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उत्तर भारत में फिर घने कोहरे का कहर, उड़ान-रेल सेवाएं चरमराईं; J&K में बारिश से सूखा खत्म
नई दिल्ली। उत्तर भारत एक बार फिर घने कोहरे और बर्फीली ठंड की चपेट में आ गया। सोमवार को भले ही चटक धूप खिलने से थोड़ी राहत मिली थी, लेकिन मंगलवार से फिर वही स्थिति हो गई जो बुधवार को भी जारी रही।
मंगलवार को पंजाब, हरियाणा, उत्तर पश्चिम राजस्थान, उत्तर प्रदेश समेत ज्यादातर क्षेत्रों में सुबह के समय घना कोहरा छाया रहा। दिन निकलने के बाद हल्की धूप खिली, लेकिन उससे बहुत राहत नहीं मिली। कोहरे की सबसे बुरी मार उड़ान और रेल सेवाओं पर पड़ी और पूरी व्यवस्था चरमरा गई।
मौसम विभाग के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश समेत पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र और आसपास के मैदानी इलाकों में 4 फरवरी तक बारिश होगी। इस दौरान 31 जनवरी और 1 फरवरी को कुछ इलाकों में तेज बारिश हो सकती है। हिमालय में अगले 48 घंटे में बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया गया है।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि पंजाब के अमृतसर, पटिलाया, हरियाणा के अंबाला, राजस्थान के गंगानगर और पूर्वी उत्तर प्रदेश के वाराणसी में बहुत अधिक घना कोहरा देखा गया। इन जगहों पर सुबह साढ़े पांच बजे दृश्यता घटकर 25 मीटर रह गई थी।
इसके चलते सड़क यातायात से लेकर आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। घने कोहरे के कारण धूप नहीं खिलने से ठंड भी अधिक महसूस की गई। अमृतसर में सुबह साढ़े पांज बजे 7.4 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया, जबकि अन्य जगहों पर 9-11 डिग्री के बीच न्यूनतम तापमान रहा।
दिल्ली और बिहार के कई इलाकों में भी घना कोहरा रहा। दिल्ली में पालम और सफदरजंग इलाकों में दृश्यता घटकर 50 मीटर रह गई थी। दक्षिण पश्चिम दिल्ली में सुबह के समय ज्यादा घना कोहरा रहा और तापमान गिरकर 11.4 डिग्री पर आ गया था। वहीं, पटना में 10 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया।
19 ट्रेनें देर, कई उड़ानें भी विलंब
उत्तर रेलवे ने बताया कि घने कोहरे के कारण रेल यातायात व्यवस्था बेपटरी हो गई। दिल्ली आने वाली कम से कम 19 ट्रेनें अपने निर्धारित समय से कई घंटों की देरी से चलीं। इनमें जम्मू तवी-दिल्ली एक्सप्रेस, हॉवड़ा-दिल्ली दुरंतो, हॉवड़ा-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस, रीवा-आनंद विहार एक्सप्रेस, दिल्ली-मोगा एक्सप्रेस शामिल थीं।
ट्रेनों के देर से चलने के वजह से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन समेत अन्य स्टेशनों पर यात्रियों की भारी भीड़ देखी गई। यही हाल इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर रहा। उड़ानों में देरी की वजह से हवाईअड्डे पर भी यात्रियों की भीड़ रही। विलंब उड़ानों की सही संख्या के बारे में तो पता नहीं चल पाया, लेकिन अधिकारियों ने बताया कि इसमें घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों उड़ानें शामिल हैं।
हिमाचल के रोहतांग, डलहौजी में बर्फबारी
हिमाचल प्रदेश में बारिश को लेकर जारी ऑरेंज अलर्ट के बीच मंगलवार दोपहर बाद रोहतांग दर्रा, अटल टनल, डलहौजी और पांगी-भरमौर में बर्फबारी हुई। डलहौजी में सीजन की पहली बर्फबारी थी। मनाली में हल्की बारिश हुई।
प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में बुधवार और वीरवार को भारी बारिश और बर्फबारी का ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है। मंगलवार रात से सक्रिय होने वाले पश्चिमी विक्षोभ से मौसम में बदलाव आने की संभावना जताई गई है।
3 और 4 फरवरी को सक्रिय होने वाले पश्चिमी विक्षोभ से बारिश और बर्फबारी को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से आने वाले एक सप्ताह तक प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में मौसम खराब रहेगा।
उत्तराखंड में आज बारिश-हिमपात की चेतावनी
उत्तराखंड में भी इस बार कोहरे और शीतलहर चलने से ठंड का प्रकोप खूब सता रहा है। प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में बुधवार से भारी बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है।
इसके लिए मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है और 2,500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश और बर्फबारी होने की संभावना जताई गई है। प्रदेशभर में कहीं-कहीं तेज गर्जन और बिजली चमकने के साथ ओलावृष्टि की संभावना है।
जम्मू-कश्मीर में सूखा खत्म
जम्मू-कश्मीर में सर्दी के मौसम में जारी सूखे का दौर अब खत्म हो गया है। प्रदेश के पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी के बाद मंगलवार को कई हिस्सों में बारिश हुई। इससे शुष्क सर्दी और खासकर किसानों को राहत मिली है। अब पैदावार अच्छी होने की उम्मीद है। जम्मू में सुबह से शाम तक 3.4 एमएम बारिश हुई। इसके अलावा गुलमर्ग में भी 4.8 एमएम और कटड़ा में 0.8 एमएम बारिश हुई।
माइनस 6 डिग्री पारे के साथ गुलमर्ग प्रदेश में सबसे ठंडा स्थान रहा। इसके साथ ही जम्मू आने वाली आठ उड़ानें देरी से पहुंचीं। जबकि आठ ट्रेनें भी देरी से पहुंचीं। जम्मू में अधिकतम तापमान 16.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
उत्तर प्रदेश
संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट
संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.
कैसे भड़की हिंसा?
24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.
दावा क्या है?
हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.
किस आधार पर हो रहा है दावा?
दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.
किस आधार पर हो रहा है विरोध?
अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.
संभल का धार्मिक महत्व
शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.
इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.
धार्मिक विश्लेषण
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.
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