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झारखण्ड

झारखंड: सीएम हेमंत सोरेन की बहन बोलीं- कल्पना सोरेन बन सकती हैं मुख्यमंत्री

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Jharkhand CM Hemant Soren Kalpana Soren

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रांची। झारखंड सीएम हेमंत सोरेन इन दिनों प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच का सामना कर रहे हैं। बीते दिनों सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा के एक विधायक ने अपने पद से इस्तीफा दिया था। इसके बाद चर्चाओं का बाजार गर्म है कि सीएम हेमंत सोरेन भी सीएम पद से इस्तीफा दे सकते हैं और उनकी जगह उनकी पत्नी कल्पना सोरेन राज्य की नई सीएम बन  सकती हैं। अब सीएम हेमंत सोरेन की बहन के बयान ने भी इन चर्चाओं को और हवा दे दी है।

क्या बोलीं हेमंत सोरेन की बहन

दरअसल, सीएम हेमंत सोरेन की बहन अंजली सोरेन से जब कल्पना सोरेन के सीएम बनने की चर्चाओं को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ‘अगर जरूरत पड़ी तो वह सीएम बन सकती हैं। हमारी पार्टी में अन्य लोग भी हैं लेकिन इसका फैसला पार्टी के विधायक दल की बैठक में होगा। अभी पुष्टि तो नहीं कर सकती, लेकिन जरूरत पड़ी तो वह सीएम बन सकती हैं।’

दूसरी ओर, अंजली सोरेन ने हेमंत सोरेन को ED के समन मिलने पर कहा कि ‘एक तरफ हमें ऊपर उठाया जा रहा है और दूसरी तरफ हमारा उत्पीड़न किया जा रहा है। हेमंत सोरेन सरकार एक आदिवासी सरकार है। उन्होंने कहा मैं कह सकती हूं कि आदिवासी होने की वजह से हमें प्रताड़ित किया जा रहा है। सरकार को डर है कि अगर हेमंत सोरेन की सरकार काम करती रहेगी तो उन्हें आदिवासियों के वोट नहीं मिलेंगे। यही वजह है कि वह यह सब कर रहे हैं।’

कल्पना सोरेन के सीएम बनने की क्यों हैं चर्चाएं

गौरतलब है कि जमीन घोटाला मामले में केंद्रीय एजेंसी ईडी छह बार हेमंत सोरेन को पूछताछ के लिए समन जारी कर चुकी है, लेकिन हर बार हेमंत सोरेन किसी ना किसी बहाने से ईडी के सामने पेश नहीं हुए हैं। अब ED ने सातवां समन जारी कर खुद सीएम हेमंत सोरेन से पूछा है कि वह खुद बताएं कि कब और कहां मिल सकते हैं।

आशंका जताई जा रही है कि इस मामले में कानूनी कार्रवाई के लिए भी ED रास्ता तलाश रही है। यही वजह है कि ऐसी चर्चा है कि हेमंत सोरेन की जगह उनकी पत्नी कल्पना सोरेन सीएम बन सकती हैं। हालांकि सीएम हेमंत सोरेन ने खुद इन चर्चाओं को खारिज कर दिया था।

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झारखण्ड

जयराम महतो “टाइगर” ने लगाया विजयी तिलक, झारखंड मुक्ति मोर्चा की बेबी देवी को 10,945 वोटों से हराया

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झारखंड। जयराम महतो की पार्टी झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) ने झारखंड विधानसभा चुनाव में आखिरकार कैंची चला ही दी. जेएलकेएम सुप्रीमो जयराम महतो को छोड़कर कोई दूसरा उम्मीदवार जीत तो नहीं दर्ज कर पाया, लेकिन इस पार्टी ने कई सीटों पर एनडीए और इंडिया गठबंधन का खेल खराब कर दिया.

चुनाव आयोक के आंकड़ों के मुताबिक, जयराम महतो ने झारखंड मुक्ति मोर्चा की बेबी देवी को 10,945 वोटों से हराया. जयराम कुमार महतो को 94,496 तो वहीं, बेबी देवी को 83,551 वोट मिले. झारखंड की गिरिडीह जिले की डुमरी विधानसभा सीट पर दूसरे चरण में 20 नवंबर को वोट डाले गए थे. 30 साल के जयराम महतो को ‘टाइगर’ के नाम से भी जाना जाता है. जयराम महतोने अपनी पार्टी झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JKLM) के साथ चुनावी मैदान में कदम रखा था. डुमरी विधानसभा सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला था, लेकिन जयराम महतो ने सबको पीछे छोड़ दिया.

डुमरी सीट पर पिछले विधानसभा चुनावों के नतीजे

JMM के दिग्गज नेता जगरनाथ महतो के निधन के कारण 2023 में इस सीट पर उपचुनाव हुआ था. जिसमें उनकी पत्नी बेबी देवी ने जेेएमएम की टिकट पर जीत दर्ज की थी. उन्होंने आजसू की यशोदा देवी को 17,153 वोटों से हराया था.

झारखंड में 2005 में पहली बार चुनाव हुए थे. इस चुनाव में जगरनाथ महतो ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद हुए 2009, 2014 और 2019 के चुनावों में भी जगरनाथ महतो ने इस सीट से जीत हासिल की थी. इस सीट से वो लगातार चार बार विधायक चुने गए थे. जयराम महतो को उनके प्रशंसक ‘टाइगर’ नाम से बुलाते हैं. उनके पहले ‘जगरनाथ महतो’ को भी टाइगर उपनाम से जाना जाता था.

 

 

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