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उत्तर प्रदेश

उप्र: दम घुटने से परिवार में पांच की मौत, गांव वालों को भनक तक नहीं; पड़ोसी रहे अनजान

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अमरोहा। उप्र के अमरोहा के सैदनगली थाना इलाके के गांव अल्लीपुर भूड़ उर्फ ढक्का मोड़ निवासी ट्रक चालक रईसुद्दीन के घर में दिनभर पांच लाशें और दो लोग बेसुध पड़े रहे और किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी। रईसुद्दीन ने घर के नंबर पर फोन किया तो किसी ने रिसीव नहीं किया।

लिहाजा उन्होंने अपने छोटे भाई गबरू को फोन करके पत्नी हुस्न जहां से बात करने के लिए कहा। करीब पांच बजे जैसे ही गबरू घर पहुंचा तो किसी ने दरवाजा नहीं खोला। तभी आसपास के लोगों की भीड़ जमा हो गई। गबरू समेत कुछ लोग छत से सहारे घर में दाखिल हुए। इस दौरान देखा सभी लोग अचेत अवस्था में पड़े हुए थे। तब घटना की जानकारी हुई।

थाना इलाके के गांव अल्लीपुर भूड़ उर्फ ढक्का मोड़ निवासी रईसुद्दीन चार दिन पहले ही ट्रक चलाने काशीपुर गया था। घर में उसकी पत्नी हुस्नजहां, उसकी की बेटी सोनम, बड़ा बेटा जैद, छोटा बेटा माहिर और सिहाली जागीर का रहने वाला साला रियासत, उसकी बेटी महक और धनौरा निवासी साढू़ की बेटी कशिश एक ही कमरे में सोए हुए थे।

सर्दी से बचने के लिए उन्होंने कमरे में तसले में कोयला जला लिया था। सभी की सोते में ही दम घुटने से मौत हो गई। जबकि रईसुद्दीन की पत्नी हुस्नजहां और साला रियासत की हालत गंभीर बनी हुई है। मंगलवार की शाम घटना की जानकारी मिलते ही डीएम राजेश कुमार त्यागी और एसपी कुंवर अनुपम सिंह मौके पर पहुंच गए।

आला अधिकारियों के साथ घटनास्थल का मुआयना किया। जिस कमरे में तसले में कोयला जलाया गया था, उस स्थान का बारीकी से निरीक्षण किया। एसपी कुंवर अनुपम सिंह के निर्देश पर फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंच गई और साक्ष्य जुटाए।

पड़ोस में रहने वाले जाहिद ने बताया कि अगर पड़ोसियों को थोड़ी सी आहट हो जाती तो किसी भी स्थिति में बच्चों को बचा लिया जाता। लेकिन कमरे में बंद परिवार के साथ क्या हुआ यह किसी को भी पता नहीं था। सीओ हसनपुर ने बताया कि अंदाजा लगाया जा रहा है कि सोते-सोते परिवार के लोगों का दम घुटा है। अगर वह जागते हुए होते तो जरूर घर से बाहर भागने की कोशिश करते हैं।

दाल चावल खाकर सोए थे परिवार के लोग

गांव अल्लीपुर भूड़ उर्फ ढक्का मोड़ पर ट्रक चालक का परिवार और उसके रिश्तेदार सोमवार की शाम को घर पर दाल चावल खाकर सोए थे। मंगलवार शाम को पांच लोगों के मरने की जानकारी मिलने के बाद पहुंची फॉरेंसिक टीम ने दाल चावल के नमूने लिए हैं।

तीन चारपाई पर सो रहे थे सात लोग

गांव अल्लीपुर भूड़ उर्फ ढक्का मोड़ पर ट्रक चालक रईसुद्दीन के घर पर उनका साला रियासत और अन्य रिश्तेदार भी आए हुए थे। बताते हैं कि सर्दी से बचने के लिए सातों लोग तीन चार पाई पर सोए हुए थे। मंगलवार शाम को जब कमरा खोल कर देखा गया तो तीन चार पाई पड़ी हुई थी।

पड़ोसी भी रहे अनजान

थानाक्षेत्र के अल्लीपुर भूड़ गांव में तीन सगे भाई-बहन समेत पांच बच्चों की मौत हो गई। जबकि ट्रक चालक रईसुद्दीन की पत्नी और साले की हालत गंभीर है। ये घटना सोमवार की रात की है। पूरा परिवार मंगलवार को दिनभर कमरे में पड़ा रहा। इसकी भनक पड़ोसियों को भी नहीं लगी। किसी ने घर पहुंच कर हकीकत जानने की कोशिश नहीं की। दिनभर परिवार के लोग घर से बाहर नहीं निकले।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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