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उत्तर प्रदेश

सपा बोली- कांग्रेस को जो सीटें लड़नी हैं वे बता दी गईं, कांग्रेस ने शुरू की हर सीट की तैयारी

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SP said - The seats that Congress has to contest were told, Congress started preparations for every seat.

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लखनऊ। उप्र में कांग्रेस और सपा के बीच लोकसभा चुनाव 2024 में सीट बंटवारे को लेकर चल रही रार खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। इंडिया गठबंधन में सपा और कांग्रेस के बीच अभी सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप नहीं दिया गया है, लेकिन उससे पहले ही सपा ने अपने प्रत्याशी घोषित करने प्रारंभ कर दिए हैं, इससे कांग्रेस के नेता असहज हैं।

वहीं, सपा सूत्रों का कहना है कि मप्र की घटना से सबक लेकर उनकी पार्टी आगे बढ़ रही है। उनका कहना है कि कांग्रेस को जो सीटें दी जानी है, उसकी जानकारी मुकुल वासनिक की अगुवाई में बनी उनकी कमेटी को दे दी गई है।

इस पर सवाल वे ही नेता उठा रहे हैं जो न तो कमेटी में है और न ही उन्हें कमेटी ने कोई जानकारी दी है। मप्र चुनाव के दौरान कांग्रेस ने जिस तरह से सपा के साथ व्यवहार किया, वह सबके सामने है। कई राउंड की बातचीत के बाद गठबंधन के तहत सपा को कोई सीट नहीं दी थी।

सभी सीटों की तैयारी में कांग्रेस

दूसरी तरफ, कांग्रेस ने सभी लोकसभा सीटों पर अपनी तैयारी शुरू कर दी है। बुधवार को प्रदेश प्रभारी व प्रदेश अध्यक्ष ने अलग अलग बैठकों में एक-एक सीट की समीक्षा की। वहां जीतने-हारने की संभावनाओं को टटोला।

बैठक के बाद जिला व सीट स्तर पर सोशल मीडिया समन्वयक तैनात करने की बात हुई। इसी के तहत छह फरवरी को 2019 के लोकसभा, 2022 के विधान सभा प्रत्याशियों और पदाधिकारियों का संवाद कार्यक्रम होगा। इस कार्यक्रम में उनसे फीडबैक लिया जाएगा।

पीएल पुनिया बनाए गए संयोजक

उप्र में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के सफल संचालन हेतु कांग्रेस महासचिव/प्रभारी अविनाश पांडेय की स्वीकृति से प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने पूर्व सांसद पीएल पुनिया को कार्यक्रम का संयोजक और आराधना मिश्रा ‘मोना’ को सह-संयोजक बनाया है।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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