Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

ज्ञानवापी पर बड़ा फैसला, एएसआई रिपोर्ट होगी सार्वजनिक; वाराणसी जिला जज ने दिया आदेश

Published

on

Gyanvapi Case

Loading

वाराणसी। वाराणसी के ज्ञानवापी मामले को लेकर बड़ी खबर आ रही है। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने ज्ञानवापी सर्वे की रिपोर्ट सार्वजनिक किए जाने पर सुनवाई की। इसमें उन्होंने रिपोर्ट को सार्वजनिक करने पर सहमति दे दी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि दोनों पक्षों को एएसआई के वैज्ञानिक सर्वे की रिपोर्ट हार्ड कॉपी में दी जाएगी। इस सर्वे रिपोर्ट को सार्वजनिक किए जाने की मांग लगातार की जा रही थी। अब तक मुस्लिम पक्ष रिपोर्ट को सार्वजनिक किए जाने का विरोध कर रहा था। बुधवार की सुनवाई में जिला जज ने अहम फैसला दे दिया है।

फास्ट ट्रैक कोर्ट में सर्वे रिपोर्ट दाखिल

वाराणसी फास्ट ट्रैक कोर्ट में ASI सर्वे रिपोर्ट दाखिल कर दी गई है। बुधवार को एएसआई की टीम ने सर्वे रिपोर्ट दाखिल किया। वर्ष 1991 में आदि विश्वेश्वर की ओर से ज्ञानवापी मसले पर याचिका दायर की गई है। याचिका पर पिछले दिनों इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लोअर कोर्ट को छह माह में सुनवाई का आदेश दिया है। इसके बाद सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई।

फास्ट ट्रैक कोर्ट ने एएसआई को ज्ञानवापी पर सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था। एएसआई ने बुधवार को लोअर कोर्ट में रिपोर्ट दायर कर दी। अब इस मामले में लोअर कोर्ट सुनवाई को आगे जारी रखेगी। माना जा रहा है कि जल्द ही इस मामले में सुनवाई पूरी कर कोर्ट की ओर से कोई निर्णय आ सकता है।

उत्तर प्रदेश

आमजन को शीतलहर से बचाने में जुटी योगी सरकार, जनपदों को आवंटित किए 20 करोड़

Published

on

Loading

लखनऊ| योगी सरकार ने ठंड को देखते हुए प्रदेशवासियों को शीतलहर से बचाने के लिए कंबल और अलावा के लिए विभिन्न जिलों को पहली किस्त जारी कर दी है। योगी सरकार ने करीब 20 करोड़ आवंटित करते हुए निराश्रित, असहाय एवं कमजोर वर्ग के लोगों को राहत देने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि जरुरतमंदों को वितरित किये जाने वाले कंबलों की गुणवत्ता उच्च क्वालिटी की होनी चाहिए। साथ ही सभी जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों को निराश्रित व्यक्तियों, शरणार्थियों और प्रभावितों के अस्थायी आवास, भोजन, वस्त्र एवं चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। राहत विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को धनराशि आवंटित कर दी है। जिलाधिकारियों द्वारा कंबल और अलाव के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है।

गाजीपुर, बुलंदशहर, गोरखपुर के लिए सबसे ज्यादा धनराशि आवंटित

राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के हर कमजोर वर्ग के साथ हमेशा खड़े रहते हैं। योगी सरकार की ओर से कई कल्याणकारी योजनाएं भी चलायी जा रही हैं। सरकार कमजोर, असहाय वर्ग के लोगों को आपदा से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। ठंड की शुरुआत के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शीतलहरी से निपटने के लिए 351 तहसील को कंबल के लिए पहली किस्त के रूप में 17.55 करोड़ रुपये आवंटितक किए गए हैं। वहीं अलाव के लिए एक करोड़ 75 लाख 50 हजार रुपये आवंटित किए गए। विभाग ने पहली किस्त के रूप में कुल उन्नीस करोड़ तीस लाख पचास हजार रुपये आवंटित किये हैं। इसमें 38 लाख 50 हजार रुपये की सर्वाधिक धनराशि गाजीपुर, बुलंदशहर, गोरखपुर, सीतापुर और लखीमपुर खीरी के लिए आवंटित की गई है। सभी मंडलायुक्त एवं जिलाधिकारियों को ठंड से निपटने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।

शेल्टर होम पर व्यवस्थापक का नाम और मोबाइल नंबर अवश्य दर्शाएं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शीतलहरी से निपटने के लिए जिलाधिकारियों, मुख्य विकास अधिकारियों, अपर जिलाधिकारियों, उपजिलाधिकारियों एवं तहसीलदारों को अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमण कर निराश्रित, असहाय एवं कमजोर वर्ग के लोगों को चिह्नित करने के निर्देश दिये हैं। शीतलहरी से किसी भी व्यक्ति की मृत्यु न हो, यह सुनिश्चित करने को कहा गया है। सभी नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम एवं ग्रामीण इलाकों के सार्वजनिक स्थलों पर आवश्यकतानुसार अलाव जलाने को कहा गया है। इसके अलावा हर शहर की सीमा के तहत मुख्य मार्गों एवं विशेषकर दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों में सफेद थर्मोप्लास्टिक पेंट द्वारा पट्टियों को दर्शाने, रिफलेक्टर, सोलरकैट साईन एवं डेलिवेटर लगाने का काम समय से पूरा करने को कहा गया है, जिससे कोहरे के कारण दुर्घटना न हो। इसके अलावा अभियान चलाकर ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में कृषि कार्यों में उपयोग में आने वाली ट्रैक्टर ट्रालियों के पीछे रेडियम की पीली पट्टी लगवाने को कहा गया है, जिससे कोहरे के कारण होने वाली दुर्घटनाओं पर नियत्रंण किया जा सके। शासन ने निर्देश दिया है कि सभी नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत में समय रहते रैन बसेरे एवं शेल्टर होम आदि की स्थापना कर ली जाए। रैन बसेरों-शेल्टर होम पर व्यवस्थापक का नाम और मोबाइल नंबर अवश्य दर्शाया जाए। जनपद के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा रात में औचक निरीक्षण भी किया जाए।

Continue Reading

Trending