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प्रादेशिक

जातीय गणना पर झूठा क्रेडिट ले रहे राहुल गांधी, इसे मैंने करवाया: सीएम नीतीश ने किया पलटवार

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Nitish Kumar

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पटना। बिहार में एनडीए के साथ मिलकर सरकार बनाने के बाद पहली बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा है। पटना में मीडिया ने जब उनसे पूछा कि बिहार में जाति जनगणना का श्रेय राहुल गांधी ले रहे हैं, इस सवाल पर सीएम नीतीश कुमार ने तीखी प्रतिक्रिया दी।

उन्होंने कहा इससे बढ़कर कोई फालतू बात ही नहीं है। जाति आधारित गणना कब हुआ? आप भूल गए। मैंने नौ पार्टियों की मौजूदगी में जाति गणना करवाया। 2019 और 2020 में विधानसभा से लेकर सार्वजनिक बैठकों तक हर जगह जाति जनगणना कराने की बात कहता रहता था। इसके बाद 2021 में मैं प्रधानमंत्री से भी मिलने गया।

नीतीश कुमार ने स्पष्ट कहा कि सभी दलों की सहमति से मैंने जाति गणना करवाया। उस समय विपक्ष दूसरे तरफ थे, उनलोगों को भी मैंने कहा। मैं तो उन्हें ले भी गया था। क्या होना चाहिए यह आपलोग अच्छी तरह जानते हैं। कितने लोग किस काम को कैसे करेंगे, यह तो मैंने करवाया।

कितना काम किया है मैंने यह तो सब लोग जान ही रहे हैं। कोई अपना क्रेडिट का ले रहा है, इसे छोड़िए न, अब इन सब बातों का कोई मतलब नहीं है। जितनी बहाली हुई, यह सब सात निश्चय के तरह न हुआ है। इसपर भी कोई अपना दावा कर रहा है तो अब इसका कोई मतलब नहीं है।

नीतीश कुमार मामूली दबाव भी नहीं सह पाते हैं

दरअसल, भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक चुटकुला के जरिए हमला बोला था। उन्होंने यह भी कहा था कि नीतीश कुमार मामूली दबाव भी नहीं सह पाते हैं। थोड़ा सा दबाव पड़ने पर यू-टर्न ले लेते हैं। राहुल ने दावा किया कि बिहार में जातीय गणना उनके ही दबाव में हुई। बिहार की जनता से इंडी गठबंधन ने सामाजिक न्याय का वादा किया था।

राहुल गांधी ने कहा कि नीतीश कुमार को हमने स्पष्ट कहा कि आपको जातिगत गणना करानी होगी, हम छूट नहीं देंगे। इसके बाद राजद और कांग्रेस ने दबाव डालकर यह काम करवाया। राहुल ने यह भी कहा था कि सरकार में आने पर इंडी गठबंधन पूरे देश में जातीय गणना कराने पर प्रतिबद्ध है।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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