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उत्तर प्रदेश

जेब में खर्च के लिए पैसे न हों, तो देश के विकास का ढिंढोरा किस काम का: मायावती

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Mayawati

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लखनऊ। बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि लोगों की जेब में खर्च के लिए पैसे न हों, तो देश के विकास का ढिंढोरा किस काम का है? बेरोजगारों की फौज के साथ विकसित भारत कैसे संभव है? केंद्र की सरकार हो या राज्य की सरकारें, दोनों महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी और पिछड़ापन जैसी बुनियादी समस्याओं पर ध्यान केंद्रित नहीं कर रही हैं। लोगों का ध्यान बांटने के लिए गारंटी वितरण में ही लगी हैं, जो समाधान कम और छलावा ज्यादा है।

देश और प्रदेशवासियों को नववर्ष की शुभकामनाएं देने के साथ बसपा सुप्रीमो ने अपने संदेश में कहा कि इज्जत की रोजी-रोटी के लिए सरकार को केवल रोजगार की गारंटी सुनिश्चित करनी होगी। सरकार केवल संकीर्ण राजनीतिक स्वार्थ की राजनीति कर रही हैं, जिससे मुक्ति पाये बिना वास्तविक देशहित कैसे संभव है?

उन्होंने कहा कि देश की जनता को इस चुनावी साल में इसके प्रति जरूर गंभीर होना चाहिये, वरना भाजपा की संघ तुष्टीकरण की नीतियों तथा इनका संकीर्ण राष्ट्रवाद देश के बहुजनों के आरक्षण को निष्क्रिय व निष्प्रभावी बना देगा।

साथ ही, जातीय जनगणना आदि के भूल सुधार के प्रयास का विरोध करके इनकी तरक्की नहीं होने देगा। पहले कांग्रेस और अब भाजपा की जातिवादी, अहंकारी व गैर-समावेशी सरकार के दुष्प्रभाव से गरीबों का विकास लगातार बाधित है। इसीलिए अब बसपा की सर्वजन हितैषी सरकार जरूरी है।

बसपा से बेहतर कानून-व्यवस्था नहीं

उन्होंने कहा कि यूपी में अपराध नियंत्रण, कानून-व्यवस्था तथा जनकल्याण एवं विकास के मामलों में बसपा सरकार से बेहतर क्या किसी सरकार का रिकार्ड रहा है? यह ऐसा कार्य है जो सर्वसमाज के लोगों ने देखा और महसूस किया। वहीं दूसरी पार्टियों की सरकारों के दावे हवा-हवाई ज्यादा हैं।

बसपा सुप्रीमो ने कहा देश व दुनिया भर में रहने वाले भारतीय भाई-बहनों एवं उनके परिवार को नववर्ष सन् 2024 की दिली मुबारकबाद। यह साल आप सब के लिए आत्म-सम्मान के साथ सुख, शान्ति, सुरक्षा व सफलता लेकर आए इसकी शुभकामनाएं, ताकि आर्थिक असमानता व अन्य गैर-बराबरी आदि से मुक्त लोगों का जीवन ख़ुश-ख़ुशहाल बने।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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