं तो इसका मतलब है कि आप भाजपा के हाथों में खेल रहे हैं। यदि आप नहीं जाते हैं तो इसका मतलब है कि आप हिंदू विरोधी हैं। मुझे लगता है कि प्रत्येक नागरिक को अपना फैसला लेने का अधिकार है।

राम मंदिर का सपना साकार हो रहा: अनुराग ठाकुर

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पूरा देश इस भव्य समारोह का इंतजार कर रहा था। “इस पल का हम सभी वर्षों से इंतजार कर रहे थे। राम मंदिर का सपना साकार हो रहा है। मैं अनुरोध करूंगा कि अगर आपको आमंत्रित किया जाता है, तो आप 22 जनवरी को जरूर जाएं। ठाकुर ने कहा कि जो लोग बाद में जाने की योजना बना रहे हैं उन्हें अपने फैसले को लेकर सोचना चाहिए।”

ममता की उपस्थिति की संभावना कम

सूत्रों के मुताबिक अगर आखिरी वक्त में कोई बदलाव नहीं हुआ तो इस बात की पूरी संभावना है कि अगले महीने की 22 तारीख को राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी नजर नहीं आएंगी। सूत्रों का दावा है कि पार्टी नेत्री ने करीबी नेताओं को इसका संकेत दिया है।

हालांकि, निमंत्रण पत्र आया है या नहीं, इस बारे में तृणमूल नेता सार्वजनिक रूप से कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं। हिंदू वोट बैंक के बारे में सोचकर तृणमूल नेता अयोध्या मंदिर के मुद्दे पर विरोध का सुर भी नहीं उठाना चाहते हैं।

दूसरी ओर अयोध्या राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने गुरुवार को यहां राम मंदिर परिसर में निर्माण कार्य की प्रगति का निरीक्षण किया। नृपेंद्र मिश्र ने पूरी गति से चल रहे राम मंदिर निर्माण कार्य के बारे में संक्षिप्त जानकारी ली।

उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

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