उत्तर प्रदेश
प्रयागराज मेला क्षेत्र में मिलेगी 10 रुपये की भोजन थाली, पांच रुपये में नाश्ता; रोज बदलेगा मेन्यू
प्रयागराज। प्रयागराज मेला क्षेत्र में पांच हजार श्रद्धालुओं की क्षमता वाले सामुदायिक किचन के साथ दो भोजन वितरण केंद्र की स्थापना की जाएगी। इस किचन से सस्ते दर पर पांच रुपये में नाश्ता और 10 रुपये में भोजन की थाली दी जाएगी।
इसके अलावा मेला क्षेत्र में गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ दो सौ से लेकर एक हजार रुपये तक जुर्माना लगाने का भी प्रस्ताव लाया गया। यह निर्णय शनिवार को मेला प्राधिकरण बोर्ड की 16वीं बैठक में लिया गया। मंडलायुक्त कार्यालय के गांधी सभागार में बोर्ड की बैठक शाम छह बजे शुरू हुई।
इसमें स्वच्छ कुंभ कोष से प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा निगम, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान, कन्या सुमंगला योजना, सफाई कर्मियों, नाविकों की बालिकाओं को शिक्षा प्रोत्साहन योजना और श्रम योगी मानधन योजना का लाभ माघ मेले में तैनात तीन हजार सफाई कर्मियों और पंजीकृत नाविकों के परिवारों को दिलाने की जानकारी दी गई। मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने इसमें गड़बड़ी रोकने के लिए ऐसे लाभार्थियों का समय रहते सत्यापन कराने का भी निर्देश दिया।
कूड़ा फैलाने वालों लगेगा जुर्माना
इसी तरह सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट अधिनियम के तहत मेला क्षेत्र में कूड़ा- करकट, सेनेटरी वेस्ट की रोकथाम के लिए जुर्माना लगाने के प्रावधान पर भी सहमति बनी। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम- 2016 के भाग दो, धारा तीन के तहत जुर्माना लगाया जाएगा।
इसके तहत बोर्ड ने कूड़ा कंटेनर न रखने वाले स्ट्रीट वेंडर्स और बिना लाइसेंस चलने वाली दुकानों पर 200 रुपये और अस्थाई कमर्शियल दुकानों, होटल, मिष्ठान भंडारों पर गार्बेज कंटेनर का प्रयोग न किए जाने पर एक हजार रुपये फाइन लगाने का प्रावधान किया गया।
इसके अलावा बेहतर साफ-सफाई रखने वालों को चिह्नित कर पुरस्कृत करने को भी कहा। इस मौके पर कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद, डीएम नवनीत सिंह चहल,पीडीए उपाध्यक्ष अरविंद कुमार चौहान उपस्थित थे।
माघ मेला में बिजली के खंभों पर होगी विशेष लाइटिंग
माघ मेला में आने वाले तीर्थयार्थियों एवं पर्यटकों को बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए विशेष लाइटिंग की भी कार्ययोजना पर अमल के लिए चर्चा की गई। बताया गया कि मेला क्षेत्र में पोल पर स्पाइरल लाइटिंग एवं थेमेटिक लाइट लगाई जानी है।
इविवि के छात्र कुंभ के टूरिज्म पर करेंगे अध्ययन
महाकुंभ -2025 में आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने और आध्यात्मिक अनुभव के लिए टूरिज्म इंप्रूवमेंट इनीशिएटिव संबंधी अध्ययन इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के मोनीर्बा डिपार्टमेंट से कराने के प्रस्ताव को भी अनुमोदन मिला। टूरिस्ट प्रोफाइलिंग, टूरिस्ट जर्नी मैपिंग के साथ ही टूरिस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर गैप के आकलन पर कार्य किया जाएगा।
कुंभ की परियोजनाओं धीमी प्रगति पर अफसरों को नोटिस
महाकुंभ- 2025 के तहत निर्माणाधीन परियोजनाओं की समीक्षा में पीडीए, जल निगम और उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कारपोरेशन के कार्यों की गति धीमी पाई गई।
उत्तर प्रदेश
महाकुम्भ के लिए केंद्र से मिलेगा 2100 करोड़ रुपए का ‘उपहार’
लखनऊ। जनपद प्रयागराज में आगामी जनवरी माह से शुरू हो रहे विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक समागम- ‘महाकुम्भ-2025’ के लिए केंद्र सरकार की ओर से बड़ा ‘उपहार’ भेजा गया है। उत्तर प्रदेश सरकार के अनुरोध पर केंद्र सरकार ने 2100 करोड़ रुपए की विशेष अनुदान सहायता राशि स्वीकृत करते हुए पहली किस्त के रूप में 1050 करोड़ रुपए निर्गत कर दिये हैं। बता दें कि महाकुम्भ का आयोजन 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 के मध्य निर्धारित है। महाकुम्भ मेला के सकुशल आयोजन के लिए भारत सरकार से एकमुश्त विशेष सहायता अनुदान के रूप में धनराशि स्वीकृत किये जाने उप्र शासन द्वारा केंद्र सरकार से विशेष से अनुरोध किया गया था।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पहले ही 5435.68 करोड़ रुपए भव्य, दिव्य और डिजिटल महाकुम्भ के आयोजन पर खर्च कर रही है। सरकार द्वारा महाकुम्भ के लिए 421 परियोजनाओं पर यह धनराशि खर्च की जा रही है। प्रदेश सरकार की ओर से अबतक 3461.99 लाख की वित्तीय स्वीकृति निर्गत की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त विभिन्न विभागों, जिसमें लोक निर्माण विभाग, आवास एवं शहरी नियोजन विभाग, सेतु निगम, पर्यटन विभाग, सिंचाई, नगर निगम प्रयागराज, द्वारा विभागीय बजट मद से 1636.00 करोड़ रुपए की 125 परियोजनाओं को क्रियान्वित कराया जा रहा है।
महाकुम्भ 2025 के अन्तर्गत अवसंरचनात्मक सुविधायें, जिसमें रेलवे ओवरब्रिज, रेलवे अण्डरब्रिज, सड़कों का सुदृढ़ीकरण एवं चौड़ीकरण का कार्य, नदी के किनारे कटाव निरोधक कार्य सहित इण्टरलॉकिंग सड़क मार्ग, रिवर फन्ट का निर्माण, स्मार्ट सिटी एवं प्रयागराज विकास प्राधिकरण के समन्वय से प्रयागराज को सर्वश्रेष्ठ स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किये जाने की कार्ययोजना के अन्तर्गत समस्त चौराहों का थीम बेस्ड सौन्दर्याकरण, आईटी बेस्ड मॉनिटरिंग इत्यादि कार्य एवं श्रद्धालुओं के लिए स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था का सुचारू रूप से संचालन किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त स्वच्छ भारत मिशन एवं नगर निगम, प्रयागराज के समन्वय से शहर की साफ-सफाई एवं स्वच्छता के लिए उच्च कोटि की व्यवस्था की जा रही है। सॉलिड वेस्ड प्रबन्धन एवं शहर को 100 प्रतिशत सीवरेज ट्रीटमेन्ट से आच्छादित किया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त महाकुम्भ 2025 के अन्तर्गत विभिन्न अभिनव प्रयोग यथा, जिसमें डिजीटल कुम्भ म्यूजियम का निर्माण एवं पर्यटन रूट सर्किट (प्रयागराज-अयोध्या-वाराणसी-विन्ध्यांचल-चित्रकूट) का निर्माण इत्यादि किये जा रहे हैं। महाकुम्भ 2025 के अन्तर्गत श्रद्धालुओं, पर्यटकों एवं दर्शनार्थियों के आवागमन एवं पुण्य स्नान किये जाने की अत्युत्तम व्यवस्था की जा रही है। साथ ही महाकुम्भ 2025 को दिव्य महाकुम्भ, भव्य महाकुम्भ के साथ-साथ स्वच्छ महाकुम्भ, सुरक्षित महाकुम्भ, सुगम महाकुम्भ, डिजिटल महाकुम्भ, ग्रीन महाकुम्भ की अवधारणा के रूप में विकसित किये जाने का लक्ष्य है।
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